हाल ही में कर्नाटका में कुछ शैक्षणिक संस्थानों ने हिजाब पहनने पर प्रतिबंद लगा दिया था. इसके चलते मुस्लिम लड़कियों ने विरोध जताया था. लेकिन दक्षिणपंथी विचारधारा से जुड़े लोगों ने हिजाब बैन का समर्थन किया था. ये मामला फिलहाल हाईकोर्ट में है.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है. वीडियो में बुर्का पहनी एक महिला को कुछ आदमी मार रहे हैं. महिला कुछ कहने की कोशिश करती है लेकिन उसे अनसुना कर पीटा जा रहा है. और पीटने वालों की संख्या में इजाफ़ा होते दिख रहा है. इसे शेयर करते हुए ‘मर्दानगी’ की बात की जा रही है क्यूंकि वीडियो में महिला को पीटने वाले सभी पुरुष हैं. और व्यंगात्मक रूप से कहा जा रहा है कि समाज ऐसा ही होना चाहिए.
डॉ. ओमेंद्र रतनू ने ये वीडियो ट्वीट किया है. ट्विटर परिचय में उन्होंने खुद को लेखक, गायक और स्पीकर बताया है. (ट्वीट का आर्काइव लिंक)
इसे कहते हैं मर्दानगी ।
समाज हो तो ऐसा हो । pic.twitter.com/VNaNMBFDJ1
— Dr Omendra Ratnu (@satyanveshan) February 14, 2022
फ़ेसबुक पर भी ये वीडियो पोस्ट किया गया है.
ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि ये वीडियो सोशल मीडिया पर 2015 से शेयर किया जा रहा है.
वीडियो वेरिफ़िकेशन
वीडियो में स्क्रीन्स पर दिख रहे टेक्स्ट को फ़ेसबुक पर सर्च करने पर ऑल्ट न्यूज़ को ये वीडियो 2016 को पोस्ट किया हुआ मिला. इस पोस्ट के कमेन्ट सेक्शन में एक यूज़र ने यूट्यूब वीडियो का लिंक पोस्ट किया है.
यूट्यूब चैनल ‘Storyful News & Weather’ ने ये वीडियो 27 अप्रैल 2015 को अपलोड किया था. वीडियो के साथ बताया गया है कि काबुल में कार्यकर्ताओं ने फरखुंदा की हत्या की कहानी बताते हुए एक नाटक पेश किया था. ये वीडियो इसी नाटक का है. कैप्शन में इस वीडियो का क्रेडिट ‘रेडियो फ़्री यूरोप/रेडियो लिबर्टी’ को दिया गया है.
रेडियो फ़्री यूरोप/रेडियो लिबर्टी ने ये वीडियो पब्लिश करते हुए बताया था कि काबुल में 27 अप्रैल 2015 को फरखुंदा की हत्या का नाट्य रूपांतर पेश किया गया था. कुछ ऐक्टिविस्ट ने इस घटना का विरोध करते हुए ये नाटक किया था. साथ में ऐक्टिविस्ट्स ने हमलावरों के खिलाफ़ तेजी से मुकदमा चलाने की मांग की थी. कैप्शन में बताया गया है कि भीड़ ने इस्लामिक लॉ स्टूडेंट फरखुंदा (27 वर्षीय) की हत्या कर दी थी. हमलावरों का आरोप था कि उसने कुरान की कॉपी जलाई थी. इस घटना में 40 से ज़्यादा लोगों को गिरफ़्तार किया गया था.
रिपोर्ट के मुताबिक, बाद में फरखुंदा पर लगा कुरान जलाने का आरोप झूठा साबित हुआ था.
यानी, बुर्का पहनी लड़की पर हमला कर रही भीड़ का वीडियो कम से कम 6 साल पुराना है और अफ़गानिस्तान में फरखुंदा की हत्या के नाटक का है.
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