“उत्तराखंड में में गिर रही बस को रोक कर इस हाथी ने लोगो की जान बचाई जय गणेशा”। १६ अक्टूबर को फेसबुक पेज I Support Ajit Doval ने बस धकेलते हुए हाथी की एक तस्वीर के साथ उपरोक्त शीर्षक के साथ पोस्ट किया था।
एक और व्यक्ति ने भी इस तस्वीर को शेयर किया है जिसे फेसबुक पर 7600 से भी ज़्यादा बार लाइक किया गया है।
सात महीने पहले ही इस तस्वीर की सच्चाई बताई गई थी
इसी साल के मार्च में इस तस्वीर को ये बताकर पोस्ट किया गया था कि झारखण्ड में एक हाथी ने एक खाई में गिरती हुई बस को बचाकर उसमें सवार 47 यात्रियों के जान बचायी।
झारखण्ड में खाई में गिर रही बस को रोक कर एक हाथी ने बचाई 47 जाने ।
गणपति बाबा के इस अवतार के लिए एक लाइक तो बनता ह बोस।
अगर लीख सकते हो तो कमेन्ट में जरूर लोखे-"गणपति बाबा मोरया"Posted by JAN JAN TAK on Tuesday, 28 March 2017
ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि ये तस्वीर नाहि खाई में गिरती हुई बस की है, नाहि ये भारत की है। द स्टार नामक एक कैनेडियन दैनिक अखबार ने 16 नवंबर, 2007 को इस तस्वीर पर एक लेख छापी है, जिसका शीर्षक है, “बांग्लादेश की राजधानी ढाका से 120 किलोमीटर दक्षिण में बारीशल में एक हाथी रोड पर फँसी हुई बस को धकेल रहा है, (AP PHOTO)”। (अनुवाद)
भावनात्मक मूल्य वाले कई चित्रों को नियमित रूप से सोशल मीडिया पर सहानुभूति प्राप्त करने के लिए प्रसारित किया जाता है। हालांकि इस तस्वीर की प्रकृति नुकसान पहुँचाने की नहीं है, लेकिन फिर भी उपयोगकर्ताओं को सोशल मीडिया पर साझा करने से पहले किसी भी तस्वीर की जांच पड़ताल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
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