मधु कीश्वर, जिन्हें कई बार ट्विटर पर गलत जानकारी फैलाते हुए देखा गया है, उन्होंने एक वीडियो कोट ट्वीट किया. वीडियो में अलग-अलग जगहों के लोगों को भारत का राष्ट्रगान गाते हुए देखा जा सकता है. इस ट्वीट में दावा किया गया है कि पीएम मोदी द्वारा अमेरिका को Hydrocholoquine (HCQ) देने के फैसले के बाद अमरीकी छात्रों ने धन्यवाद कहते हुए ये शो किया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प ने HCQ, जो मलेरिया के लिए एक दवा है, को कोरोना वायरस ठीक करने के लिए या रोकने के लिए एक चमत्कारी दवा बताया था. भारत ने HCQ का निर्यात पूरी तरह प्रतिबंधित कर रखा था लेकिन ट्रम्प की धमकी भरी मांग के बाद इस प्रतिबंध को हटा दिया गया.
Very very moving.
Brought tears to my eyes.
Confirms my belief, 21st Century belongs to India provided it works towards #ResurgenceOfSanatanDharma https://t.co/Fy6F3SNzm6— MadhuPurnima Kishwar (@madhukishwar) April 24, 2020
ये वीडियो इस दावे से सोशल मीडिया पर वायरल है कि अमरीकी छात्रों ने HCQ के सप्लाई की सहमति के बाद देश को धन्यवाद कहने के राष्ट्रगान गाया.
पुराना वीडियो
एक आसान से यूट्यूब सर्च से इस वीडियो की सच्चाई सामने आ जाती है. तीन साल पहले एक यूट्यूबर अनिता दीक्षित, जिनका स्क्रीन नाम रिक्शावाली है, उन्होंने ये वीडियो अपलोड किया था. इस वीडियो में सबसे पहले वही गाना शुरू करती हैं.
12 अगस्त, 2017 को अपलोड किए गए इस वीडियो का डिस्क्रिप्शन है, “रिक्स्टर्स! स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं, 71वें स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर, मैं वैश्विक स्वतंत्रता और विविधता का जश्न मनाना चाहती हूं. भारत के लिए एकता और विविधता ही सब कुछ है और यही इस वीडियो में है. दुनिया भर के अलग-अलग लोगों को भारत के राष्ट्रगान गाते हुए देखकर जश्न मनाइए.”
इसीलिए ये वीडियो एक यूट्यूबर ने 2017 में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपलोड किया था. इसका भारत द्वारा US को HCQ सप्लाय किए जाने से कोई लेना-देना नहीं है. कुछ दिन पहले स्विट्ज़रलैंड ने एक पहाड़ को इंडिया के झंडे के रंग में रंगे जाने की तस्वीर भी इसी दावे से वायरल हुई थी कि ऐसा भारत को धन्यवाद कहने के लिए किया गया. जबकि सच ये था कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए कई देशों के प्रति एकजुटता दर्शाते हुए झंडों की रोशनी की गई थी.
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