पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद राज्य के कई इलाकों में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प की खबरें आयीं. इस हिंसा में आर्टिकल लिखे जाने तक 17 लोगों की मौत हो गयी है जिसमें भाजपा के 9, टीएमसी के 7 और इंडियन सेक्युलर फ्रंट का 1 व्यक्ति शामिल बताया जा रहा है. इस दौरान, पश्चिम बंगाल की हिंसा से जोड़कर एक घायल महिला की तस्वीर शेयर की जा रही है. ट्विटर यूज़र ईशा बजाज ने ये तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा, “आबरू लूट गयीं बंगाल की क्या ये महिला नहीं, क्या बंगाल की बेटी नहीं, क्या बंगाली और महिला केवल ममता ही है । धिक्कार उन को जो महिला है और ममता का अब भी बेशर्मी से समर्थन कर रही है”. आर्टिकल लिखे जाने तक इस ट्वीट को 1 हज़ार से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया है. (आर्काइव लिंक)
आबरू लूट गयीं बंगाल की
😢🙏क्या ये महिला नहीं, क्या बंगाल की बेटी नहीं, क्या बंगाली और महिला केवल ममता ही है ।
धिक्कार उन को जो महिला है और ममता का अब भी बेशर्मी से समर्थन कर रही है pic.twitter.com/sucdLT6Hli— ईशा बजाज (@Isha5384) May 4, 2021
ट्विटर हैन्डल ‘@MlaChandana’ ने भी ये तस्वीर पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा की बताकर ट्वीट की. (आर्काइव लिंक)
आबरू लूट गयीं बंगाल की
😢🙏क्या ये महिला नहीं, क्या बंगाल की बेटी नहीं, क्या बंगाली और महिला केवल ममता ही है ।
धिक्कार उन को जो महिला है और ममता का अब भी बेशर्मी से समर्थन कर रही हैRt और Follow करें🙏 pic.twitter.com/FtUIcLjwZH
— MLA Chandana Bauri (@MlaChandana) May 5, 2021
एक और ट्विटर हैन्डल @RKhandelwal_Bjp ने भी ये तस्वीर इसी दावे के साथ ट्वीट की. इस ट्वीट को ‘भारतीय जनता युवा मोर्चा झारखंड’ के अकाउंट ने भी रीट्वीट किया.
फ़ेसबुक और ट्विटर पर ये तस्वीर वायरल है.
फ़ैक्ट-चेक
रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें ये तस्वीर 4 नवंबर 2020 के बांग्लादेश के फ़ेसबुक पेज ‘বাংলাদেশ হিন্দুদের পহ্ম প্রতিবাদ’ पर मिली. पोस्ट के मुताबिक, 1 नवंबर 2020 को बांगलादेश के हाथज़ारी में अमन बाज़ार में रह रहे एक हिन्दू परिवार पर कुछ लोगों ने हमला किया था. पोस्ट में आरोपियों के नाम मो. रूबेल, मो. शकील और मो. अरमान बताया गया है. वहीं पीड़ित व्यक्तियों के नाम अनुकूल मास्टर, रतन नाथ और मुक्ता देवी बताया गया है. पोस्ट में बताया गया है कि शिकायत दर्ज होने के बाद भी आरोपियों की गिरफ़्तारी नहीं की गई थी.
आगे, इस जानकारी के आधार पर बंगाली भाषा में की-वर्ड्स सर्च करने पर हमें चट्टोग्राम प्रतिदिन की 5 नवंबर 2020 की रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट के मुताबिक, हाथज़ारी के अमन बाज़ार के पास रह रहे एक हिन्दू परिवार पर हमला हुआ था. 1 नवंबर 2020 को रतन कुमार नाथ, उनकी बहु पुतुल नाथ और भतीजी मुक्ता रानी पर रूबेल, शाकिब, अरमान, उस्मान, मुर्शीद समेत कुछ लोगों ने हमला किया था. आर्टिकल में बताया गया है कि रूबेल और उसके साथी, रतन कुमार नाथ के घर को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे थे. रतन के बेटे तपन कुमार ने बताया गया कि पुलिस ने 5 नवंबर तक इस मामले में FIR दर्ज नहीं की थी.
‘eibela’ के 5 नवंबर 2020 के आर्टिकल में तस्वीर में दिखने वाली महिला की पहचान अनामिका दास के रूप में की गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, अनामिका पर उसकी पैतृक संपत्ति को लेकर हमला किया गया था. इसके अलावा, बांग्लादेश के मीडिया आउटलेट ‘देश 1’ ने भी इस महिला की पहचान अनामिका दास के रूप में की है.
तस्वीरों को ध्यान से देखने पर एक कुर्सी पर ‘रीगल’ लिखा हुआ दिखा. सर्च करने पर मालूम हुआ कि ये बांग्लादेश की एक फ़र्नीचर ब्रांड है.
नवम्बर 2020 में कुछ सोशल मीडिया यूज़र्स ने भी इस घटना की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की थीं.और बताया था कि बांग्लादेश के चिट्टागोंग ज़िले में एक हिन्दू परिवार पर ज़मीन हथियाने के मकसद से हमला किया गया था.
On 3/11/2020, land robber Md: Rubel & his terrorist forces attacked a poor Hindu family at East Yugir Hat in Aman Bazar, Hathazari Police Station,Chittagong,Bangladesh.
Land robber Md: Rubel has been trying to occupy d victim's place for a long time.#HinduLivesMatterInBangladesh pic.twitter.com/9bHfWeCPPy— Raju Das 🇧🇩 (@RajuDas7777) November 4, 2020
तस्वीर के बारे में जानने के लिए ऑल्ट न्यूज़ ने रतन नाथ से बात की. उन्होंने बताया कि ये तस्वीर उनकी बेटी की है. उनके परिवार पर ज़मीन विवाद के चलते हमला हुआ था.
इस तरह, बांग्लादेश में ज़मीन विवाद के कारण हुए हमले में घायल हुई महिला की तस्वीर हाल के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद राज्य में हिंसा की घटनाओं से जोड़कर शेयर की गई.
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