ऑल्ट न्यूज़ के व्हाट्सऐप नंबर पर एक वीडियो की पड़ताल करने की कई रिक्वेस्ट मिली हैं. इस वीडियो में लोगों के हाथ बंधे हुए दिख रहे हैं और उन्हें एक सीध में बैठा कर गोली मारी जा रही है. वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि ये अफ़गानिस्तान का है और तालिबानी इस तरह से अफ़ग़ानियों को गोली मार रहे हैं.
वीडियो में काफी हिंसा दिख रही है इसीलिए ऑल्ट न्यूज़ इसे अपनी रिपोर्ट में शामिल नहीं कर रहा है.
फ़ैक्ट-चेक
शेयर किए जा रहे वीडियो में एक मौके पर गोली चलाने वालों के हाथ में ISIS का झंडा दिखता है. यानी ये दृश्य ISIS द्वारा लोगों को मारे जाने का हो सकता है.
इस आधार पर जब हमने की-वर्ड्स सर्च किया तो यही दृश्य ‘द गार्डियन‘ द्वारा 2014 में पब्लिश एक वीडियो में मिला. इस रिपोर्ट में ISIS आतंकवादी संगठन के बारे में बताया गया है.
द गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार, ISIS इराक और सीरिया में एक उग्रवादी समूह है जो इतना कट्टर है कि अल-कायदा ने इसे अस्वीकार कर दिया था. ISIS ने ये तस्वीरें और वीडियो जारी किये थे.
इसके अलावा वीडियो में मिलते-जुलते दृश्य 2016 में पब्लिश हुए कई आर्टिकल में शेयर की गयी तस्वीरों से मिलती है. इन ख़बरों में बताया गया है कि ISIS ने 50 इराकी लोगों के मारने का वीडियो जारी किया था.
यानी, जिस वीडियो को अफ़गानिस्तान की हालिया स्थिति से जोड़कर शेयर किया जा रहा है वो असल में 6 साल से भी पुराना है और ISIS द्वारा सीरिया और इराक के लोगों को मारे जाने का है.
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