साल 1907 में भौतिकशास्री एल्बर्ट आइंस्टाइन की डॉक्टरेट एप्लिकेशन रिजेक्ट करने का एक लेटर सोशल मीडिया पर शेयर हो रहा है. लेटर के मुताबिक, बर्न यूनिवर्सिटी एल्बर्ट आइंस्टाइन की डॉक्टरेट डिग्री की एप्लिकेशन रिजेक्ट करती है और उन्हें असोसिएट प्रोफ़ेसर के पद के लिए भी अयोग्य ठहराती है. फ़िल्म निर्देशक शेखर कपूर ने ये लेटर 18 सितंबर 2020 को ट्वीट किया. आर्टिकल लिखे जाने तक इसे 6,500 लाइक्स और 1,100 से ज़्यादा रीट्वीट्स मिले हैं.

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ये लेटर साल 2018 में शेयर किया था. 11 जून 2018 के उनके इस ट्वीट के मुताबिक, “उनके लिए जो रिजेक्शन से डरते हैं- जो आज पॉवर में हैं (और ऐसे स्थान पर हैं जहां से आपके बारे में राय बना सकें) ज़रूरी नहीं कि ये लोग कल सही ही साबित हों. और आपके बारे में बनाई गई उनकी राय मूर्खतापूर्ण भी साबित हो सकती है.” (ट्वीट का आर्काइव लिंक)

फ़ैक्ट-चेक

अमेरिकन फ़ैक्ट-चेकिंग ऑर्गेनाइज़ेशन स्नोप्स ने मई 2016 में इस ख़त की जांच की थी. उनकी रिपोर्ट के मुताबिक, ये बात सच है कि बर्न यूनिवर्सिटी ने साल 1907 में आइंस्टाइन की शुरुआती डॉक्टरेट एप्लिकेशन को अपर्याप्त मानते हुए नकार दिया था और उनको असोसिएट प्रोफ़ेसर पद के लिए भी रिजेक्ट कर दिया था. लेकिन हाल में शेयर हो रहा लेटर वो नहीं है जिसे बर्न यूनिवर्सिटी ने साल 1907 में आइंस्टाइन को भेजा था. ये एक फ़र्ज़ी लेटर है.

स्नोप्स के मुताबिक, “जिस देश की मूल भाषा जर्मन हो, ऐसे देश स्विट्ज़रलैंड में स्थित बर्न यूनिवर्सिटी ने जर्मन बोलनेवाले आइंस्टाइन को अंग्रेज़ी भाषा में पत्र लिख कर रिप्लाइ करे, ये बात समझ में नहीं आती. बर्न यूनिवर्सिटी ने आइंस्टाइन का ऐकडेमिक काम भी जर्मन भाषा में ही पब्लिश किया है.” इसके अलावा, एक और बात पर गौर करना चाहिए कि लेटर में बर्न का पोस्टल कोड (3012) लिखा हुआ है जबकि 1960 के दशक तक स्विट्ज़रलैंड ने चार अंकों वाले पोस्टल कोड की सुविधा को अपनाया ही नहीं था.

इस ख़त की सच्चाई सामने आने के बाद थरूर ने अपनी ग़लती भी स्वीकारी थी.

इस तरह, पिछले कई सालों से ये फ़र्ज़ी ख़त सोशल मीडिया पर साल 1907 में बर्न यूनिवर्सिटी द्वारा आइंस्टाइन को भेजा गया असली ख़त मानकर शेयर किया जा रहा है.

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Jignesh is a writer and researcher at Alt News. He has a knack for visual investigation with a major interest in fact-checking videos and images. He has completed his Masters in Journalism from Gujarat University.