बॉलीवुड अभिनेता और निर्माता फरहान अख्तर अचानक विवादों के बीच आ गए, जब सोशल मीडिया पर उनका नकली बयान वाला एक सन्देश फैलाया जाने लगा। उस सन्देश के मुताबिक फरहान अख्तर 26 जनवरी को कासगंज, उत्तरप्रदेश में हुए सांप्रदायिक हिंसा में जो लोग मारे गए थे उसे सही ठहरा रहे थे। उनके द्वारा दिया गया बताकर फैलाया जाने वाला बयान कुछ इस प्रकार था, “26 जनवरी (शुक्रवार) को जुम्मा था। अगर हिंदुओं ने कासगंज के मुस्लिम इलाके में तिरंगा यात्रा नहीं की होती और वंदे मातरम् जैसे उकसाने वाले नारे नहीं लगाए होते तो वे नहीं मारे जाते।”
इस प्रकार इस कथन के अनुसार, अख्तर कासगंज में हुए संघर्ष में हिंदू पीड़ित की मौत को न्यायोचित ठहरा रहे हैं और वह जाहिर तौर पर ‘वंदे मातरम्’ को एक उत्तेजक नारा कह रहे हैं।
गौरव प्रधान, जिन्होंने इस बारे में ट्वीट किया एक बार फिर दोषी साबित हुए। वह पहले भी नकली खबरों के प्रसार के लिए पकड़े गए हैं। ये उन लोगों में से हैं जिन्हें ट्वीटर पर प्रधानमंत्री मोदी जी फॉलो करते हैं। गौरव प्रधान ने पोस्ट कार्ड न्यूज़ वाले मुहर की तस्वीर को ट्वीट किया। पोस्टकार्ड न्यूज, सांप्रदायिक नफरत को उकसाने के उद्देश्य से नकली समाचारों की एक बहुप्रचलित वेबसाइट है, और ऑल्ट न्यूज ने पहले कई बार इसे फर्जी खबर फैलाते हुए पकड़ा है।
यह उद्धृत कथन ट्विटर और फेसबुक पर वायरल है, और कई पेजों और ग्रुपों में साझा किया जा रहा है जिसमें अख्तर को ‘जिहादी’ के रूप में वर्णित किया गया है।
अख्तर ने बाद में स्पष्टीकरण के साथ ट्वीट किया कि उन्होंने कभी ऐसा नहीं कहा जैसा सोशल मीडिया पर नापाक तत्वों द्वारा फैलाया गया है। उन्होंने अपने प्रशंसकों और समर्थकों से सोशल मीडिया पर किसी चीज़ पर विश्वास करने और न करने में सावधानी बरतने को कहा।
. @TwitterIndia this is a malicious tweet with a statement that I did not make being ascribed to me. Kindly take necessary action against this user. https://t.co/wKuOUGOkhc
— Farhan Akhtar (@FarOutAkhtar) January 30, 2018
To my followers and other users of this platform,
Please be very cautious about what you choose to believe on social media. There are sinister forces at work trying their best to foster hate. Be aware of it and do your research before believing and/or reacting to anything.— Farhan Akhtar (@FarOutAkhtar) January 30, 2018
अख्तर के स्पष्टीकरण के बाद गौरव प्रधान ने अपना ट्वीट हटा दिया। हालांकि, एक माफी के बजाय प्रधान ने दूसरों पे उंगली उठाई।
Thanks for clarification @FarOutAkhtar BUT the larger question is where is ur intolerant Brigade mom dad who jump on every issue?? Why they take so many sleeping pills? या सांप सूंघ गया #KasganjTruth के नाम पे https://t.co/82mmmwPiL1
— #GauravPradhan 🇮🇳 (@DrGPradhan) January 30, 2018
सोशल मीडिया पर बार-बार पकड़े जाने के बावजूद कट्टरपंथियों द्वारा गलत और भ्रामक जानकारी अक्सर फैलाई जाती है। इनके अभियान की प्रकृति सांप्रदायिक तनाव निरंतर बनाए रखने के उद्देश से जारी रहता है जो उत्तेजक सामग्री के माध्यम से समुदायों को विभाजित करने की मांग करता है। फरहान अख्तर केवल इस दुर्भावनापूर्ण प्रचार के नए शिकार हैं।
अनुवाद: Priyanka Jha
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