सोशल मीडिया पर 2 तस्वीरों का एक कोलाज किसानों के हालिया प्रदर्शन से जोड़कर शेयर किया जा रहा है. दावा है कि शाहीनबाग के प्रदर्शन में जो लोग मौजूद थे वही अब किसान प्रदर्शन में भी शामिल हुए हैं. ट्विटर हैन्डल ‘@rahulpassi’ ने ये कोलाज ट्वीट करते हुए लिखा, “गंगाधर ही शक्तिमान है।” आर्टिकल लिखे जाने तक इस ट्वीट को 1,900 लाइक्स और 500 से ज़्यादा रीट्वीट्स मिले हैं. (ट्वीट का आर्काइव लिंक)
गंगाधर ही शक्तिमान है। 🙄 pic.twitter.com/xwATuDGpUy
— Dr. राहुल (बवासीर का इलाज ट्वीट से किया जाता है)🙄 (@rahulpassi) December 2, 2020
एक और ट्विटर यूज़र ‘@AnjaliDevi72’ ने ये कोलाज ट्वीट किया है. (ट्वीट का आर्काइव लिंक)
क्या मैंने सच’ बोला, बताओ.?🙄
‘गंगाधर’ ही ‘शक्तिमान’ है.? 🙄 pic.twitter.com/hjUSciKDvm— अंजली देवी{TAF}{JSR}💯% FB. (@AnjaliDevi72) December 2, 2020
फ़ेसबुक पर ये कोलाज वायरल है. एक ट्विटर यूज़र ने ऑल्ट न्यूज़ को टैग करते हुए इस कोलाज की सच्चाई के बारे में पूछा. ऑल्ट न्यूज़ के व्हाट्सऐप नंबर पर भी कुछ लोगों ने इस कोलाज की जांच के लिए रीक्वेस्ट भेजी है.
फ़ैक्ट-चेक
कोलाज में जिस तस्वीर को किसान आंदोलन की बताया गया है वो असल में एंटी CAA प्रदर्शन की तस्वीर है. ऑल्ट न्यूज़ इस तस्वीर के बारे में 1 दिसम्बर 2020 को फ़ैक्ट रिपोर्ट पब्लिश कर चुका है. ये तस्वीर पहले इस झूठे दावे के साथ शेयर की गई थी कि ‘हाथरस वाली भाभी’ किसानों के साथ प्रदर्शन में भी देखी गयी हैं. ऑल्ट न्यूज़ की जांच के मुताबिक, ये तस्वीर शाहीनबाग के ऐंटी CAA प्रदर्शन की है.
इस तस्वीर से जुड़े अपने पिछले फ़ैक्ट चेक में कीवर्ड सर्च करने पर हमें एक ब्लॉग मिला था जहां 25 सितम्बर को इस तस्वीर को अपलोड किया गया था. इससे साबित हुआ था कि ये तस्वीर किसानों के आन्दोलन की तो बिल्कुल नहीं है.
पूरी इमेज को ध्यान से देखने पर पीछे दुकानों पर लिखे नाम नज़र आते हैं. हमने इससे हिंट लेते हुए इस इलाके को मैप पर जियोलोकेट किया था जहां तस्वीर ली गयी है.
1. रेमंड स्टोर का बोर्ड
2. पीटर इंग्लैंड
3. पनाश (Panache) एक्ज़िबिशंस प्राइवेट लिमिटेड
4. बिल्डिंग की चार खिड़कियां
ये सभी दिल्ली के शाहीन बाग़ के कालिंदी कुंज रोड पर स्थित हैं.
(नोट: नीचे दिए गए ग्राफ़िक में 2017 की गूगल मैप तस्वीर है, तब पनाश एक्ज़िबिशंस का बोर्ड नीला हुआ करता था.)
इस तस्वीर में पीछे एक हरा टेंट भी नज़र आ रहा है. ऑल्ट न्यूज़ ने उसी रोड के नज़दीक स्थित फै़क्ट्री प्राइस शॉप के मनीष जैन से संपर्क किया. उन्होंने बताया, “फ़िलहाल शाहीन बाग़ में ऐसे मूवेबल टेंट नहीं हैं. कोविड-19 के बाद से पुलिस ने यहां विरोध करने पर प्रतिबन्ध लगाया हुआ है. आखिरी बार CAA-NRC का फ़रवरी में विरोध किया गया था.”
नागरिकता संशोधन कानून के ख़िलाफ़ शाहीन बाग़ में प्रदर्शन में कई सिखों ने भी भाग लिया था. उनमें से अधिकतर भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्रहण) के लोग थे. तस्वीर में दिख रहा हरा-पीला झंडा इसी का है. यूनियन (BKU) ने अपने फे़सबुक पेज पर 10 फ़रवरी को ये तस्वीर अपलोड की थी.
ये तस्वीर और गूगल मैप पर मौजूद तस्वीर का कंपेरिज़न आप नीचे देख सकते हैं.
पहली तस्वीर में लोगों के पीछे दिख रहे बोर्ड में शाहीनबाग लुधियाना लिखा हुआ दिख रहा है. इसके अलावा, “THE PEOPLE OF INDIA REJECT CAA NPR NRC” भी लिखा हुआ है. हमने देखा कि ये तस्वीर भारती किसान यूनियन एकता उग्रहण पेज ने 3 मार्च, 2020 को पोस्ट किया था. इस पोस्ट में मिली जानकारी के अनुसार ये तस्वीर जालंधर बाय पास, लुधियाना का शाहीन बाग प्रदर्शन की है.
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Posted by BKU-Bharti Kisan Union Ekta Ugrahan / ਭਾਰਤੀ ਕਿਸਾਂਨ ਯੁਨੀਅਨ ਏਕਤਾ ਉਗਰਾਹਾਂ on Tuesday, 3 March 2020
इस तरह, शाहीन बाग के ऐंटी-CAA प्रदर्शन की तस्वीरें हाल में शेयर कर ये झूठा दावा किया गया कि ये लोग किसान प्रदर्शन में भी शामिल हुए हैं. आरोप लगाया गया कि किसान प्रदर्शन में सिर्फ़ किसान ही शामिल नहीं हुए हैं बल्कि कई बाहरी लोग राजनीतिक प्रभावों के कारण इस प्रदर्शन का हिस्सा बने हैं.
हालिया किसान प्रदर्शन के बारे में फैलाई गयीं कुछ अन्य ग़लत जानकारियों के बारे में जानने के लिए ऑल्ट न्यूज़ का ये वीडियो देखें.
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