दो तस्वीरें साथ में शेयर की जा रही हैं. पहली तस्वीर में गृह मंत्री अमित शाह यूपी के मुख्यंमत्री योगी आदित्यनाथ और सांसद महेंद्र नाथ पांडे के साथ मंच पर बैठे हैं. दूसरी तस्वीर में कपड़ों से ढकी खाली कुर्सियां रखी हैं. तस्वीरों के साथ लिखा हुआ है, “भीड़ बुलाने के लिए खाने के पैकेट रखने पड़े.” ये तस्वीर पहली बार शेयर नहीं की जा रही. इससे पहले भी 5 राज्यों में चुनाव के समय इसे शेयर किया गया था.
एक फ़ेसबुक यूज़र संदीप सोनी ने दोनों तस्वीरों का कोलाज शेयर करते हुए लिखा, “अभी तो आगाज़ है, अंजाम क्या होगा.” आर्टिकल लिखे जाने तक ये पोस्ट 8,000 से ज़्यादा बार शेयर किया जा चुका है.
अभी तो आगाज है, अंजाम क्या होगा।
Posted by सन्दीप सोनी on Saturday, March 20, 2021
ये तस्वीर फ़ेसबुक पर बहुत वायरल है.
कुछ यूज़र्स ने ये तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि खाली कुर्सियां पश्चिम बंगाल में भाजपा का हाल बयां करती है.
बंगाल में बीजेपी का हाल,,,,,,
Posted by Manohar Merate on Wednesday, March 24, 2021
पुरानी तस्वीर
इस तस्वीर का एक साधारण सा रिवर्स इमेज सर्च हमें लाइव हिंदुस्तान के 20 जनवरी, 2018 के एक आर्टिकल तक ले जाता है. अमित शाह ने वाराणसी में ‘युवा उद्घोष’ का उद्घाटन किया था. ये तस्वीर उसी मौके की है.
लाइव हिंदुस्तान ने तीनों नेताओं की अन्य तस्वीर पब्लिश की है जिसमें उन्हें वायरल तस्वीर जैसे ही कपड़ों में देखा जा सकता है.
बिज़नेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट में बताया गया है, “युवा उद्घोष कार्यक्रम उन युवाओं के लिए आयोजित किया जा रहा है जिनकी उम्र 17 वर्ष से अधिक है और आगामी 2019 आम चुनावों में पहली बार वोट देंगे.”
अमर उजाला ने रिपोर्ट किया था कि भाजपा ने 17 हज़ार युवाओं के इकठ्ठा होने का अंदाज़ा लगाया था लेकिन कार्यक्रम में सिर्फ़ 7 हज़ार ही पहुंचे. रिपोर्ट में आगे कहा गया है, “प्रशासन के निर्देश के बाद पुलिस ने वहां से गुज़र रहे लोगों को कार्यक्रम में बुलाना शुरू कर दिया.”
पश्चिम बंगाल चुनाव के समय अमित शाह की एक तस्वीर शेयर की गयी जिसमें उनके संबोधन के दौरान खाली कुर्सियां रखी हुई हैं. लोगों ने इसे बंगाल चुनाव से जोड़ते हुए शेयर किया जबकि ये तस्वीर असल में वाराणसी में युवा उद्घोष कार्यक्रम में अमित शाह के संबोधन की है.
NDTV पर सोशल मीडिया का निशाना, लेकिन क्या उसने झूठ रिपोर्ट किया था?
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