ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के चीफ़ असदुद्दीन ओवैसी ने आगामी उपचुनाव में अपनी पार्टी के उम्मीदवार मोहम्मद अब्दुल मोबिन रिजवी के पक्ष में बुधवार, 30 अगस्त को झारखंड के गिरिडीह के डुमरी में एक रैली को संबोधित किया. औवेसी ने कांग्रेस और भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से समान दूरी बनाए रखते हुए देश में तीसरे मोर्चे की जरूरत पर ज़ोर दिया.

रैली के बाद, सोशल मीडिया पर एक वीडियो इस दावे के साथ शेयर किया गया कि दर्शकों में से किसी ने ओवैसी के भाषण के दौरान ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ का नारा लगाया था. बाद में इस कथित नारेबाजी के लिए मोबिन रिज़वी पर मामला दर्ज किया गया था. गिरिडीह ज़िला प्रशासन ने एक बयान में कहा, “ये मामला हमारे संज्ञान में आया है कि AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के भाषण के दौरान दर्शकों की ओर से पाकिस्तान ज़िंदाबाद का नारा लगाया गया था. ऑब्ज़रवेशन टीम द्वारा भाषण के दौरान रिकॉर्ड किए गए वीडियो की जांच करने के बाद ये पाया गया कि ये आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश है.” गिरिडीह के डिप्टी कमिश्नर नमन प्रियेश लाकड़ा ने PTI को बताया कि रिज़वी के खिलाफ FIR इसलिए दर्ज़ की गई थी क्योंकि वो कार्यक्रम के आयोजक थे.

मीडिया आउटलेट आज तक ने इस कथित घटना पर रिपोर्ट की. आज तक की इस रिपोर्ट का टाइटल है, “झारखंड: ओवैसी की सभा में लगे ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ के नारे, दर्ज हुई FIR.” (आर्काइव)

एबीपी न्यूज़ ने भी मामले के संदर्भ में रिपोर्ट पब्लिश की जिसका टाइटल है, “झारखंड: AIMIM चीफ़ की जनसभा में लगे ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ के नारे, भाषण रोक ओवैसी ने डांटा, एसपी ने कही FIR की बात.” इस रिपोर्ट के मुताबिक, भीड़ में से एक व्यक्ति ने ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ के नारे लगाए थे. ओवैसी ने अपना भाषण रोककर मंच से ही युवक को डांट लगाई. (आर्काइव)

टाइम्स नाउ नवभारत ने भी इस कथित घटना पर रिपोर्ट की. “बुधवार को AIMIM प्रमुख ओवैसी ने झारखंड के डुमरी में एक रैली को संबोधित किया था जहां उन्होंने सरकार पर निशाना साधा था. लेकिन रैली के दौरान कुछ ऐसा हुआ कि ओवैसी एक बार फिर निशाने पर आ गए. देश विरोधी नारेबाजी के आरोप सामने आए हैं. वायरल वीडियो में ओवेसी के संबोधन के दौरान, ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ के नारे सुने जा सकते हैं जिसके बाद ओवेसी अपना भाषण रोकते हैं और ऐसा करने वाले व्यक्ति को डांटते हैं. (आर्काइव)

ज़ी न्यूज़ हिंदी ने भी कथित घटना पर ऐसी ही रिपोर्ट पब्लिश की है. इसका टाइटल है, “असदुद्दीन ओवैसी की रैली में लगे ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ के नारे, भड़के AIMIM चीफ ने दिया ऐसा रिएक्शन.” रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे लगाने से ओवैसी नाराज हो गए और उन्होंने उस व्यक्ति को रोका और बैठने के लिए कहा. (आर्काइव)

न्यूज़18 बिहार झारखंड ने कथित नारेबाजी की क्लिप अपने ऑफ़िशियल यूट्यूब चैनल पर इस टाइटल के साथ अपलोड की, “असदुद्दीन ओवैसी की Rally में Pakistani नारेबाजी, FIR दर्ज | Pakistan zindabad News | Top News.” (आर्काइव)

लाइव हिंदुस्तान, प्रभात खबर और मनीकंट्रोल हिंदी सहित कई मीडिया आउटलेट्स ने इसी तरह की रिपोर्ट पब्लिश की है जिसमें आरोप लगाया गया है कि ओवेसी की रैली के दौरान पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे लगाए गए और बाद में FIR दर्ज़ की गई हैं.

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कई ट्विटर हैंडल्स ने भी इस दावे को आगे बढ़ाया है जैसे @MrSinha_, @GemsOfKCR और @ajayChauhan41.

ये दावा फ़ेसबुक पर भी वायरल है.

फ़ैक्ट-चेक

AIMIM के ऑफ़िशियल यूट्यूब चैनल ने ओवेसी के संबोधन को लाइव-स्ट्रीम किया जिसमें ऑल्ट न्यूज़ को ‘की मोमेंट’ के बारे में पता चला. ये देखा जा सकता है कि ओवेसी के भाषण के दौरान ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ के नारे नहीं लगाए गए थे. ये घटना कुछ इस तरह हुई थी: ओवैसी ने हाल ही में मुज़फ्फ़रनगर की घटना के बारे में बात की जहां के वीडियो में एक टीचर को कथित तौर पर अपने छात्रों से क्लास के एक मुस्लिम लड़के को थप्पड़ मारने के लिए कहते हुए देखा गया था. उन्होंने टिप्पणी की कि अगर झारखंड में ऐसी घटना होती तो ‘शाकिर सबसे जोरदार विरोध करते.’ तभी दर्शकों में से किसी ने शाकिर की सराहना करते हुए कहा, ‘शाकिर साब ज़िंदाबाद’ कहा. ओवैसी ने नारेबाजी का जवाब दिया और दर्शकों से मजाकिया अंदाज में पूछा कि क्या शाकिर साहब उन्हें रैली में लाए थे.

यहां शाकिर का मतलब AIMIM झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद शाकिर से हैं. ओवैसी के पीछे लगे बैनर पर उनकी तस्वीर है.

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इस तरह, जब बाकी भाषण के संदर्भ में रख कर देखा जाता है, तो ये स्पष्ट हो जाता है कि पाकिस्तान समर्थक नारे नहीं लगाए गए थे. असल में जो नारा लगाया गया वो ‘शाकिर साब ज़िंदाबाद’ का था.

हमने आगे दी गई लाइव स्ट्रीम से संबंधित हिस्से का ट्रांसक्रिप्शन और ट्रांसलेशन किया है:

34 मिनट 24 सेकेंड पर: “तो टीचर ने कही थी, तुमने इसको अच्छा नहीं मारा, दम से मारो. ये मोहम्मडन है. बताइए आप.. और वो बच्चे को मार-पिटा जाता है, उसका वीडियो पूरे देश में, पूरी दुनिया में चला गया. हमारे बच्चे के बाप से मैंने बात की.. हमारे वहां के मजलिस के सदर को भेजा गया. जिस तरह हमारे सदर झारखंड का- कभी कुछ हो जाए तो शाकिर डरते हुए चिल्लाते हैं. [इसी वक्त, दर्शकों में से एक व्यक्ति ने कहा, “शाकिर साब ज़िंदाबाद”. ओवैसी ने उन्हें जवाब दिया] अरे ज़िंदा.. अभी ठहरो, सुनो.. शाकिर साब लेके आए क्या तुमको, सुनो हमारी बात…”

आगे, कथित नारेबाजी की एक क्लिप है जिसके बाद एक स्लो वर्ज़न दिया गया है ताकि रिडर्स इसे ज़्यादा स्पष्ट रूप से सुन सकें.

ऑल्ट न्यूज़ ने असदुद्दीन ओवैसी से बात की. उन्होंने आरोप का खंडन करते हुए कहा, ”दो राष्ट्रीय चैनलों ने जानबूझकर ये ग़लत जानकारी दी है. दरअसल, मैंने नवभारत के उन पत्रकारों में से एक को डीएम किया था जिन्होंने ये जानकारी दी थी और उन्हें चुनौती दी थी कि अगर उन्हें लगता है कि जो जानकारी उन्होंने शेयर की है, वो सच है तो वो FIR दर्ज़ कराएं और उनसे पूछा कि अगर ये जानकारी ग़लत निकली तो क्या वो सार्वजनिक रूप से माफी मांगेंगे.”

हमने मोहम्मद शाकिर से भी संपर्क किया. उन्होंने कहा, “बैरिस्टर साहब (ओवैसी) ने अपने भाषण के दौरान मेरे बारे में एक लाइन कही, उन्होंने कहा, “जब भी झारखंड में कुछ होता है, हमारा शाकिर ज़बरदस्त रूप से विरोध करता है.” तभी दर्शकों में से किसी ने ‘शाकिर साहब ज़िंदाबाद’ का नारा लगाया. उन्होंने बैरिस्टर साहब के सराहना के जवाब में ये नारा लगाया. मेरा नाम मोहम्मद शाकिर है. तब बैरिस्टर साहब ने विनोदपूर्वक कहा, ”अरे जिंदा.. अभी ठहरो, सुनो..’ कार्यकर्ता ने फिर नारा लगाया जिस पर बैरिस्टर साहब ने कहा, ‘क्या शाकिर साहब तुम्हें यहां लाए थे?’ यही इस मामले कि जड़ है.”

विपक्ष या गैर-भाजपा शासित राज्यों को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली ग़लत सूचना का एक सामान्य हिस्सा ये है किसी राजनीतिक या धार्मिक रैली में पाकिस्तान समर्थक नारे लगाए गए. पिछले साल गिरिडीह के डोकीडीह पंचायत चुनाव में मुखिया उम्मीदवार शाकिर हुसैन के नामांकन जुलूस के दौरान ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ के नारे लगाए जाने का ग़लत दावा सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. वायरल दावों के बाद, शाकिर हुसैन और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124A (देशद्रोह) और धारा 153A (सार्वजनिक शांति को भंग करना) सहित कई धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज़ की गई थी. झारखंड पुलिस ने मुखिया प्रत्याशी और उनके तीन समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया था. हालांकि, ऑल्ट न्यूज़ की जांच में पाया गया कि जो नारा असल में लगाया गया था वो ‘शाकिर हुसैन ज़िंदाबाद’ का नारा था.

इस मामले में भी ये बिल्कुल साफ है कि डुमरी में असदुद्दीन ओवैसी की रैली के दौरान ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ के नारे नहीं लगे थे. जब ओवैसी अपने साथी AIMIM कार्यकर्ता और झारखंड प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद शाकिर की तारीफ़ कर रहे थे, तो दर्शकों में से किसी ने “शाकिर साब ज़िंदाबाद” का नारा लगाया था. इस नारेबाजी की एक क्लिप पाकिस्तान समर्थक नारे के रूप में वायरल हो गई. इस संबंध में FIR भी दर्ज़ कराई गई है. रैली में मौजूद औवेसी और मोहम्मद शाकिर ने इस आरोप से इनकार किया है.

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About the Author

Student of Economics at Presidency University. Interested in misinformation.