नोटबंदी और सर्जिकल स्ट्राइक के लिए मोदी सरकार की प्रशंसा करते हुए कथित रूप से एक कांग्रेस विधायक का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया है। “कांग्रेसी विधायक राकेश मेघवाल मोदी जी की तारीफ कर रहा था तो उसका माइक छीनने लगे कांग्रेसी” – इस संदेश के साथ फेसबुक पेज, रोहित सरदाना फैन्स क्लब (Rohit Sardana Fans club) ने वह वीडियो शेयर किया है। इस लेख को लिखने के समय तक, इसे 8,500 से अधिक बार शेयर किया गया है।
इस वीडियो को रूबिका लियाकत फैन्स क्लब, सुधीर चौधरी लाइव, प्रो. राकेश सिन्हा फैन्स क्लब और आम आमदनी पार्टी समेत कई अन्य फेसबुक प्रशंसक पेजों ने उसी संदेश के साथ शेयर किया है।
वीडियो में, दो लोगों को माइक्रोफोन छीनते और वक्ता को नोटबंदी की प्रशंसा से रोकते हुए देखा जा सकता है। कई सोशल मीडिया यूजर्स ने भी यह दावा शेयर किया है।
सच क्या है?
राकेश मेघवाल की गूगल खोज ने 2016 में हुई इस घटना के कई समाचार ख़बरों को दिखलाया। एक रिपोर्ट के मुताबिक, राकेश मेघवाल पूर्व भाजपा विधायक हैं जो नागौर जिले के बहुजन संघर्ष दल द्वारा आयोजित एक समारोह में बोल रहे थे। मीडिया से बात करते हुए, उन्होंने कहा कि उन्हें सभा में एक समुदाय नेता के रूप में आमंत्रित किया गया था। यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि नवंबर, 2016 में जब उन्होंने वह बयान दिया, वह बीजेपी से जुड़े थे।
वही वीडियो, अलग संदेश
नवंबर 2016 में, ऋषि बागरी, जिन्हें ट्विटर पर पीएम मोदी फॉलो करते हैं, ने दावा किया कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से प्रधानमंत्री की प्रशंसा करने वाले पार्टी नेता से माइक छीन लेने के लिए कहा था। इसके लगभग 5400 रीट्वीट और 4000 लाइक हुए थे। विशेष रूप से, मधुर भंडारकर ने भी एक टिप्पणी “बहुत अच्छा” के साथ इसे रीट्वीट किया था।
A BSP Neta praised PM Modi in front of Mayawati in her rally for #DeMonetisation
She got pissed and asked her workers to snatched his mic pic.twitter.com/WQAYNbdW3z— Rishi Bagree 🇮🇳 (@rishibagree) November 21, 2016
बागरी ने अपने ट्वीट में सभी संभव तथ्य गलत लिए हैं। पहली बात, यह बहुजन संघर्ष दल द्वारा आयोजित कार्यक्रम था, बहुजन समाज पार्टी द्वारा नहीं। दूसरी कोई भी मीडिया रिपोर्ट यह नहीं बताती कि बसपा प्रमुख मायावती वहां मौजूद थीं। तीसरा, वीडियो में दिख रहे व्यक्ति पूर्व बीजेपी विधायक है, कोई बसपा नेता नहीं।
राकेश मेघवाल के एक फेसबुक पोस्ट के मुताबिक, उन्होंने राजस्थान विधानसभा चुनावों में इस बार परबतसर निर्वाचन क्षेत्र से स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दायर किया है।
इस उदाहरण में, पहले भारतीय जनता पार्टी से संबद्ध रहे राजनीतिक नेता का वीडियो, पार्टी लाइन के विरुद्ध चल रहे कांग्रेस नेता के रूप में चलाया गया। पांच राज्यों में चल रहे चुनावों के दौर में सोशल मीडिया में भी गलत प्रचार जोरों पर है।
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.