सोशल मीडिया पर 44 सेकंड का एक वीडियो वायरल है. वीडियो में कुछ महिलाएं और पुलिसकर्मी दिखाई दे रहे हैं. कुछ देर बाद एक पुलिसकर्मी महिलाओं के साथ खींचातानी करते हुए दिखता है. इसी दौरान वो एक महिला को धक्का भी देता है और महिला नीचे ज़मीन पर गिर जाती है. पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ के पैरोडी अकाउंट से ये वीडियो शेयर करते हुए लिखा हैं, “पाकिस्तान में हिन्दू अल्पसंख्यको पर अत्याचार, हिन्दू महिलाओं को बुरी तरह मारते घसीटते पाकिस्तान के मर्द पुलिसकर्मी और यहां कुछ हराम के पिल्ले रौंहिग्याओ और बांग्लादेशियों को अपना अब्बू बनाने के लिये CAA का विरोध कर रहे हैं.” (आर्काइव किया हुआ ट्वीट) इस वीडियो को करीब 2,400 बार देखा जा चुका है. ये वीडियो नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के चलते शेयर किया जा रहा है. ये कानून बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के गैर-मुस्लिम प्रवासी लोगों को नागरिकता देता है.

फ़ेसबुक पर ये वीडियो शेयर करते हुए कई यूज़र्स ने दावा किया है कि ये ‘पाकिस्तान में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार’ को दर्शाता है. ट्विटर पर भी ये वीडियो शेयर किया गया है. pakistan video

ऑल्ट न्यूज़ का फ़ैक्ट-चेक

हमने इस वीडियो को InVID टूल की सहायता से कई की-फ्रेमों में तोड़ा. इन की-फ्रेमों को गूगल पर रिर्वस इमेज सर्च किया. इस सर्च से हमें ’24 News HD’ की 4 जनवरी, 2019 की एक वीडियो रिपोर्ट मिली. वीडियो के साथ दिए गए विवरण के मुताबिक, पंजाब पुलिस अफ़सर ने महिला की बेरहमी से पिटाई की थी.

आगे संबधित की-वर्डस से सर्च करने पर हमें 6 जनवरी, 2019 की पाकिस्तानी मीडिया संगठन डॉन की एक रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट में बताया गया है कि महिला को पीटने वाले पुलिस अफ़सर समेत और दो पुलिसकर्मी को गिरफ़्तार किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार, “हलीमा बीबी और उनकी भाभी समेत और तीन लोग घर में मौजूद थे तब ASI ग़ुलाम मोहम्मद जपाह, दो कांस्टेबल और एक अज्ञात व्यक्ति के साथ उनके घर में घूसने की कोशिश की. इसी दौरान उन्होंने हलीमा और परिवार के अन्य सदस्यों पीटना शुरू कर दिया.”

इसके अलावा, पाकिस्तान के एक पत्रकार ‘@TayyabAhmadJut1′ ने इस घटना के बारे में एक ट्वीट कर तीनों पुलिस अधिकारियों के सस्पेन्ड लेटर शेयर किया था.

इस तरह यह साबित हो जाता है कि पाकिस्तान में पुलिस द्वारा महिलाओं कि पिटाई का वीडियो झूठे दावे से वायरल है. ये पाकिस्तान में हिंदु महिलाओं की ख़राब स्थिति को नहीं दर्शाता है. हकीकत में जिस महिला को पुलिस पीट रही है वो मुस्लिम समुदाय से ही हैं.

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