बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान के घर पर 15 जनवरी की देर रात कथित चोरी की कोशिश के दौरान चोर ने सैफ पर चाकू से हमला कर दिया. 21 जनवरी को उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. सैफ अली खान को 16 जनवरी की सुबह मुंबई के लीलावती अस्पताल ले जाया गया था. उस दिन पुलिस ने अभिनेता के बांद्रा स्थित आवास से CCTV फ़ुटेज के आधार पर संदिग्ध की एक तस्वीर जारी की. 

कथित हमलावर की तस्वीर जारी होने के कुछ ही घंटों के भीतर, सोशल मीडिया पर अटकलों का दौर शुरू हो गया. 19 जनवरी को गिरफ्तारी के बारे में पुलिस के आधिकारिक बयान से पहले, पुलिस द्वारा पूछताछ के लिए बुलाए गए या CCTV फ़ुटेज की वायरल तस्वीर से मिलते-जुलते किसी भी व्यक्ति को आरोपी माना जाने लगा. 

17 जनवरी को न्यूज़ एजेंसी IANS ने X पर पोस्ट किया कि सैफ अली खान के चाकू घोंपने के मामले में वारिस अली नाम के किसी व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है. वारिस अली की पत्नी का एक वीडियो शेयर करते हुए, IANS ने कहा कि उन्हें बांद्रा पुलिस ने 24 घंटे तक हिरासत में रखा और उनसे पूछताछ की.

इसके तुरंत बाद, X यूज़र मिस्टर सिन्हा (@MrSinha_) ने IANS का वीडियो शेयर करते हुए कहा कि सैफ अली खान के मामले पर चर्चा बंद हो जाएगी क्योंकि आरोपी मुस्लिम है.

उसी दिन, न्यूज़ एजेंसी ANI ने भी एक क्लिप शेयर की जिसमें CCTV फ़ुटेज में दिख रहे व्यक्ति के समान ही सफेद शर्ट पहने एक व्यक्ति बांद्रा पुलिस स्टेशन में दिखाई दे रहा है. एजेंसी के कैप्शन में लिखा है कि ये “सैफ अली खान अटैक केस” के “ताजा विजुअल्स” थे.

अगले दिन, 18 जनवरी को IANS ने एक और क्लिप शेयर की जिसमें एक सफ़ेद शर्ट वाला आदमी रैक से जूते निकाल रहा था. इसमें दिख रहा व्यक्ति ANI के वीडियो में दिख रहे व्यक्ति जैसा ही है. IANS ने बताया कि सैफ अली खान मामले में “एक संदिग्ध” का फ़ुटेज वर्सोवा से मिला है.

बाद में 18 जनवरी को IANS ने रिपोर्ट किया कि एक अन्य संदिग्ध आकाश कनौजिया को दुर्ग रेलवे सुरक्षा बल ने छत्तीसगढ़ में गिरफ़्तार किया है और उसे मुंबई पुलिस को सौंप दिया जाना है. IANS ने निष्कर्ष रूप से कहा कि “सैफ अली खान के हमलावर, जिसकी पहचान आकाश के रूप में हुई है, को गिरफ़्तार कर लिया गया है” साथ ही उसकी तस्वीर और स्टेशन प्रभारी SK सिंह का बयान भी एक फॉलो-अप पोस्ट में दिया.

X पर अब हटा दी गई पोस्ट में शिक्षाविद अशोक स्वैन (@ashoswai) ने संकेत दिया कि हमलावर का हिंदुत्व समूहों से कुछ संबंध हो सकता है, क्योंकि CCTV फ़ुटेज में उसे भगवा दुपट्टे के साथ दिखाया गया है.

इस बीच, सोशल मीडिया पर अन्य लोगों ने इन दावों को और बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया और ये भी कहा कि ANI के वीडियो में दिख रहा व्यक्ति ही हमलावर है और उसका नाम वारिस अली है.

इन दावों को और बढ़ाने वाले कुछ अकाउंट्स में @KumaarSaagar, @JaipurDialogues, @KreatelyMedia और @MeghUpdates शामिल हैं.

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फ़ैक्ट-चेक

18 जनवरी तक, पुलिस ने कोई गिरफ़्तारी नहीं की थी और तब तक की ज़्यादातर न्यूज़ रिपोर्ट्स में न तो हमलावर की पहचान की गई थी और न ही ये दावा किया गया था कि पुलिस ने मामले में किसी को पकड़ा है. 18 जनवरी की NDTV की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि 17 जनवरी को “आरोपी के चेहरे से मिलते-जुलते चेहरे वाले एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया था.” हालांकि, पुलिस ने स्पष्ट किया कि हिरासत का संबंध सैफ अली खान के केस से नहीं था.

साथ ही, 17 जनवरी को ANI ने स्पष्ट किया कि सफ़ेद शर्ट वाला व्यक्ति सैफ अली खान मामले से संबंधित नहीं था और इस मामले में अभी तक कोई गिरफ़्तारी नहीं हुई है. एजेंसी ने कुछ घंटे पहले ही वो वीडियो शेयर किया था.

हमें मिड-डे के एक पत्रकार की X पोस्ट भी मिली. इसमें बताया गया कि सफेद शर्ट पहने हुए व्यक्ति (जैसा कि ANI के वीडियो में देखा गया है) को पुलिस ने जूते चुराने के आरोप में पकड़ा था. इसका मतलब है कि IANS द्वारा शेयर किया गया वीडियो, जिसमें व्यक्ति को जूते की रैक से जूते निकालते हुए दिखाया गया है, सैफ अली खान पर हुए हमले की घटना से संबंधित नहीं है.

कुल मिलाकर, सोशल मीडिया यूज़र्स का ये दावा ग़लत है कि बांद्रा पुलिस स्टेशन में दिखने वाला सफेद शर्ट वाला शख्स सैफ अली खान पर हमला करने वाला था. साथ ही, 17 जनवरी को IANS का दावा ये दावा कि वारिस अली को इस मामले में हिरासत में लिया गया, भी निराधार है क्योंकि पुलिस ने साफ तौर पर कहा कि तब तक कोई गिरफ़्तारी नहीं हुई थी.

इसके अलावा, IANS के उसी वायरल वीडियो में वारिस अली की पत्नी खुद ये स्पष्ट करती है कि उसके पति से सिर्फ पूछताछ की जा रही थी. उसके बयान में साफ तौर पर कहा गया है कि उसका पति 15 जनवरी से सैफ अली खान के घर पर पांच अन्य लोगों के साथ बढ़ईगीरी का काम कर रहा था. उसने कहा कि वारिस अली उस रात अपने काम के बाद घर लौटा और ये CCTV में भी कैद हो गया. घटना के बाद, वारिस अली को एक कॉल आया और उसे सैफ अली खान के घर वापस आने के लिए कहा गया, जहां से वो पूछताछ के लिए पुलिस के साथ गया.

18 जनवरी को IANS ने मुंबई के विशेष आयुक्त का स्पष्टीकरण पोस्ट किया कि छत्तीसगढ़ के दुर्ग RPF द्वारा हिरासत में लिए गए आकाश कनौजिया का भी सैफ अली खान मामले से कोई संबंध नहीं है.

19 जनवरी को मुंबई पुलिस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसमें डिप्टी कमिश्नर ऑफ़ पुलिस दीक्षित गेदाम ने बताया कि आरोपी को 18 जनवरी की रात को गिरफ़्तार कर लिया गया है और उसकी पहचान मोहम्मद शरीफ़ुल इस्लाम शहजाद के रूप में हुई है. DCP गेदाम ने बताया कि उनका मानना ​​है कि आरोपी घर में लूटपाट के इरादे से घुसा था. उसे पुलिस हिरासत में लेने के लिए कोर्ट में पेश किया जाएगा और जांच जारी रहेगी.

कुल मिलाकर, ये स्पष्ट है कि न्यूज़ एजेंसियों सहित कई लोगों ने समय से पहले ही निष्कर्ष निकाल लिया और मामले से असंबंधित व्यक्तियों को ग़लत तरीके से इस मामले का आरोपी बता दिया. इसके आलावा, आरोपी को किसी हिंदूवादी संगठन से जोड़ने के दावे भी निराधार हैं.

मुंबई पुलिस द्वारा मामले में गिरफ़्तार किए जाने के बाद भी, इस बारे में अटकलें जारी हैं कि क्या वो सच में हमलावर था. कई लोगों ने दावा किया है कि कथित हमलावर की पहचान CCTV फ़ुटेज के आधार पर पुलिस द्वारा जारी की गई तस्वीर से बहुत कम मिल रही है.

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