सोशल मीडिया पर एक वीडियो क्लिप इस दावे के साथ वायरल है कि कोलकाता के पुलिसकर्मी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आदेश पर कांवड़ यात्रियों की पिटाई कर रहे हैं. वीडियो में एक मंदिर के सामने पुलिस अधिकारियों को कई लोगों पर लाठीचार्ज करते हुए देखा जा सकता है. वीडियो के ऊपर एक टेक्स्ट है जिसमें लिखा है, “बंगाल में ममता सरकार के आदेशानुसार कांवड़ियों पर प्रेम बरसाती पुलिस”.

कांवड़ यात्रा हिंदू देवता शिव के भक्तों की तीर्थयात्रा है. इन्हें कांवड़िया के नाम से भी जाना जाता है. ये अलग-अलग धार्मिक जगहों पर यात्रा करते हैं. ये तीर्थयात्रा हर साल जुलाई और अगस्त के दौरान की जाती है.

वीडियो को इसी दावे के साथ ट्विटर पर भी शेयर किया गया है. ट्विटर यूज़र ‘@shallakaul‘ ने वीडियो ट्वीट किया. इसे आर्टिकल लिखे जाने के 40 हज़ार के आसपास व्यूज़ और लगभग 3 हज़ार लाइक्स मिले.

एक और ट्विटर यूज़र ‘@9_tshakti‘ ने ये वीडियो इसी कैप्शन के साथ ट्वीट किया.

इस वीडियो को फ़ेसबुक पर भी इसी दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.

फ़ैक्ट-चेक

वीडियो को ध्यान से देखने पर बैकग्राउंड में किसी को बांग्ला में बात करते हुए सुना जा सकता है. इसका मतलब है कि ये वीडियो पश्चिम बंगाल का हो सकता है. इसे ध्यान में रखते हुए हमने ट्विटर पर की-वर्ड्स सर्च किया. हमें अगस्त 2021 से कई पोस्ट्स मिले. इन पोस्ट्स में दावा किया गया था कि ये वीडियो कोलकाता के भूतनाथ मंदिर के बाहर रिकार्ड किया गया था. भाजपा पश्चिम बंगाल (@BJP4Bengal) के ऑफ़िशियल ट्विटर हैंडल ने भी 2021 में ये वीडियो ट्वीट किया था.

बाद में गूगल पर संबंधित की-वर्ड्स सर्च करने पर हमने देखा कि TV9 भारतवर्ष कई मीडिया आउटलेट्स ने इस मुद्दे पर रिपोर्ट किया था. 16 अगस्त 2021 को दैनिक जागरण ने रिपोर्ट किया कि शहर के सभी प्रमुख मंदिर खुल गए थे. लेकिन उस वक्त कुछ COVID-19 के प्रतिबंधों के कारण भूतनाथ मंदिर बंद था. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 30 अगस्त, 2021 तक कोरोना से संबंधित कुछ प्रतिबंधों में राहत देने के साथ-साथ कुछ प्रतिबंधों को बढ़ा दिया था. इसके बावजूद, भक्त मंदिर के बाहर जमा हो गए थे जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया था. ध्यान दें कि किसी भी न्यूज़ रिपोर्ट में इन भक्तों को कांवड़ यात्री नहीं बताया गया था.

नीचे वायरल वीडियो के फ़्रेम्स की तुलना TV9 भारतवर्ष की रिपोर्ट में शामिल तस्वीरों से की गई है.

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ऑल्ट न्यूज़ ने वायरल वीडियो में दिख रही जगह को जियोलोकेट किया. करीब से देखने पर, एक बोर्ड दिखता है. इस पर আহিরীটোলা ঘাট বাঁচাও কমিটি (अहिरीटोला घाट बचाओ कमिटी) लिखा है. इसे ध्यान में रखते हुए हमने कोलकाता के अहिरीटोला घाट का स्ट्रीट व्यू देखा. नीचे हमने वीडियो के फ़्रेम्स और गूगल मैप्स पर दिख रहे अहिरितोला घाट स्ट्रीट व्यू की तुलना की है.

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यानी, ये बिल्कुल साफ है कि ये घटना अहिरीटोला घाट के सामने हुई थी न कि भूतनाथ मंदिर के सामने. हालांकि, दोनों जगह आस-पास ही हैं. इनमें 650 मीटर की दूरी का फासला है.

गूगल पर संबंधित टाइम फ़िल्टर के साथ “अहिरितोला घाट” सर्च करने पर हमें अगस्त 2021 का न्यूज़ पोस्टमॉर्टम का फ़ैक्ट चेक मिला. इस आर्टिकल में सन्मार्ग की एक रिपोर्ट की तस्वीर है. इस रिपोर्ट में भूतनाथ मंदिर के अधिकारियों के प्रतिनिधि महेश ठाकुर का एक बयान है. उन्होंने कहा था, “वीडियो ग़लत ढंग से प्रचार किया जा रहा है और राजनीतिक रूप दिया जा रहा है. मंदिर के सामने किसी तरह की कोई अप्रिय घटना नहीं घटी है, जो हुआ वह अहिरितोला रेलवे क्रॉसिंग हुआ.” (अहिरीटोला घाट सोवाबाज़ार अहिरितोला रेलवे स्टेशन से 30 मीटर की दूरी पर है.)

कुल मिलाकर, कोलकाता में अहिरीटोला घाट के बाहर कई लोगों की पिटाई करने वाले पुलिसकर्मियों का पुराना वीडियो हाल का बताकर शेयर किया गया. और ग़लत दावा किया गया कि सीएम ममता बनर्जी के इशारे पर पुलिस कांवड़ यात्रियों की पिटाई कर रही है.

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About the Author

Student of Economics at Presidency University. Interested in misinformation.