हरियाणा के नूंह में हुई सांप्रदायिक झड़प को लेकर विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल ने देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की. इसके बाद कई राईट विंग संगठन ने इसका अनुसरण करते हुए अलग-अलग राज्यों में ‘महापंचायत और ‘रोश प्रदर्शन’ का आयोजन किया. इनमें यूनाइटेड हिंदू फ्रंट, हिंदू महासभा, ऑल इंडिया सनातन फ़ाउंडेशन और हिंदू सेना जैसे संगठन शामिल हैं.

18 अगस्त को ऑल्ट न्यूज़ ने ऐसी 9 बैठकों पर रिपोर्ट पब्लिश की जिसमें मुसलमानों के खिलाफ़ जमकर नफरती भाषण और हिंसा के खुले आह्वान किए गए. इस रिपोर्ट में दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, हरियाणा और झारखंड में विभाजनकारी, भड़काऊ भाषण और हिंसक नारे वाली ऐसी विरोध रैली और प्रदर्शन के कुछ और उदाहरणों का विश्लेषण और डॉक्यूमेंटेशन किया गया है.

इन विरोध रैलियों और बैठकों में भाग लेने वालों ने पुलिस की मौजूदगी में कई मौकों पर नफरत वाले भाषण दिए और मुसलमानों के खिलाफ हिंसा और उनके आर्थिक बहिष्कार के खुले आह्वान किए. साथ ही भड़काऊ नारे लगाए. भाजपा नेता अनुराग ठाकुर की वजह से लोकप्रिय बना ‘गोली मारो सालों को’ नारे का इस्तेमाल लगभग हर रैली में किया गया. पंजाब के फाजिल्का में VHP नेता पारस बिश्नोई ने कहा कि मुसलमानों को गोधरा नहीं भूलना चाहिए, ये तो सिर्फ ट्रेलर है. इसी तरह की बातें राष्ट्रीय राजधानी के केंद्र करोल बाग में एक प्रदर्शनकारी द्वारा फिर से दोहराया गया. शाहदरा में बीजेपी नेता जय भगवान गोयल ने कहा कि जिहादियों को मारने का समय आ गया है; वहां से दिल्ली ज़्यादा दूर नहीं, दिल्ली के बाहरी इलाके नजफ़गढ़ में लोगों को ये याद दिलाया गया कि अगर वो पागल कुत्ते को देखें तो उसे गोली मार दें. हरियाणा के कुरूक्षेत्र में एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि वो हर सुअर (मुसलमानों का ज़िक्र करते हुए) को सार्वजनिक रूप से फांसी पर लटकाने की ज़िम्मेदारी व्यक्तिगत रूप से लेने के लिए तैयार है.

दिल्ली के जंतर-मंतर पर हिंदू महापंचायत

11 अगस्त को हरियाणा के पलवल के पोंडरी गांव में आयोजित हिंदू महापंचायत में भारी भीड़ के बाद, हिंदूवादी संगठन (अखिल भारतीय सनातन फ़ाउंडेशन और हिंदू सेना) ने घोषणा की कि 20 अगस्त को नई दिल्ली के जंतर मंतर में एक ऐसी ही महापंचायत आयोजित की जाएगी. 11 अगस्त की हिंदू महापंचायत में कई वक्ताओं ने ‘हेट स्पीच न देने’ की पॉलिसी और पुलिस की मौजूदगी के बावजूद खुली धमकियां दीं. हालांकि, 20 अगस्त को दिल्ली के जंतर-मंतर पर आयोजित महापंचायत को पुलिस ने बीच में ही रोक दिया था. क्योंकि कुछ वक्ताओं ने मना करने के बावजूद एक समुदाय के खिलाफ “भड़काऊ भाषण” दिए थे.

विवादास्पद हिंदू नेता और उत्तर प्रदेश में डासना देवी मंदिर के प्रमुख, यति नरसिंहानंद सरस्वती पर पहले भी कई बार अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ नफरत भरे भाषण देने के आरोप लगे हैं. दिल्ली महापंचायत के वक्ताओं में से एक यति नरसिंहानंद भी थे. उन्होंने अपने भाषण में कहा कि हिंदू पीड़ित हैं और उनकी धार्मिक पहचान के कारण, विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय द्वारा हिंदुओं पर लगातार अन्याय किया जा रहा है.

नूंह में हुई पुलिस कार्रवाई के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस ने हिंदुओं को हिरासत में लिया जबकि खुद पुलिस पर भी ‘इस्लामिक जिहादी’ हमला कर रहे थे. इस वीडियो में 29 सेकेंड पर, वो कहते हैं, “..सबसे बड़ी बात नूंह की क्या खास बात रही जिन पुलिस वालों को वहां पर इस्लाम के जिहादी पीट रहे थे वो पुलिस वाले हिंदुओं को अरेस्ट कर रहे थे.. सारी दुनियां ने देखा जो वहां पर पराकाष्ठा हिंदुओ के साथ अन्याय की हुई और वो भी कब हुई? जब सरकार हमारी, अभी तो सारे प्रशासन में हिंदू हैं, सारी पुलिस हिंदुओं की है, सब कुछ हिंदुओं का है, तब ये हमारे साथ हो रहा है. और भईया जिस तरह की स्थिति है ये समझ लो, 2029 में भारत का प्रधानमंत्री मुसलमान बनेगा. क्योंकि हिंदुओं के घर में दो बच्चे हैं नहीं.” उन्होंने आगे कहा, “हम हिंदू अगर कुछ बोलें तो सब हमारे ऊपर रिपोर्ट भी लिखी जाती है, जेल भी भेजा जाता है और ज़रूरत पड़ने पर हमारी गरदनें भी कटवाई जाती हैं. लेकिन जो हमें मारना चाहते हैं, पूरी दुनिया में जो सबको मार रहे हैं, उन्हें इस देश में ‘शांतिप्रिय’ बोला जाता है.”

उन्होंने हिंदुओं को ये तय करने की भी सलाह दी कि वो किस महासागर में कूदेंगे क्योंकि अब उनके लिए कोई ज़मीन नहीं बची है और वो लड़ने के इच्छुक भी नहीं हैं – इन विरोध रैलियों में भाग लेने वाले कई लोगों ने इस बात को दोहराया. उन्होंने ये भी ज़िक्र किया कि अगर हिंदू भागना या छिपना नहीं चाहते हैं और यहां ज़िंदा रहना चाहते हैं तो उन्हें “जिहादियों” की नकल करनी होगी. 2 मिनट 43 सेकेंड पर वो कहते हैं, “अगर तुम्हारी आबादी इसी तरह घटती रही और मुस्लमानों की आबादी इसी तरह बढ़ती रही, तो भईया वही होना है जो हज़ार साल इस देश के इतिहास में हुआ कश्मीर में हुआ, पाकिस्तान में हिंदुओं के साथ हुआ, बांग्लादेश में हुआ, अफ़ग़ानिस्तान में हुआ, सीरिया में हुआ, इराक में हुआ, अरब में हुआ… हिन्दू हर जगह से भागते रहे और यहां आ के छिपते रहे, अब आगे ज़मीन तो हिंदुओं के भागने के लिए खत्म हो गई है, अब तो केवल महासागर रह गए हैं, किस महासागर में डूब के मरना है इसे तय कर लो… क्योंकि लड़ना तो तुम्हारे बस की है नहीं.. एक दिन अपनी बहन बेटी दे के मुसलमानों को सभी को मरना ही तो है… और अगर इससे बचना चाहते हो भईया तो जो ये कर रहे हैं न जिहादी, इनको कॉपी करनी पड़ेगी हर तरह से. यदि इन्हें कॉपी नहीं करोगे तो ज़िंदा नहीं बचोगे.” इस बात के बाद वीडियो में देखा जा सकता है कि यति नरसिघानंद को प्रदर्शन क्षेत्र से बाहर ले जाया गया. द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, जब वो अपना भाषण पूरा कर रहे थे तो दिल्ली पुलिस ने हस्तक्षेप किया और उनसे रुकने का आग्रह किया.

अंतिम वक्ता के रूप में हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने मंच संभाला और अपना भाषण दिया, कुछ मिनटों के बाद दिल्ली पुलिस प्रदर्शन वाली जगह पर आई और सभी को महापंचायत खत्म करने के लिए कहा.

पुलिस के हस्तक्षेप से पहले विष्णु गुप्ता ने मुस्लिम आबादी वाले मेवात क्षेत्र को “आतंकवाद और जिहाद का घर” कहने जैसी टिप्पणियां कीं और कहा कि ज़्यादातर साइबर क्राइम और डकैती के मामले मेवात से थे. उन्होंने ‘जिहादियों’ से निपटने के लिए मेवात में जल्द से जल्द CRPF कैंप स्थापित करने की भी मांग की. दिल्ली पुलिस द्वारा रोके जाने से पहले, उन्हें 1 मिनट 52 सेकेंड पर ये कहते हुए सुना जा सकता है, “इस देश का बंटवारा जो हुआ था वो धर्म के आधार पर हुआ था.. लेकिन फिर भी.. मैं मानता हूं ये अधूरा बंटवारा रहा. जब तक इस देश में एक भी मुसलमान रहेगा, जब तक ये बंटवारा पूरा नहीं.”

इस पॉइंट पर हस्तक्षेप करते हुए, एडिशनल DCP (नई दिल्ली) हेमंत तिवारी ने 2 मिनट 34 सेकंड पर कहा, “आप आयोजकों को कई बार बताया जाता है कि किसी धर्म विशेष के प्रति कुछ भी नहीं बोलना है. हमारे बार-बार बोलने के बाद भी आपलोग नहीं मान रहे हैं. इसलिए आपकी जो पंचायत थी वो यहीं पे खत्म की जाती है, आप सभी से निवेदन है अपने-अपने घर जाइए.”

22 अगस्त को महापंचायत के आयोजक (अखिल भारतीय सनातन फ़ाउंडेशन) के खिलाफ शर्तों का उल्लंघन करने के लिए दिल्ली पुलिस ने धारा 188 (कानून द्वारा अधिकार प्राप्त एक लोक सेवक द्वारा दिए गए आदेश की जानबूझकर अवमानना) के तहत मामला दर्ज किया. कानूनी विशेषज्ञों ने कहा कि मामले की समीक्षा करते समय उन्हें अभद्र भाषा की कोई कंटेंट नहीं मिली और पुलिस को IPC की धारा 188 के तहत प्राथमिकी दर्ज करने की सलाह दी गई.

शाहदरा चौक, नई दिल्ली: “जिहादियों को मारने का समय”

यूनाइटेड हिंदू फ्रंट द्वारा अपने अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष, भाजपा नेता जय भगवान गोयल के नेतृत्व में 3 अगस्त को नई दिल्ली के शाहदरा चौक इलाके में एक प्रोटेस्ट रैली आयोजित की गई थी. जंतर-मंतर पर हुई महापंचायत में गोयल भी मौजूद थे. इस रैली में – “हम नूंह को मिनी पाकिस्तान नहीं बनने देंगे”, “हम भारत को गजवा-ए-हिंद नहीं बनने देंगे”, “नूंह के दंगाइयों को फांसी दो” और “जय हिंदू राष्ट्र” जैसे नारे लगे. प्रदर्शनकारियों के हाथ में दिख रहे पोस्टरों पर भी यही नारे लिखे हैं.

जय भगवान गोयल ने अपने भाषण में कहा, ”नूंह अपने आप में मिनी पाकिस्तान बना हुआ है, नूंह अड्डा है जिहादियों का.. नूंह अड्डा है ‘लव जिहाद’ करके हिंदुओं की बहन बेटी को ले जाने का, और नूंह अड्डा है साइबर क्राइम करने वाले इन गुंडों का बदमाशों का, जिहादियों का और नूंह अड्डा है जो नशीले पदार्थ हैं, ड्रग्स हैं उनका अड्डा बना हुआ है. और जब-जब भी वहां पर पुलिसकर्मी कोई जाता है तो उनके ऊपर अटैक किया जाता है.” उन्होंने पत्रकार शाहीन अब्दुल्ला का ज़िक्र करते हुए उन्हें ‘जिहादी’ बताया जो हिंदू संगठनों को ऐसे प्रदर्शन करने से रोकते हैं. जय भगवान गोयल को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरह सभी राज्य सरकारों से “जिहादियों” के खिलाफ “बुलडोज़र कार्रवाई” करने का आग्रह करते हुए भी सुना जा सकता है. उन्होंने 8 मिनट 28 सेकेंड पर कहा, “अधिक मास चल रहा है. अधिक मास भगवान विष्णु जी ने राक्षसों का वध करने के लिए बनाया था.. मुझे लगता है कि ये सारे के सारे असुर, राक्षस, जिहादी, बांग्लादेशी के रूप में, रोहिंग्या के रूप में, PFI के रूप में, फिर से एक्टिव हो गए हैं..लगता है अधिकमास इनका आखिरी समय आ गया है. (10 मिनट 13 सेकेंड) …अब समय आ गया है जो ये अधिक मास है इन राक्षसों का, इन जिहादियों का, इस्लामिक आतंकवादियों का अंत होगा और हमारा भारत इन जिहादियों से इन आतंकवादियों से सदा सदा के रहित होगी.”

करोल बाग, दिल्ली: “आपको गोधरा के बारे में ज़रुर जानना चाहिए…”

3 अगस्त को बजरंग दल के नेतृत्व में दिल्ली के करोल बाग में आयोजित विरोध प्रदर्शन में प्रदर्शनकारियों ने मुस्लिम समुदाय को खुले तौर पर धमकियां दीं. उन्हें कुछ मीडिया आउटलेट्स को बयान देते हुए भी देखा गया. ऊपर एम्बेड किये गए वीडियो की शुरुआत में एक प्रदर्शनकारी को ये कहते हुए सुना जा सकता है, “हमारा जलाभिषेक जो अधूरा रह गया उसे हमें पूरा करने की परमिशन दी जाय और यात्रा को वापस से निकाला जाय और इस बार प्रशासन से कोई चूक नहीं होनी चाहिए और प्रशासन अगर नहीं कर सकता तो VHP और बजरंग दल को बता दे.”

प्रदर्शनकारियों में से एक को 1 मिनट 46 सेकंड पर ये कहते हुए सुना जा सकता है, “मैं आज करोल बाग ज़िला के इस कार्यक्रम के माध्यम से उन मेवात के विधर्मियों ये याद दिलाना चाहता हूं कि आप मेवात में 80% हैं ठीक है अच्छी बात है.. (2 मिनट 11 सेकेंड) 80% हिंदू समाज पूरे भारत में है. अगर पूरे भारत का हिंदू जो 80% है वो आप ही की मानसिकता की तरह अगर घर से निकला तो इस देश की दुर्दशा तो दूर है आपकी दुर्दशा क्या होने वाली है ये ध्यान कर लेना.” एक और प्रदर्शनकारी ने कहा कि वो (हिंदू समुदाय) अपने ऊपर हुए इस हमले के बाद पीछे नहीं हटेंगे, यात्रा फिर से उसी रास्ते से आयोजित की जाएगी और इस बार इसमें ज़्यादा प्रतिभागी शामिल होंगे और बड़ी यात्रा होगी.

मीडिया आउटलेट मॉलिटिक्स से बात करते हुए, एक प्रदर्शनकारी ने मुस्लिम समुदाय को खुली धमकी देते हुए उन्हें याद दिलाया कि वो अल्पसंख्यक हैं. जब उनसे पूछा गया कि क्या हिंदू आज खतरे में हैं, तो उन्होंने जवाब दिया, “हिंदू खतरे में तब तक है जब तक हिंदू शांत हैं. जब हिंदू खड़ा होता है तो आप अपने आस पास का मंजर देख लो, हिंदू ये सब कर सकता है (विरोध रैली का ज़िक्र करते हुए) … (6 मिनट 51 सेकेंड) गोधरा तो आपको पता ही है न, मुझे बताने की ज़रूरत नहीं है, आपको पता है न, बस…” एक और प्रदर्शनकारी ने 9 मिनट 18 सेकेंड पर कहा, “किसी भी एक सिंबल को, पार्टी के सिंबल को सपोर्ट करने से कुछ नहीं मिलने वाला..अगर आपको सपोर्ट करना है तो केवल और केवल लीडरशिप को सपोर्ट करिए..अगर मेवात के सीएम योगी होते तो आपको लगता है कि वहां पर कुछ हो जाता..”

नजफ़गढ़, दिल्ली: ‘पागल कुत्ता दिखे? उसे शूट करें”

2 अगस्त को दिल्ली के नजफ़गढ़ में बजरंग दल ने एक विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया जहां हिंदुत्व संगठन के कुछ सदस्यों ने भाषण दिए. नीचे एम्बेड किए गए वीडियो में 1 मिनट 50 सेकेंड पर एक प्रमुख प्रदर्शनकारी ये कहता है, “अगर कोई जिहादी हरकत हमारे सामने करता है तो उसे सबक सिखाने का काम भी हमें करना ही है.”

जब एक और वक्ता अपना भाषण दे रहा था, तो बैकग्राउंड में ये नारा सुना जा सकता था: देश के गद्दारों को गोली मारो सालों को, जिसके बाद “जय श्री राम” के नारे गूंजे. प्रदर्शनकारियों में से एक ने रैली में भाग लेने वालों से कहा कि वो कुछ समय के लिए ‘अहिंसा परमो धर्म’ (अहिंसा मेरा परम कर्तव्य है) को खूंटी पर टांग दें. 7 मिनट 7 सेकेंड पर कहा जाता है, “पागल कुत्ता हो जाय तो पुचकारोगे? (भीड़ में से लोगों ने कहा गोली मारेंगे साले को) आदमखोर शेर हो जाए तो क्या नहीं मारोगे?” विरोध रैली की 25 मिनट की लाइवस्ट्रीम यहां देखी जा सकती है, वीडियो में देखा जा सकता है कि रैली स्थल पर पुलिसकर्मी भी मौजूद थे.

फ़ाजिल्का, पंजाब: “गोधरा सिर्फ एक ट्रेलर था, मत भूलो.”

2 अगस्त को पंजाब के फाजिल्का में बजरंग दल के नेतृत्व में एक विरोध रैली आयोजित की गई थी. रैली को कुछ स्थानीय मीडिया आउटलेट्स ने कवर किया था जहां प्रदर्शनकारियों को ‘रोश प्रदर्शन’ के पोस्टर के साथ चलते हुए और पुतला जलाते हुए देखा जा सकता था. प्रदर्शनकारियों में से एक नारे का नेतृत्व करने वाले व्यक्ति ने जोर से कहा – देश के गद्दारों को – जिसके बाद भीड़ में से कुछ ने कहा – जूते मारो सालों को , जबकि कुछ लोगों ने नारे लगाए – गोली मारो सालों को.

दो वक्ताओं के बाद VHP नेता पारस बिश्नोई ने रैली में शामिल लोगों को संबोधित किया. मोनू मानेसर के बारे में बात करते हुए उन्होंने जुनैद और नासिर की हत्या को सही ठहराया जिसमें मोनू मानेसर आरोपी है. उन्होंने गोधरा में जो हुआ उसके बारे में बात करते हुए मुसलमानों को खुली धमकियां भी दीं. वीडियो में पुलिसकर्मियों को आसपास खड़े देखा जा सकता है.

पारस बिश्नोई ने कहा, ”और उस मेवात वाली यात्रा का पूरा का पूरा ठीकरा आपने देखा होगा की सोनू मानेसर और एक वहां बिट्टू बजरंगी उनके ऊपर फोड़ दिया. तो मैं आपको एक बात बताना चाहता हूं कि सोनू तो वहां पर गया ही नहीं था, हमने उसकी वीडियो देखी..और दूसरी एक उस बात पे भी नज़र डालने वाली बात है, वो बोलते हैं कि सोनू ने पहले जुनैद और नासिर की वहां (नूंह) पर जलाकर हत्या कर दी, अरे जो मुल्ला गाय को काटेगा तो उसको गले लगाएंगे क्या?… (43 सेकेंड पर) ब बात हमारी गाय माता की बात आती है, जब हमारे धर्मग्रंथों की, हमारे ऋषि मुनियों साधू-संतों की बात आती है, तो किसी को जलाना क्या, काटना भी पड़ेगा तो काटेंगे.. मैं आपको एक विश्वास दिलाना चाहता हूं, गर आमने सामने का मुकाबला हो जाए न साथ में तो वो कोई टिकने वाले नहीं हैं और हमने उनको ट्रेलर दिखाया था गोधरा के अंदर..कभी उस बात को भूलना नहीं चाहिए..” इसके बाद वो 2002 में गुजरात के गोधरा स्टेशन पर ट्रेन जलाने की घटना के बारे में बात करते हैं और कहते हैं कि मुस्लिम समुदाय को ये ध्यान में रखना चाहिए कि इसके परिणाम क्या थे. उन्होंने मणिपुर का भी ज़िक्र किया और कहा कि जहां भी हिंदू अल्पसंख्यक हैं वहां ऐसी चीजें होंगी, अगर हर जगह हिंदू बहुसंख्यक हैं तो ये हर समुदाय के लिए सबसे अच्छा होगा.

नरवाना, हरियाणा: “गोली मारो सालों को”

4 अगस्त को हरियाणा के नरवाना में बजरंग दल द्वारा एक प्रोटेस्ट रैली और उसके बाद एक बैठक का आयोजन किया गया था. प्रदर्शनकारी सनातन धर्म मंदिर से नरवाना के उप-विभागीय मजिस्ट्रेट कार्यालय तक पैदल चले थे. भारी पुलिस मौजूदगी के बीच रैली आयोजित की गई थी. हमने रैली की एक घंटे की फ़ुटेज देखी जिसमें नारे लग रहे थे – नूंह के हत्यारों को फांसी दो, नूंह के जिहादियों को गोली मारो सालों को, पुलिस के हत्यारों को फांसी दो, जय श्री राम, और हिंदू राष्ट्र जिंदाबाद के नारे लगाए गए.

इसके बाद SDM कार्यालय में एक छोटी बैठक आयोजित की गई जहां कुछ हिंदू नेताओं ने इन नफरत भरी नारेबाज़ी के बाद प्रदर्शनकारियों को संबोधित किया – ‘मेवात के हत्यारों को गोली मारो सालों को’ और ‘मेवात के जिहादियों को फांसी दो’.

वक्ताओं में से एक को 1 मिनट 24 सेकेंड पर ये कहते हुए सुना गया, “हमारे सात लोगों की जान गई है…सात लोग शहीद हुए हैं…नरवाना ही नहीं पूरे हिंदुस्तान के अंदर इसका रोष है…सरकार के पास हमारा संदेश पहुंचे.. की भविष्य में भी कभी..जो भी पूजा करने वाले हैं उनके अधिकारों का हनन न हो, हमारी सुरक्षा की जाय, दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाय और ये सुनिश्चित किया जाय की भविष्य में कभी धर्मप्रेमी लोगों पर निहत्थे लोगों पर जो देशद्रोही लोग है जो रोहिंग्या लोग हैं जो पाकिस्तानी..लोग हैं उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हो..” वो आगे कहते हैं, “अगर हमारी मांगों पे गंभीरता से विचार नहीं किया गया तो हम ‘ईंट से ईंट बजा देंगे’ चाहे हमारे सामने कोई भी आए.”

कुरूक्षेत्र, हरियाणा: “हर सुअर को फाँसी दी जाएगी”

भारी पुलिसकर्मी के मौजूदगी के बीच, 2 अगस्त को हरियाणा के कुरुक्षेत्र में मोहन नगर चौक पर कई हिंदूवादी संगठनों द्वारा एक विरोध रैली आयोजित की गई. यहां एक बुलडोजर भी तैनात किया गया था. रैली के क्लिप में प्रदर्शनकारियों को सांप्रदायिक झड़प के बाद राज्य में “बुलडोज़र कार्रवाई” का आग्रह करते हुए दिखाया गया है, कुछ प्रदर्शनकारियों को बुलडोज़र के सामने सवारी करते हुए भी देखा जा सकता है. उन्होंने ये नारे भी लगाए: “देश के गद्दारों को, गोली मारो सालों को” , “नूह, मेवात के मुल्लो को, गोली मारो सालों को”, “मुल्ला का ना काजी का ये देश हैं वीर शिवाजी का” ”जब मुल्ला काटा जाएगा, राम राम चिल्लाएगा” और “तेल लगाके डाबर का, नाम मिटा दो बाबर का”ये नारा हिंदू रक्षा दल की नेता पिंकी चौधरी द्वारा लोकप्रिय किया गया था, जिन्होंने 2020 में हुए JNU परिसर में हमले की जिम्मेदारी भी ली थी. प्रदर्शनकारियों ने इस बात पर भी नाराज़गी जताई कि प्रशासन, पुलिस और मुख्यमंत्री ने झड़प वाले दिन किस तरह कार्रवाई की और इस मामले को संभाल रहे हैं.

प्रदर्शनकारियों में से एक ने खुली धमकी दी कि अगर प्रशासन और पुलिस ने काम नहीं किया तो मामले को अपने हाथ में ले लेंगे, उन्होंने 3 मिनट 7 सेकेंड पर कहा: “मैं कुरुक्षेत्र प्रशासन को ये चुनौति दे रहा हूं कि अगर यहां से मुल्ले ना भगाए गए कुरुक्षेत्र से, 2 दिन का अल्टीमेटम देते हैं पुलिस, प्रशासन को, तो हम भगाएंगे.”

उसी प्रदर्शनकारी ने मीडिया को एक बयान दिया: “वास्तव में हरियाणा में बुलडोज़र की जरूरत है.. जिस तरह योगी आदित्यनाथ के यहां, उतरप्रदेश में यदी कोई घटना छोटी सी होती है तो बुलडोज़र किसी का इंतजार नहीं करता.” अन्य लोगों ने भी ऐसी ही बातें कही.

क्यूंकि प्रदर्शनकारी मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से नाखुश थे. उनका मानना ​​था कि वो हिंदुओं की रक्षा नहीं कर पा रहे हैं, इसलिए उन्होंने उन्हें “खट्टर मुल्ला” कहकर नारे लगाए और उसके बाद “मुर्दाबाद” (खट्टर मुल्ला मुर्दाबाद) के नारे लगाए. पहले वीडियो में एक मीडिया आउटलेट से बात करते हुए प्रदर्शन क्षेत्र में मौजूद एक शख्स ने 6 मिनट 32 सेकेंड पर कहा, “मुझे 24 घंटे के लिए मुख्यमंत्री बना दीजिए. एक भी सुअर अगर ढूंढने से मिल जाय, चौक पे खड़ा करके लाइव फांसी दे देना, मैं खुद सारी ज़िम्मेदारी लेता हूं.” हमने जो क्लिप देखी, उसके आखिर में प्रदर्शनकारी कहते हैं: पुकारती मां भारती, खून से तिलक करो, गोलियों से आरती.”

पाली मारवाड़, राजस्थान: “देश के गद्दारों को…”

राजस्थान के पाली मारवाड़ में, विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के सदस्यों ने 4 अगस्त को एक विरोध रैली का आयोजन किया. रैली के दौरान, प्रदर्शनकारियों ने ‘इस्लामिक जिहाद’ के नाम का एक पुतला जलाया और उत्तेजक नारे लगाए.

भारत में मुस्लिम समुदाय के प्रति नफ़रती नारा – देश के गद्दारों को गोली मारो सालों को – कई बार लगाया गया था. एक मीडिया आउटलेट से बात करते हुए, प्रदर्शनकारियों में से एक ने कहा, “ये हमारी कड़ी मांग है कि सरकार को तुष्टिकरण नहीं करना चाहिए.”

खंडवा, मध्य प्रदेश: ‘जिहादियों की कब्र खोदेंगे…”

3 अगस्त को मध्य प्रदेश के खंडवा में भी बजरंग दल की ओर से ऐसी ही विरोध रैली का आयोजन किया गया था. प्रदर्शनकारियों ने ये नारे लगाए: “देश के गद्दारों को गोली मारो सालों को” और “जिहादियों की कब्र खुदेगी खंडवा की धरती पर.” उन्होंने ‘जिहादी आतंकवाद’ का पुतला भी जलाया. ये प्रदर्शन भी पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में किया गया.

बाद में एक मीडिया आउटलेट को दिए गए बयान में बजरंग दल नेता आदित्य मेहता ने 1 मिनट 50 सेकेंड पर कहा, “आज खंडवा में (मेवात में हुई झड़प के विरोध में) ये पुतला दहन एवं आंदोलन का कार्यक्रम था… (2 मिनट 43 सेकेंड) आगे कभी वापस से यात्रा निकाली जाएगी और कभी इस तरह की गतिविधि वहां पर वापस होती है तो पूरे देश का हिंदू समाज उनको उतर देने के लिए ब्याज सहित तैयार है.”

रांची, झारखंड: “आर्थिक बहिष्कार करके उनसे लड़ें”

झारखंड में रांची के ठाकुरगांव में जाने-माने हिंदुत्व नेता और राज्य के हिस्ट्रीशीटर भैरो (भैरव) सिंह ने भाषण दिया. उन पर एक मुस्लिम लड़के की हत्या का भी आरोप था. लेकिन बाद में उन्हें क्लीन चिट दे दी गई थी. भैरव सिंह ने एक स्मरण समारोह में लोगों को संबोधित किया जहां नूंह में हुई झड़प के दौरान अपनी जान गंवाने वाले हिंदुओं के लिए प्रार्थना की जा रही थी. उन्होंने धर्मनिरपेक्षता में विश्वास करने वालों को लिंग आधारित अपमानजनक शब्द नपुंसक कहा और मुस्लिम समुदाय के खिलाफ पूर्ण बहिष्कार का आह्वान किया.

वो आगे कहते हैं – “वहां का माता लोग का वीडियो देखिए, रो रही थी, अपना कोई पति कोई बाप कोई भाई को खो दिया.. हमको नहीं लगता है बचेंगे..ई लोग हमरा बलात्कार कर रहे हैं..एक हज़ार वीडियो मिल जाएगा..यूट्यूब में.. अभियो, क्या करते हैं हमलोग..माथा में सेक्युलर का चोला पहन के..भईया हमलोग सेक्युलर हैं..एक ‘धर्म’ होता है एक ‘अधर्म’ होता है. एक नर होता है एक नारी.. बीच में जो होता है वो नपुंसक होता है.”

उन्होंने दर्शकों को ‘लव जिहाद’ से जुड़ी एक कहानी सुनाई जहां महिला को ज़िंदा जला दिया गया था. उन्होंने दर्शकों से पूछा कि ऐसी खबरें सुनने के बाद उन्होंने क्या किया है. उन्होंने कहा, “सब लोग जान रहे हैं.. आप लोग का किए.. जानने के समय में सबलोग हाथ उठा दिए जान रहे हैं..आपलोग के तरफ से क्या प्रतिक्रिया हुआ..(50 सेकेंड)ए केतना ‘हिंदू शेर’ लोग है जी? हिंदू शेर के नाम पे सब हाथ उठाएगा..शिकार करे में ई लोग के नानी मरता है..धर्म के लिए लड़ने कोई सामने नहीं आता है. हम ई नहीं बोल रहे हैं कि आमने सामने जा के लड़िए, ई भी समस्या हो जाएगा कि आमने सामने का युद्ध में FIR हो जाएगा, केस हो जाएगा, बच्चा जेल चला जाएगा. जेल जाने के लिए आपका भाई भैरव सिंह खड़ा है. हम लड़ रहे हैं, ई हम नय बोलेंगे कि आमने सामने का लड़ाई लड़िए. लेकिन हमलोग एक बहुत खतरनाक लड़ाई लड़ सकते हैं.. उसको बोलते हैं बहिष्कार… कईसे बेटा बहिष्कार? हूंआ (मुसलमानों) से बेटा कुछो नहीं खरीदना है.. टेंपो में लिखल देखो, भगवान का फ़ोटो त बईठ जाना है.. दूरी बना के रखना है..न कुछ खरीदना है..न कुछ बेचना है.”

हेट स्पीच पर सुप्रीम कोर्ट: स्वत: संज्ञान लेकर FIR दर्ज करें

28 अप्रैल, 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को हेट स्पीच की घटनाओं पर स्वत: संज्ञान लेते हुए FIR दर्ज़ करने और किसी की शिकायत दर्ज कराने का इंतज़ार किए बिना अपराधियों के खिलाफ़ कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. न्यायमूर्ति के एम जोसेफ़ और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना की पीठ ने कहा कि अदालत का आदेश हेट स्पीच में शामिल किसी भी व्यक्ति पर लागू होगा, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो. बेंच ने IPC की उन धाराओं के बारे में भी बताया जिसके तहत हेट स्पीच देने वालों के खिलाफ़ मामला दर्ज किया जा सकता है. ये धाराएं हैं- 153A (धर्म के आधार पर अलग-अलग समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 153B (राष्ट्रीय एकता के लिए प्रतिकूल आरोप लगाना), 505 (सार्वजनिक रूप से दुर्व्यवहार), और 295A (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कोई कार्य करना). अदालत ने ये भी कहा कि आदेश का पालन करने में पुलिस अधिकारियों की ओर से किसी भी तरह की हिचकिचाहट को अवमानना ​​के रूप में देखा जाएगा.

उससे एक महीने पहले उसी पीठ ने कहा था कि देश में सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए हेट स्पीच से निजात एक बुनियादी ज़रूरत है. द हिंदू की रिपोर्ट में कहा गया है, “ये मानते हुए कि संविधान भारत को एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के रूप में देखता है, शीर्ष अदालत ने पिछले साल 21 अक्टूबर को दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों को हेट स्पीच के मामलों पर सख्ती बरतने और दोषियों के खिलाफ़ शिकायत दर्ज कराने का इंतज़ार किए बिना आपराधिक मामले दर्ज़ करने का निर्देश दिया था.”

 

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

Tagged: