21 फरवरी को सोशल मीडिया यूजर अवि डांडिया ने फेसबुक लाइव करते हुए भाजपा द्वारा चुनावों से पहले ईवीएम से घपलेबाजी करने के पर्दाफाश का दावा किया। इस साजिश का पर्दाफाश के समर्थन में उनके पास भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल के बीच कथित बातचीत का ऑडियो क्लिप था। डांडिया के फेसबुक लाइव वीडियो को 5 लाख से ज्यादा बार देखा और 20,000 से ज्यादा बार शेयर किया गया है। इस पर किए गए कमेंट्स पर एक नजर डालने से लगता है कि बड़ी संख्या में लोगों ने साजिश के इस आरोप को सही माना है।

 

भारत से महत्वपूर्ण कोई नही ना कोई राजनेतीक पार्टी ना कोई नेता ना कोई मीडिया।
एक देश एक परिवार
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Posted by Avi Dandiya on Thursday, 21 February 2019

ऑल्ट न्यूज़ ने अवि डांडिया के एक अन्य ऑडियो क्लिप को पूर्व में खारिज किया था, जिसके अनुसार यह झूठा दावा किया गया था कि पुलवामा हमले की साजिश भाजपा ने रची थी। सोशल मीडिया यूजर स्मित अमीन ने जोड़तोड़ करके बनाए गए पिछले क्लिप को लेकर हमसे संपर्क किया था। अमीन ने हमें, डांडिया द्वारा पोस्ट की गई ईवीएम साजिश वाली बातचीत के ऑडियो के बारे में भी सतर्क किया। अमीन द्वारा साझा किए गए मूल वीडियोज की छानबीन से ऑल्ट न्यूज़ ने पुष्टि की कि वह क्लिप जोड़तोड़ करके बनाई गई थी।

कथित ईवीएम साजिश की सच्चाई

कथित बातचीत के शुरुआती कुछ सेकेंडों में अमित शाह को यह कहते सुना जा सकता है, “ये तो तीन दिन से तैयारी चल रही थी”। यह कथन भाजपा अध्यक्ष द्वारा ज़ी न्यूज़ के सुधीर चौधरी को 2018 में दिए गए इंटरव्यू में से लिया गया है। उपरोक्त्त शब्द उन्होंने पिछले साल जम्मू-कश्मीर में पीडीपी-नेशनल कांग्रेस गठबंधन के बारे में चौधरी द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में बोले थे।

डांडिया के लाइव वीडियो के लगभग 20वें मिनट पर, वह व्यक्ति जिसके अजित डोवाल होने का दावा किया गया, ईवीएम हैकिंग के परिणाम को लेकर शाह को चेतावनी देते हैं और कहते हैं कि अगर बाद में जांच हो गई तो वे परेशानी में पड़ सकते हैं। इस पर भाजपा अध्यक्ष का जवाब था, “अब इसकी जाँच कौन करेगा बताओ? अमेरिका?” यह कथन सुधीर चौधरी के इंटरव्यू के दो भिन्न हिस्सों को जोड़कर बनाया गया है। इंटरव्यू के 29:13वें मिनट पर सीबीआई भ्रष्टाचार स्कैंडल को लेकर शाह ने कहा था, “अब इसकी जाँच कौन करेगा बताओ?” इसी इंटरव्यू में, 27:47वें मिनट पर, डॉलर के मुकाबले रुपये के अवमूल्यन और पेट्रोल की कीमतों में वृध्दि के बारे में बात करते हुए, शाह ने “अमेरिका” शब्द का उपयोग किया था।

बातचीत के एडिटेड ऑडियो का वह हिस्सा, जिसमें शाह कहते हैं –– “आप पहले समझ लीजिये कि कन्फूज़न कहा से खड़ा होता है| मुझे कोई कन्फूज़न नहीं है| अरे यार कोई आर्गुमेंट तो ढंग का करो उनको आप समझाए क्यों नहीं? जहा तक मसले का सवाल है मुझे तो कोई पूछेगा नहीं” — उसे, 2016 के इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में भाजपा अध्यक्ष के संबोधन के विभिन्न हिस्सों से लिया गया है।

कॉन्क्लेव में अपने संबोधन के 50:50वें मिनट पर, शाह ने कहा था, “आप पहले समझ लीजिये की कन्फूज़न कहा से खड़ा होता है” इसी प्रकार, 8:53वें मिनट पर उन्होंने कहा था, “मुझे कोई कन्फूज़न नहीं है” 8:35वें मिनट पर उन्होंने कहा था, “अरे यार कोई आर्गुमेंट तो ढंग का करो”। ऑडियो क्लिप में उनके इस कथन का अंतिम हिस्सा — “मुझे तो कोई पूछेगा नहीं” — सुधीर चौधरी वाले वीडियो से लिया गया है। उस वीडियो में शाह ने ये कथन 13:56वें मिनट पर कहा था।

एडिटेड ऑडियो क्लिप के अंतिम हिस्से में शाह कहते हैं, “वेल प्लांड, आप रिकॉर्ड चेक कर सकते हो|” यह भी, भाजपा अध्यक्ष के ज़ी न्यूज़ को दिए इंटरव्यू से लिया गया है। इंटरव्यू के 9:41वें मिनट पर उन्होंने “वेल प्लांड” वाक्यांश का उपयोग किया था और 15:23वें मिनट पर कहा था, “आप रिकॉर्ड चेक कर सकते हो।”

हालांकि, शब्दों की असंबद्धता के कारण पूरे ऑडियो क्लिप का लिप्यंतरण नहीं किया जा सका है, फिर भी, ऊपर वर्णित उदाहरण यह साबित करने के लिए पर्याप्त हैं कि यह बातचीत जोड़तोड़ करके बनाई हुई है। इसके अलावा, सार्वजनिक रूप से उपलब्ध राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के संबोधनों की आवाज से मिलान करने पर पाया गया कि क्लिप में बताई गई अजित डोवाल की आवाज, उनकी नहीं है। अवि डांडिया ने यह दावा करने के लिए, भाजपा से जुड़े राजनेताओं की बातचीत गढ़ी, कि वे चुनावों से पहले ईवीएम हैक करने की योजना बना रहे थे।

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.