“आक्रमणकारी द्वारा बलात्कार किया जाना और उसका सेक्स गुलाम (sex slave) बनना, अपनी जान बचाने के लिए जौहर करने से बेहतर है” (अनुवाद)। शंखनाद के मुताबिक यह बेतूका बयान स्वरा भास्कर ने दिया है। एक सांप्रदायिक तनाव भड़काने वाला पेज शंखनाद ने इस कथन के लिए जिम्मेदार स्वरा को बताया।

इस संदेश को कट्टरपंथी ट्विटर हैंडल्स और फेसबुक पेजों द्वारा व्यापक रूप से प्रसारित किया गया है। हाल ही में, भास्कर ने पद्मावत फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली को एक खुला-पत्र (open letter) लिखा था और उसमें जब चित्तोर को अलाउद्दीन खिलजी ने घेर लिया था तब रानी के जौहर करने के फैसले से असहमति व्यक्त की थी। भास्कर का यह विचार सोशल मीडिया पर ज्यादा चर्चा का विषय रहा। कुछ हिस्सों द्वारा उनके विचार पर हमला किया गया था, जिनमें से कुछ तो ऐसा करने के लिए बहुत नीचे गिर गए।

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महेश विक्रम हेगड़े जो नकली समाचार वेबसाइट पोस्टकार्ड के संस्थापक हैं, उनको ट्विटर पर प्रधानमंत्री मोदी जी फॉलो करते हैं। हाल ही में पोस्टकार्ड ने काजगंज यू.पी. में सांप्रदायिक हिंसा पर अभिनेता फरहान अख्तर का भी एक नकली बयान जारी किया था। समीर माहेश्वरी जिसे ट्विटर पर रेल मंत्री पियूष गोयल अपने अधिकारिक अकाउंट से फॉलो करते है।

स्वरा भास्कर ने ऑल्ट न्यूज़ से बात की। आक्रोश व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, “शंखनाद का यह मीम पूरी तरह से झूठा है मैंने सचमुच इन शब्दों का इस्तेमाल कभी भी किसी भी कथन में न तो सार्वजनिक या निजी तौर पर नहीं किया है ना लिखा है। मुझे लगता है यह जानबूझकर मेरे लेख में जो तर्क उठाया गया है उसको गलत और जहरीले इरादों से बदलने के लिए शंखनाद ने यह किया है।

यह काफी डरावना और शर्मनाक है, इस तरह फिल्म की एक विनम्रतापूर्वक की गई समीक्षा एक भयावह उद्देश्यों के लिए बदली गयी है। मुझे लगता है कि यह आपराधिक मानहानि के बराबर है।”

मुक़दमे की धमकी के बाद अपने घुटने टेकने पे मजबूर शंखनाद ने अपना ट्वीट डिलीट किया, और स्पस्टीकरण के साथ माफ़ी मांगी।

वो लोग जो शंखनाद के भड़काऊ सामग्री से अवगत हैं, उनके लिए इस तरह की अफवाह आश्चर्यजनक या दुःख की बात नहीं है। इसका कारण यह है कि लगातार सांप्रदायिक एजेंडा वाले पोस्ट उजागर किये जाने के बाद भी इस पेज को चलाने वाले के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। यह अक्सर बिना किसी भय के पोस्ट करता रहता है।

अनुवाद: Priyanka Jha

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