सोशल मीडिया पर जुलूस निकालती मुस्लिम समुदाय की भीड़ के दो वीडियोज़ शेयर किये जा रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि यूके के मुसलमान देश को इस्लामिक राज्य में बदलने की मांग कर रहे हैं.
पहला वीडियो
इंग्लंडमधील मुस्लीम समाजाने इंग्लंड हा इस्लामिक राष्ट्र घोषित करा अशी मागणी केली जात आहे. इंग्लंडमधील मूळ रहिवाशी आधी झोपले होते, आता लोकसंख्या प्रमाणाबाहेर वाढल्याने ही मागणी होत आहे, अशी वेळ भारतावर येऊ नये आता तरी जागे व्हा..
आपला समाज आपला धर्म आपली बायको पोरं आपला देश सुरक्षित ठेवण्याचा असेल तर हिंदूंनो वेळीच जागे व्हा अन्यता आज जे इंग्लंड मधे होत आहे ते आपल्या देशात होता कामा नये, नाही तर आपला हाल अफगानिस्तान सारखा होईल, अफगाणिस्तान च्या मुसलमानांसाठी ५६ इस्लामी राष्ट्र आहेत पण आपल्या साठी एकमेव देश आहे ते म्हणजे भारत, जागे व्हा बस.. 🙏
जय श्रीराम
जय हिंदुराष्ट्र.. 🚩Posted by Ravi Gone on Friday, 22 October 2021
ऑल्ट न्यूज़ को इस वीडियो क्लिप की सच्चाई जानने के लिए कई रिक्वेस्ट मिलीं.
वीडियो में मंच पर मौजूद एक व्यक्ति को ये कहते हुए सुना जा सकता है, “संसद के लिए ये हमारा पहला मेसेज है. लोग संसद में कानून बना रहे हैं. ये हमारा पहला कदम है. हम यहां इकट्ठे हुए हैं. हम अपनी चिंता जता रहे हैं. आपको (अस्पष्ट) संसद के तौर पर ब्रिटेन के शांतिप्रिय लोगों और ब्रिटिश नागरिकों की बात सुननी चाहिए. हमें ब्रिटिश नागरिक होने पर गर्व है और हमें अपने अधिकारों की ज़रुरत है. और सबसे ज़रूरी अधिकार ब्रिटेन में रहने वाले लोगों के लिए पैगंबर मुहम्मद का आदेश और सम्मान है.”
प्रदर्शनकारियों को सड़क पर बोर्ड पकड़े हुए देखा जा सकता है, जिसमें लिखा है कि “पैगंबर हमारे माता-पिता से भी ज़्यादा प्यारे हैं” और “हम पैगंबर मोहम्मद से प्यार करते हैं.”
फ़ैक्ट-चेक
ऑल्ट न्यूज़ ने वीडियो में दिख रही जगह की पहचान की. ये प्रदर्शन हाउस ऑफ़ लॉर्ड्स के बाहर किया गया था. रिचर्ड कोयूर डी लायन, लंदन के वेस्टमिंस्टर पैलेस के बाहर स्थित 12वीं सदी के अंग्रेज़ सम्राट रिचर्ड की मूर्ति, जो हाउस ऑफ़ लॉर्ड्स के प्रवेश द्वार की तरफ मौजूद है, इससे ज़गह की पहचान हुई.
यूट्यूब पर कीवर्ड सर्च करने से हमें उसी प्रदर्शन का एक वीडियो मिला. वीडियो 2012 का है और चैनल का कहना है कि लंदन में एक “इस्लाम विरोधी” फ़िल्म के ख़िलाफ संसद भवन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया गया था. इस वीडियो में भी वही दृश्य देखे जा सकते हैं, साथ ही मंच पर “वी लव पैगंबर मुहम्मद” बैनर भी वैसा ही है.
स्टॉक फ़ोटो एजेंसी ऐलमी पर घटना से सबंधित एक तस्वीर में विरोध वाली जगह पर एक बड़ी स्क्रीन दिखती है. स्क्रीन में मंच दिखाया जा रहा है जहां ‘वी लव पैगंबर मुहम्मद’ बैनर दिखाई देता है. फिल्म ‘इनोसेंस ऑफ़ मुस्लिम्स’ के ख़िलाफ 6 अक्टूबर 2012 को ये विरोध प्रदर्शन किया गया था.
2012 में इस शॉर्ट फ़िल्म की रिलीज़ पर मध्य पूर्व, उत्तरी अमेरिका और एशिया में विरोध प्रदर्शन किया गया था. इस फ़िल्म का निर्देशन एक अमेरिकी फ़िल्म निर्माता ने किया था. विरोध प्रदर्शन के दौरान कई लोगों की मौत हो गई थी. फ़िल्म में कथित तौर पर इस्लाम और पैगंबर मुहम्मद को बदनाम किया गया था.
2020 में पेरिस में हत्या की घटना के बाद, सूडान में फ़िल्म ‘इनोसेंस ऑफ़ मुस्लिम्स’ के ख़िलाफ़ हिंसक विरोध का एक वीडियो इस ग़लत दावे के साथ शेयर किया गया कि फ्रांसीसी दूतावास ने पैगंबर मुहम्मद के कार्टूनों को दर्शाने वाले सैमुअल पेटी की प्रतिक्रिया में आगजनी की. निज़ामुद्दीन मरकज़ को एक COVID-19 हॉटस्पॉट बताने बाद, अप्रैल 2020 में तारिक फ़तह ने भी पाकिस्तान में फ़िल्म के विरोध के एक पुराने वीडियो को बिना किसी संदर्भ के हाल की घटना बताते हुए शेयर किया था.
दूसरा वीडियो
मुस्लिम समुदाय द्वारा विरोध के एक और वीडियो को इस दावे के साथ शेयर किया गया कि मुसलमानों ने इंग्लैंड में देश को इस्लामिक राज्य घोषित करने की मांग की.
*इंग्लंडमधील मुस्लीम समाजाने इंग्लंड हा इस्लामिक राष्ट्र घोषित करा अशी मागणी केली आहे.इंग्लंडमधील मूळ रहिवाशी आधी झोपले होते आता लोकसंख्या प्रमाणाबाहेर वाढल्याने ही मागणी झालेली आहे अशी वेळ भारतावर येऊ नये आता तरी जागे व्हा*
Posted by Anil D Chandwadkar on Saturday, 23 October 2021
ऑल्ट न्यूज़ को इस वीडियो की सच्चाई जानने के लिए भी रिक्वेस्ट मिलीं.
फ़ैक्ट-चेक
वीडियो में दिख रहे एक बैनर में लिखा है, “हमारे पवित्र पैगंबर मुहम्मद का जन्मदिन समारोह. ईद मिलाद-उन-नबी.” ये साबित करता है कि वीडियो क्लिप यूके के “इस्लामिक टेक ओवर” की नहीं है. एक दूसरे बैनर पर ‘Leicester’ लिखा दिख रहा है.
16 अक्टूबर को एक फ़ेसबुक पेज ने वीडियो अपलोड करते हुए लिखा था, “इंग्लैंड के लेस्टर शहर में मौलिदुर रसूल (पैगंबर का जन्मदिन).
MAULIDUR RASUL dikota LEICESTER , Inggris stlh Solat Jum’at kemarin tgl 15/10/2021. Masya Allah !
Posted by محمود الوصابي – Mahmoud Al Wosabi on Saturday, 16 October 2021
ऑल्ट न्यूज़ को इस घटना का एक लाइव वीडियो भी मिला. वीडियो 10 अक्टूबर का है.
दोनों वीडियो में समानता:
1. सामने झंडे पर शिलालेख.
2. एक लड़के के हाथ में दूसरा हरा झंडा.
3. एक काली कार.
4. कार के पीछे एक बैनर.
इस्लामिक सेंटर लेस्टर (लेस्टर सेंट्रल मस्जिद) के फ़ेसबुक पेज ने 7 अक्टूबर को जुलूस की घोषणा की थी. जुलूस 10 अक्टूबर को लेस्टर मस्जिद (सदरलैंड स्ट्रीट) से शुरू हुआ और लेस्टर मस्जिद (कॉनड्यूइट स्ट्रीट) पर खत्म हुआ.
यूके के दो वीडियो को ग़लत दावे से शेयर किया गया. पहला, 2012 में एक “इस्लाम विरोधी” फ़िल्म से जुड़े एक विरोध प्रदर्शन का था और दूसरा हाल ही में ईद मिलाद पर लिया गया था. इन्हें इस झूठे दावे के साथ शेयर किया गया कि ब्रिटेन में मुस्लिम सड़कों पर उतर आए हैं और देश को इस्लामिक राज्य घोषित करने की मांग कर रहे हैं.
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