“असम में NRC लागू। उन्होंने लोगों को उनके घरों से बेदखल करना शुरू कर दिया है। मीडिया इसे नहीं दिखायेगा, वह पहले से ही बिक चूका है और अब यह हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम इसे आगे साझा करें।” (अनुवाद) इसके साथ साझा किये गए वीडियो में देखा जा सकता है कि पुलिस लोगों को घरों से बाहर निकाल रही है, जिसमें महिलाए भी शामिल हैं।
NRC started in Assam. They have begun evicting people from their homes. The media doesn’t show it, they are being sold so it is our responsibility now to share this video.
Posted by Ali Sreekandapuram on Wednesday, January 15, 2020
यह वीडियो फेसबुक पर ‘असम में NRC लागू’ के दावे से वायरल है।
ऑल्ट न्यूज़ के अधिकृत मोबाइल एप्प पर भी वीडियो की जांच करने के लिए कई अनुरोध प्राप्त हुए हैं।
राजस्थान का पुराना वीडियो
वीडियो को बारीकी से देखने पर मालूम होता है कि पुलिस की वर्दी में दिखाई दे रहा चिन्ह राजस्थान पुलिस का है।
की-वर्ड सर्च से हमें 7 अगस्त, 2019 को ट्विटर अकाउंट ‘भारत प्रभात पार्टी’ द्वारा अपलोड की गई एक क्लिप मिली। ट्वीट के मुताबिक, “370 धारा पर लोग मोदी मोदी चिल्ला रहे है और पूरे भारत मे दलितों के , गरीबो और आदिवासियों के घर तोड़े जा रहे हैं ज़मीनों पर कब्जा किया जा रहा है ! यह वीडियो सामरिया रोड कानोता जयपुर की है ! पुलिस Jcp मशीन लाकर घर तोड़ रही हैं !इन पुलिस बालो को तुरन्त नौकरी से बर्खास्त किया जाए!”
370 धारा पर लोग मोदी मोदी चिल्ला रहे है और पूरे भारत मे दलितों के , गरीबो और आदिवासियों के घर तोड़े जा रहे हैं ज़मीनों पर कब्जा किया जा रहा है !
यह वीडियो सामरिया रोड कानोता जयपुर की है ! पुलिस Jcp मशीन लाकर घर तोड़ रही हैं !इन पुलिस बालो को तुरन्त नौकरी से बर्खास्त किया जाए ! pic.twitter.com/7Nm2wggJ2C— Bharat Prabhat Party (@sarchana1016) August 7, 2019
ज़ी न्यूज़ ने इस घटना के बारे में 2 अगस्त, 2019 को एक खबर प्रसारित की थी। मीडिया संगठन के मुताबिक, जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) के एक अधिकारी ने सार्वजनिक रूप से एक महिला से पिटाई की थी। वीडियो की पड़ताल द क्विंट द्वारा भी की जा चुकी है।
राजस्थान के जयपुर में हुए एक अतिक्रमण विरोधी अभियान का पुराना वीडियो, असम में भारतीय नागरिक रजिस्टर (NRC) लागू होने के बाद लोगों को उनके घरों से बेदखल करने के झूठे दावे से साझा किया गया।
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