सोशल मीडिया पर एक वीडियो क्लिप वायरल है. वीडियो में एक दरजी नाप लेते समय एक महिला को ग़लत तरीके से छू रहा है. इसके बाद, दरजी की इस हरकत पर महिला उससे बहस करती है और बाद में दुकान से निकल जाती है. इसके बाद बुर्का पहनी एक महिला दुकान में आती है. दरजी उसके साथ भी ऐसी हरकत करने की कोशिश करता है. लेकिन वो महिला अपना बुर्का उतारते हुए बताती है कि वो एक पुलिस अधिकारी है. दरजी घबरा जाता है और अधिकारी से माफ़ी मांगने लगता है. वीडियो के अंत में पुलिस अधिकारी दरजी को पकड़कर स्टोर से बाहर निकालती है और स्टोर का शटर बंद कर दिया जाता है.
इस वीडियो क्लिप को शेयर करते हुए लिखे जा रहे कैप्शन में हिंदू महिलाओं से मुस्लिम दुकानों पर न जाने की अपील की गई है. यानी वीडियो में दिख रहे दर्जी को मुस्लिम बताया गया है.
हिन्दू बहिन बेटियों से निवेदन हैं कि ऐसे मुल्लों की दुकान पर न जाये ये गलत मानसिकता के लोग है इनकी गन्दी सोच हैं
इनसे कपड़े व मेहदी और हेयर कटिंग न करवाये pic.twitter.com/iBDnFZ3B1a— आकाश सिंह हिन्दू (@Akashhindu1008) March 27, 2022
कुछ यूज़र्स ने इस लंबे वीडियो का आखिरी 45 सेकेंड का वो हिस्सा ही शेयर किया है जब बुर्का पहनी महिला दुकान के अंदर आती है.
हिन्दू बहिन बेटियों से निवेदन हैं कि मुस्लिमो की दुकान पर न जाये ये गलत मानसिकता के लोग है इनकी गन्दी सोच हैं
इनसे कपड़े व मेहदी और हेयर कटिंग न करवाये pic.twitter.com/4j4MUjAN5Y— नरसिंह राम सिंवर # ३ह ,टी ए एफ (@gaytrigitika) March 30, 2022
वीडियो को फ़ेसबुक पर काफी शेयर किया जा रहा है.
फ़ैक्ट-चेक
वीडियो को ध्यान से देखने पर हमने इसमें कुछ बातें नोटिस कीं:
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- वीडियो में 27 सेकेंड पर पहली ग्राहक के जाने के ठीक बाद, दरजी अपनी ‘जीत’ का जश्न मनाते दिखता है. ये नाटकीय लगता है.
- वीडियो में कई कट हैं जिनसे पता चलता है कि पहली ग्राहक को दुकान से गए हुए कुछ समय बीत चुका है. हालांकि CCTV फुटेज के टाइम-स्टैम्प में साफ दिख रहा है कि पहली ग्राहक के जाने के 13 सेकेंड बाद ही दूसरी ग्राहक आ जाती है.
- “अंडरकवर” काम करने वाले कथित पुलिस अधिकारी के पास कोई बैकअप नहीं है.
- वीडियो का अंत इस मेसेज के साथ होता है कि “बहादुर लड़कियां बनो और इन चीजों के खिलाफ़ खड़े होना सीखो.”
ये सभी चीजें इस ओर इशारा करती हैं कि ये वीडियो स्क्रिप्टेड हो सकता है.
इन्हें ध्यान में रखते हुए हमने यूट्यूब पर कीवर्ड सर्च किया. इससे हमें यूट्यूब शॉर्ट्स में अपलोड किया गया ये वीडियो मिला. इसे 28 मार्च को अपलोड किया गया था.
इसके बाद हमने ये वीडियो अपलोड करने वाला यूट्यूब चैनल चेक किया, हमें मालूम हुआ कि चैनल पर ऐसे कई वीडियो मौजूद हैं और इन वीडियो के थंबनेल में एक एरो है जो बिलकुल वायरल वीडियो की तरह है.
हमें इसी यूट्यूब चैनल पर 12 मार्च को अपलोड किया गया असली वीडियो भी मिला. वीडियो के टाइटल और डिस्क्रिप्शन में बताया गया है ये ‘सामाजिक जागरूकता’ फैलाने के लिए बनाया गया वीडियो है.
इस तरह, एक स्क्रिप्टेड वीडियो एंटी-मुस्लिम दावे के साथ शेयर किया गया. ये पहली बार नहीं है जब इस तरह का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. ऑल्ट न्यूज़ ने ऐसे कई वीडियोज़ की जांच की है जिन्हें बार-बार ग़लत, एंटी-मुस्लिम दावे के साथ शेयर किया जाता है.
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