“कश्मीर की बर्फ़बारी में फँसे कांग्रेस नेता ने सेना से माँगी मदद, सेना ने माँगा फँसे होने का सबूत” -यह संदेश सोशल मीडिया में वायरल है।

फेसबुक और ट्विटर, दोनों पर सोशल मीडिया यूजर्स और फेसबुक ग्रुपों में भी इस संदेश को व्यापक रूप से प्रसारित किया गया है।

इन पोस्टों के कमेंट्स देखने से यह वास्तविकता सामने आती है कि अधिकांश लोगों ने इस संदेश को सच मान लिया।

व्यंग्य

सोशल मीडिया में वायरल संदेश, फेकिंग न्यूज़ के एक व्यंग्य लेख से लिया गया है। इस लेख का शीर्षक यह वायरल संदेश ही है।

फेकिंग न्यूज़ अपने परिचय में स्पष्ट करता है। इसके बावजूद लोगों ने इसके लेख के शीर्षक को एक प्रामाणिक समाचार के रूप में शेयर किया।

कुछ लोगों ने बर्फ में फंसी एक जीप को निकालने की कोशिश करते लोगों की एक तस्वीर भी शेयर की। यह वही तस्वीर है जिसका फेकिंग न्यूज़ ने अपनी कहानी में इस्तेमाल किया था। एक गूगल रिवर्स इमेज सर्च हमें एक फ्री स्टॉक फोटो वेबसाइट तक ले गया, जिसमें इस तस्वीर का वर्णन इस रूप में है — “मंगोलिया — बर्फ में फंसी कार”। यह मार्टिन वोरेल नामक एक यूजर द्वारा इस वेबसाइट पर 2013 में अपलोड की गई थी।

यह कोई पहली बार नहीं है जब सोशल मीडिया यूजर्स किसी व्यंग्य या पैरोडी हैंडल के झांसे में आए हैं। पिछले महीने, माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर कपिल सिब्बल के व्यंग्य को प्रामाणिक खबर मानकर शेयर किया गया। हाल ही, एक पैरोडी हैंडल के ट्वीट, ‘करांची बम धमाके में वैज्ञानिकों की मौत’ को कइयों ने सही समझ लिया था। हालांकि, ऐसे संदेशों के बारे में गूगल पर खोज कर लेने से इनकी असलियत को समझना सरल हो जाता है।

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.