फेसबुक विज्ञापन लाइब्रेरी की साप्ताहिक रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा-समर्थक फेसबुक पेज ‘माई फर्स्ट वोट फ़ॉर मोदी‘ ने 17 से 23 मार्च तक के एक सप्ताह में, राजनैतिक विज्ञापनों पर सर्वाधिक 46.6 लाख रुपये खर्च किए हैं।

इस अवधि में, राजनीति या राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों से संबंधित विज्ञापन प्रायोजित करने वाले सभी पेजों का कुल खर्च 1.5 करोड़ रुपये से थोड़ा अधिक रहा। इनमें से सिर्फ शीर्ष-20 पेजों ने 1.1 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए। ‘माई फर्स्ट वोट फ़ॉर मोदी‘ के बाद दूसरे नंबर पर राजनैतिक हिमायती समूह ‘इंडियन पोलिटिकल एक्शन कमिटी‘ के वाईएसआर-कांग्रेस-समर्थक विज्ञापन (17.52 लाख रुपये) रहे। तीसरा स्थान भाजपा के ही चुनाव अभियान ‘भारत के मन की बात‘ को समर्पित पेज (9.68 लाख रुपये) का रहा।

नीचे दी गई तालिका में 17 से 23 मार्च के बीच सबसे अधिक खर्च करने वाले 20 पेजों के खर्चों को दिखाया गया है और पिछले सप्ताह के खर्च से इनकी तुलना की गई है। 10 से 16 मार्च के बीच, ‘भारत के मन की बात‘ 27 लाख रुपये से अधिक के खर्च के साथ शीर्ष पर थी। इस सप्ताह, इस पेज के खर्च में 17 लाख रुपये की कमी आई। दूसरी ओर, ‘माई फर्स्ट वोट फॉर मोदी’ के खर्च में 31 लाख रुपये से अधिक की वृद्धि हुई।

इसी तरह, एक अन्य भाजपा-समर्थक फेसबुक पेज ‘नेशन विद नमो‘ जो पिछले सप्ताह (17.7 लाख रुपये) दूसरे स्थान पर था, उसका खर्च इस सप्ताह 11 लाख रुपये घट गया।

कुल मिलाकर, भाजपा-समर्थक पेजों पर इस सप्ताह 67 लाख रुपये खर्च हुए, उसके बाद वाईएसआर-कांग्रेस-समर्थक विज्ञापन (24 लाख रुपये), बीजेडी-समर्थक विज्ञापन (10.5 लाख रुपये) और कांग्रेस-समर्थक विज्ञापन (8 लाख रुपये) रहे।

भाजपा को वोट देने के लिए सोशल मीडिया यूजर्स को मुफ्त उपहारों का लालच दे रहे भाजपा-समर्थक पेज

फेसबुक का विज्ञापन पुस्तकालय डेटा, यूजर्स को किसी खास पेज द्वारा प्रायोजित राजनैतिक विज्ञापनों की प्रकृति की जांच करने की अनुमति देता है। ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि आसन्न चुनावों से तीन महीने पहले विकसित पेज ‘माई फर्स्ट वोट फॉर मोदी‘, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वोट देने का वचन देने के लिए “आकर्षक उपहार” का लालच दे रहा है। इस पेज द्वारा दिए जाने वाले उपहारों की शृंखला में बैज, बैग, टी-शर्ट, फोन कवर, कैप आदि हैं। इसके विज्ञापन में लिखा है, “बेहतर भारत के लिए पीएम मोदी को अपना पहला वोट दें और रोमांचक उपहार जीतें”।

संयोगवश, पीएम मोदी की आधिकारिक वेबसाइट पर नमो व्यवसाय के हिस्से के रूप में, ये सभी उत्पाद बिक्री के लिए उपलब्ध हैं।

वास्तव में, प्रधानमंत्री ने स्वयं अपने ट्विटर हैंडल से कुछ ऐसे ही उत्पादों का विज्ञापन किया।

एक अन्य भाजपा-समर्थक पेज, जो पीएम मोदी को वोट देने के वचन के बदले मतदाताओं को ‘उपहार’ की पेशकश करता है, वह है, ‘नेशन विद नमो‘।

नेशन विद नमो‘ और ‘माई फर्स्ट वोट फॉर मोदी‘ एक ही ब्रांड का हिस्सा हैं। यह, पहले दिए कोलाज और ऊपर के विज्ञापन से स्पष्ट है, जिसमें ‘नेशन विद नमो‘ के पेज पर प्रसारित विज्ञापन में ‘माई फर्स्ट वोट फॉर मोदी‘ का लोगो लगा है।

चुनाव नियमों का उल्लंघन?

हमारी पहले की रिपोर्ट में इस तथ्य को प्रकाश में लाया गया था कि विज्ञापनदाता के विवरण के हिस्से के रूप में ‘नेशन विद नमो’ और ‘माई फर्स्ट वोट फॉर मोदी‘ दोनों द्वारा उल्लिखित पता भाजपा के दिल्ली मुख्यालय के पते से मेल खाता है।

भाजपा ने अभी तक इन पेजों के साथ सीधे संबंध घोषित नहीं किए हैं, जिससे यह सवाल खड़ा होता है कि इनके लिए धन कौन देता है? फरवरी 2019 के बाद से दोनों पेजों के विज्ञापनों पर संयुक्त निवेश लगभग 1.8 करोड़ रुपये का है।

लेकिन बड़ी चिंता की बात है, पर्दे के पीछे से मतदाताओं को रिश्वत देने की। दोनों पेज पीएम मोदी को वोट देने का वचन देने वाले व्यक्ति को नमो व्यवसाय के तहत बिक रहे माल के रूप में ‘आकर्षक पुरस्कार’ और ‘उपहार’ की पेशकश करते हैं।

ऑल्ट न्यूज़ से बात करते हुए, चुनाव आयोग के पूर्व प्रमुख टीएस कृष्णमूर्ति ने कहा, “जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत, आपको मतदाताओं को किसी भी प्रस्ताव के साथ प्रभावित नहीं करना चाहिए। इस अधिनियम के तहत जांच की जानी चाहिए कि क्या मतदाताओं को अनुचित प्रभावों से प्रभावित किया जा रहा है।”

भारतीय चुनाव आयोग की जांच से ही ढेर सारे अनसुलझे सवालों का जवाब मिल सकता है।

1. क्या भाजपा या इस पार्टी से जुड़े लोग इन प्रॉक्सी फेसबुक पेजों में पैसा लगा रहे हैं जो मतदाताओं को मुफ्त के उपहारों का लालच देकर प्रभावित करते हैं?

2. क्या निर्वाचन आयोग को इस बारे में पता है?

3. क्या चुनाव आयोग ने इन पेजों के निवेश के स्रोतों पर ध्यान दिया है और क्या यह भाजपा के घोषित चुनाव व्यय का हिस्सा है?

 

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Pooja Chaudhuri is a senior editor at Alt News.