बच्चा चोरी की अफवाहें देश में अनियंत्रित रूप से बढ़ गई हैं, बच्चा उठाने के निराधार संदेह में उन्मादी भीड़ कानून को अपने हाथों में लेकर सड़कों पर लोगों को पीट रही है। मानसिक रूप से अक्षम लोग, जो बोलकर या कुछ करके खुद का बचाव करने में असमर्थ होते हैं, ऐसी हिंसा के सबसे आम शिकार बन गए हैं। भीड़ के हमलों की अधिकांश सूचनाएं देश के ग्रामीण हिस्सों से मिली हैं। भारत भर में पिछले तीन महीनों में 15 से अधिक लोग मारे गए। हरियाणा, राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश सबसे अधिक प्रभावित राज्य हैं।

ऑल्ट न्यूज़ ने, झूठे दावों को बढ़ावा देने के लिए सोशल मीडिया में फैलाए गए भीड़ के हमलों के कई वीडियो खारिज किए हैं। अब बाल-अपहरण की अफवाहों को हवा देने के लिए नाट्य-वीडियो सामने आए हैं। इस रिपोर्ट में, हम ऐसे वीडियो के परेशान करने वाले रुझान की चर्चा करेंगे।

यूट्यूब ‘व्यूज़’ के लिए नाटक वीडियो

सोशल मीडिया के इस युग में, जहाँ ‘लाइक’ और ‘व्यूज़’ से सामग्री की प्रकृति निर्धारित होती है, कई यूट्यूब उपयोगकर्ताओं ने इस सबसे सुविधाजनक और अब भी विश्वसनीय तरीके से लोगों को गलत जानकारी परोसने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। ‘घात लगाए’ बाल अपहर्ताओं की ‘कार्यप्रणाली’ का वर्णन करते कई नाट्य-दृश्यों वाले वीडियो, वीडियो साझा करने वाले यूट्यूब के प्लेटफॉर्म पर लाखों बार देखे जा रहे हैं। ‘बाल-अपहरणकर्ताओं’ का चरित्र-चित्रण कर एक रूप गढ़ दिया गया है — भीख माँगते, मुख्यतः निःशक्त, अज्ञात लोग।

इस लेख में, ऑल्ट न्यूज़ ने बाल-अपहरण की झूठी अफवाहों को हवा देने वाले यूट्यूब पर सर्वाधिक वायरल पांच वीडियो को शामिल किया है।

1. साधु के कपड़े पहने दो लोग

वीडियो पोस्ट किया – एल के फिल्म्स
देखा गया – 2 करोड़ 70 लाख बार

एक नाट्य-वीडियो में साधु के कपड़े पहने दो लोगों को एक गाँव का अवलोकन करते दिखाया गया है। उनमें से एक व्यक्ति मूक-बधिर की तरह कार्य करता है, जबकि मध्यम आयु का दूसरा व्यक्ति उसे निर्देश देता हुआ दिखाया गया है। दोनों जब दरवाजे-दरवाजे भीख माँगने जा रहे हैं, तभी निःशक्त आदमी को बिना किसी अभिभावक के सड़क पर घूमता एक छोटा लड़का मिल जाता है। वह लड़के को कुछ खाने को देता है, फिर उसे बहाने से बेहोश करके छुपा लेता है। इसके बाद, वह अपने साथी को सूचित करता है जो एक कार लेकर आता है, जिसे कोई तीसरा व्यक्ति चला रहा होता है। दोनों लोगों को, उस लड़के को बोरी में डालते और अंत में, बच्चे का अपहरण कर कार में डालते हुए दिखाया गया है।

इस लेख के लिखे जाने तक इस वीडियो को यूट्यूब पर 2 करोड़ 70 लाख से अधिक बार देखा गया था। 31 जुलाई 2019 को पोस्ट किए गए इस वीडियो का शीर्षक है- “बाच्‍चा चोराकर गाडी मै लेकर भाग रहै है ये लोग गाँव मै आकर”।

इस वीडियो को ‘कॉमेडी’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है। 27 अगस्त को दिल्ली में एक 48-वर्षीया गर्भवती और मूक-बधिर महिला को बच्चा को उठाने के संदेह में भीड़ द्वारा पीटा गया।

2. भीख माँगने वाली महिला

वीडियो पोस्ट किया – विजेता फिल्म्स
देखा गया – 1 करोड़ 60 लाख बार

11-मिनट लंबे एक वीडियो में, एक महिला एक गाँव में घर-घर जाकर भीख माँगती नज़र आती है। महिला उन लोगों के घरों में बच्चे ढूंढ रही है जो उसे भिक्षा देते हैं। वह दो बच्चों को खेलने के लिए घर से बाहर निकलते पाती है। बाद में, महिला बच्चों से मिलती है और उन्हें कुछ खाने को देती है। जैसे ही बड़े भाई की नज़र छोटे बच्चे से हटती है, महिला बच्चे को अपनी बाहों में लेकर भाग जाती है। बड़े लड़के को पता चलता है कि महिला और उसका भाई दोनों गायब हैं तो तुरंत लौटकर अपने परिवार को बतलाता है। महिला को लड़के के परिवार सहित स्थानीय लोग पकड़ लेते हैं। उस परिवार के द्वारा महिला की पिटाई दिखलाने वाले दृश्यों के साथ वीडियो समाप्त होता है।

सत्यापित यूट्यूब चैनल, विजेता फिल्म्स, जिसके 6 लाख से ज़्यादा सब्सक्राइबर हैं, द्वारा पोस्ट किए गए इस वीडियो का शीर्षक है, “#किडनी चोर औरत बच्चा लेकर भाग रही थी अचानक पकड़ी गई||” 8 अगस्त 2019 को प्रकाशित इस वीडियो को अब तक 1 करोड़ 60 लाख से अधिक बार देखा गया है। ऑल्ट न्यूज़ ने पहले ऐसे मामलों के बारे में बताया था, जिनमें सड़कों पर भीख माँगते ट्रांसजेंडर और बच्चों से बात करती औरतों को बच्चा उठाने वाली समझ लिया गया और भीड़ द्वारा पिटाई कर दी गई।

3. भीख मांगते एक जोड़े का वीडियो

वीडियो पोस्ट किया – अनमोल भोजपुरिया
देखा गया – 1 करोड़ 50 लाख बार

एक दंपति को जंगल में घूमते दिखाया गया है जहाँ वे अपने कपड़े बदलते हैं और धार्मिक उपासकों जैसे पहनावा धारण करते हैं। किसी अकेले बच्चे को खोजने में नाकाम रहने के बाद, यह दंपति एक घर में खाट पर सो रहा एक बच्चा ढूंढ लेता है। महिला बच्चे को उठाती है और उसे आदमी के पास रखी एक बोरी में डाल देती है, जिसके बाद वे मौके से जंगल में भाग जाते हैं। ग्रामीण बाद में दोनों को रंगे-हाथ पकड़ लेते हैं, उनकी पिटाई करते हैं और लड़के को बचा लेते हैं।

“#किडनीचोर गेंग कि खौफनाक तसबिरें ऐसे देते है बारदात को अंजाम,सबक सिखाना जरूरी है” – यह शीर्षक, 10 अगस्त, 2019 को पोस्ट किए गए उस वीडियो का है। यूट्यूब पर 1 करोड़ 50 लाख से अधिक बार देखा गया यह वीडियो धार्मिक परिधान में कपड़े पहने लोगों के बारे में एक भ्रामक धारणा बनाता है। पिछले महीने, बाल-अपहरण की झूठी अफवाहों पर एक साधु और उसके दो शिष्यों को मध्यप्रदेश में भीड़ द्वारा पीटा गया।

4. भिक्षा माँगते साधु

वीडियो पोस्ट किया – ज़ी जवान
देखा गया – 1 करोड़ 20 लाख बार

एक और वीडियो यूट्यूब पर वायरल है, जिसमें एक गाँव में भिक्षा माँगते साधु के कपड़े पहने एक आदमी की कहानी सुनाई गई है। उस आदमी का भाग्य साथ नहीं देता और वह गाँव भर में घूमता है, जब तक कि उसे एक घर नहीं मिल जाता जहाँ एक कमरे में एक दंपति एक बच्चे के साथ सो रहा था। वह घर में घुस जाता है, चाकू निकालता है और बच्चे को दंपति से दूर ले जाता है। भागने की कोशिश करते साधु को स्थानीय लोग पकड़ लेते हैं, जो बाद में उसकी पिटाई करते हैं। इस नाटक में — भीड़ द्वारा साधु को पीट-पीट कर मौत के घाट उतारते और अभिनेताओं द्वारा दिया गया अंतिम संदेश कि किसी भी साधु/ भिखारी पर नज़र रखें, वह बाल-अपहरणकर्ता हो सकता है — दिखाया गया है।

5 अगस्त, 2019 को ज़ी जवान नामक चैनल द्वारा, जिसके 2 लाख से अधिक सब्सक्राइबर हैं, पोस्ट किए गए इस वीडियो को अब तक 1 करोड़ 20 लाख से अधिक बार देखा जा चुका है। इस वीडियो का शीर्षक है- “भीख मांगने वाले ही किडनी चोर है ईस गाँव में पकडा गया !!”

5. बच्चा चोर रैकेट

वीडियो पोस्ट किया – जियो बिहार

देखा गया – 1 करोड़ 30 लाख बार

इस वीडियो में, एक दंपति और दो अन्य लोगों के नेतृत्व वाले एक बाल-अपहरणकर्ता गिरोह के बारे में कहानी है। सरगना कहता है कि गिरोह के सदस्य और बच्चे लाएं ताकि वह उनकी किडनी बेच सके। गिरोह के दो पुरुष सदस्य गांव में घूमते हैं, बच्चों को अकेला पाकर उठाते हैं और उन्हें गिरोह के सरगना को सौंप देते हैं। एक बच्चे का अपहरण करने के बाद भागते समय, इन लोगों को ग्रामीणों द्वारा रंगे हाथों पकड़ लिया जाता है। इस बीच, एक छोटे बच्चे का पेट चीरते हुए दंपति को दिखाया जाता है और बच्चे के शरीर से खून निकल रहा है। स्थानीय लोगों द्वारा बंधक बना लिए गए गिरोह के सदस्य बाद में उन्हें अपने सरगना तक पहुंचाते हैं। जब स्थानीय लोग शरीर को चीरते हुए दंपति को देखते हैं, तो वे गिरोह के सदस्यों की पिटाई करते हैं। आखिरकार, भीड़ गिरोह के सदस्यों को पीट-पीट कर मार देती है।

जियो बिहार नामक एक यूट्यूब चैनल द्वारा पोस्ट किया गया उपरोक्त वीडियो, इस लेख को लिखने के समय तक 1 करोड़ 30 लाख से अधिक बार देखा गया है। एक वीडियो का एक स्क्रीनग्रैब भी बच्चे के अपहरण की अफवाहों के साथ व्हाट्सएप पर वायरल हुआ है। इस नाटकीय वीडियो में कानून अपने हाथों में लेकर और अपराधियों की हत्या करके भीड़ को न्याय करते हुए दिखाया गया है।

सांप्रदायिक और ‘पाकिस्तानी’ रंग

पांच मिनट के लंबे एक नाट्य-वीडियो में, बाल-अपहरणकर्ता के रूप में दिखलाया गया एक व्यक्ति, पाकिस्तान में अपने बॉस सुलेमान से संपर्क करता है और उसे भारत में फैल रही बाल-अपहरण की अफवाहों के बारे में बतलाता है। बॉस उसे किसी भी तरह तीन बच्चे हासिल करना जरूरी कहता है। वह आदमी लोगों से सीलबट्टा तेज कराने के लिए पूछते हुए बच्चों की तलाश शुरू करता है। वह अकेले खेलते हुए एक बच्चे को खोजता है, उसे उठाता है और एक बोरे में रखता है और भागने की कोशिश करता है, लेकिन तब तक लोगों का एक समूह उस आदमी को पकड़ लेता है।

इस वीडियो का शीर्षक – “किडनी चोर #किडनी || पाकिस्तान से आया ये बच्चा चोर ||” दिया गया है और 2.24 लाख से अधिक बार देखा गया है। ऑल्ट न्यूज़ ने सांप्रदायिक कथा के साथ प्रसारित होने वाली बाल-अपहरण की अफवाहों को खारिज किया है, उदाहरण के लिए — ताक में हैं रोहिंग्या मुसलमान — जिसमें आगे रक्तरंजित वीडियो इस्तेमाल किए गए थे।

लाखों बार देखे गए कई दूसरे वीडियो वायरल

ऑल्ट न्यूज़ को कम से कम 11 और वीडियो मिले, जिन्हें दस लाख से अधिक, सर्वाधिक 1 करोड़ 10 लाख से अधिक बार देखा गया । यूट्यूब चैनल अरविंद सिंह गोपालगंज ने एक नाट्य-वीडियो पोस्ट किया, जिसका शीर्षक था, “किडनी निकालने वाले भिखारी को गांव वालो ने मार दिया”। अब तक 1 करोड़ 10 लाख से अधिक बार देखे गए इस वीडियो में भिखारी-जैसे कपड़े पहने एक व्यक्ति को दिखाया गया है जो एक बच्चे का अपहरण करता है और उसकी किडनी निकालने की कोशिश करता है। इन 11 वीडियो में से पांच में बाल-अपहरणकर्ता को साधुओं के रूप में दिखलाया गया है जो बच्चों का अपहरण करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों की तलाश में सक्रिय रहते हैं।

दस लाख से अधिक बार देखे गए बाल-अपहरण के नाट्य-वीडियो अपलोड करने वाले अन्य यूट्यूब चैनल हैं – केएसआर राजस्थानी (40 लाख), एनआरएस राजस्थानी म्यूजिक (40 लाख, 80 लाख), जेएमएमबी फिल्म्स (20 लाख), एलके फिल्म्स (50 लाख), शंकर पटेल (20 लाख), एमआर भोजपुरिया (90 लाख), मेनका फिल्म्स (50 लाख), भोजपुरी हीरोज (2 मिलियन), और कृपा शंकर111 (70 लाख)। इन दस चैनलों में से चार, यूट्यूब के सत्यापित खाते हैं। इन चार में से तीन के 20 लाख से अधिक सब्सक्राइबर्स हैं।

यूट्यूब के हिसाब से ऐसे और वीडियो हैं

गूगल क्रोम पर गुप्त मोड का उपयोग करते हुए, ऑल्ट न्यूज़ ने “बच्चा चोर” कीवर्ड के साथ यूट्यूब पर वीडियो की खोज की। हमने देखा कि शीर्ष तीन खोज परिणामों में से एक भी नाट्य-वीडियो का चयन किया जाता है, तो कम से कम 20 और ऐसे वीडियो, सुझाए गए वीडियो की सूची में सामने आते हैं।

नीचे दिए गए स्क्रीनशॉट में बताया गया वीडियो, हालांकि भिखारियों और साधुओं को बच्चा उठाने वाले समझने की भीड़ की गलती के बारे में लोगों को बतलाता है, फिर भी, इसके साथ सूचीबद्ध सुझाव क्लिपों में जो नाट्य-वीडियो दिए गए हैं, वे उन्हीं समूहों को अपहरणकर्ताओं के रूप में दिखलाते हैं।

कई नाट्य-वीडियो यूट्यूब पर व्याप्त हैं, जो समाज के एक खास वर्ग यानी, भिखारी, साधु, भिक्षुक, मजदूर और निःशक्त व्यक्तियों को बच्चा उठाने वालों के सर्वाधिक संभावित संदिग्धों के रूप में दर्शाते हैं। ये वीडियो न केवल बाल-अपहरण की अफवाहों को और बढ़ाते हैं, बल्कि जीवन यापन के लिए भीख मांगने वाले कमजोर पृष्ठभूमि के लोगों से अमानवीयता भी बरतते हैं। इस रिपोर्ट में उल्लेखित सभी वीडियो को देखे जाने की संयुक्त संख्या 14 करोड़ से अधिक है।

पिछले कुछ महीनों में हमने देखा है कि बड़ी संख्या में लोग ऑनलाइन चल रही झूठी अफवाहों के झांसे में आए हैं और अनियंत्रित भीड़ का हिस्सा बन गए हैं। इस लेख में प्रस्तुत अधिकांश नाट्य-वीडियो भोजपुरी में हैं, जो आमतौर पर यूपी-बिहार के क्षेत्रों में बोली जाने वाली भाषा है। सभी वीडियो कोर्ट-कचहरी से परे, भीड़ के असाधारण फैसले को दिखलाते और न्यायोचित ठहराते हैं। गौरतलब है कि पिछले तीन महीनों में, बाल-अपहरण की झूठी अफवाहों के कारण बिहार में कम से कम सात लोग भीड़ के हमलों के शिकार हुए हैं। बाल-अपहरण की अफवाहों से प्रभावित राज्यों में अधिकारियों के लिए, भीड़ की हिंसा को उकसाने की क्षमता रखने वाले इन नाट्य-वीडियो पर ध्यान देने और इनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने की तत्काल आवश्यकता है। ऑल्ट न्यूज़ लगातार इस मुद्दे को पर नज़र रख रहा है और ऐसी ही ख़बरें यहाँ और यहाँ देखी जा सकती हैं।

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About the Author

Jignesh is a writer and researcher at Alt News. He has a knack for visual investigation with a major interest in fact-checking videos and images. He has completed his Masters in Journalism from Gujarat University.