सितंबर में हर महीने की तरह राजनीतिक गतिविधियां बढ़ीं तो गलत सूचनाओं की लहर आ गई। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की कैलाश मानसरोवर यात्रा से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बोहरा समुदाय के बीच पहुंचने तक, हर एक मौका, झूठ फैलाने वालों के लिए, सोशल मीडिया पर उनके एजेंडा का शिकार बना।

राजनीतिक कीचड़ उछालना निरंतर जारी

1. राहुल गांधी की मानसरोवर यात्रा को लेकर झूठा दावा

यह आरोप लगाया गया था कि राहुल गांधी ने गूगल इमेज में संग्रहित तस्वीरों को अपनी यात्रा के दौरान ली गई फोटो के रूप में शेयर किया था। 5 सितंबर 2018 को, राहुल गांधी ने झील राक्षसतल के दो चित्रों को यह लिखते हुए ट्वीट किया था- “झील राक्षसतल की आश्चर्यजनक सुंदरता। #कैलाश यात्रा।” (अनुवाद)

यह तस्वीर जिसे गूगल इमेज सर्च से देखा जा सकता था और जिसके बारे में कई अकाउंट से उनके आम तस्वीर होने का दावा किया गया था, वास्तव में वह राहुल गांधी की इंस्टाग्राम फ़ीड से आई तस्वीर थी। इसे जस्ट डायल अकाउंट में सूचीबद्ध किया गया था, जहां से यह गूगल इमेज पर दिखती थी।

2. पीएम मोदी की शिक्षा के बारे में भ्रामक वीडियो

(बड़ी मुश्किल से विडियो ढूंढा है, ये 1998 का इन्टरव्यू है जिसमे साहब खुद कह रहे है हाई स्कूल तक पढा हूँ, लेकिन आज साहब के पास ग्रेजुएशन की डिग्री है जो 1979 मे किया था !!) – कांग्रेस पार्टी की सोशल मीडिया प्रमुख दिव्या स्पंदना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुराने साक्षात्कार के साथ यह ट्वीट किया था। उनके ट्वीट से इस वीडियो को 53,000 से अधिक बार देखा गया।

स्पंदना ने क्लिप की हुई वीडियो को शेयर किया था। छह महीने पहले ही ऑल्ट न्यूज ने पाया था कि यह जताने के लिए कि पीएम ने खुद हाई स्कूल तक पढ़े होने का दावा किया था, इस वीडियो को क्लिप कर फैलाया गया था। यह कम से कम तीन वर्षों से सोशल मीडिया में प्रसारित है। हमें नवंबर 2015 तक इस क्लिप किए गए वीडियो का उदाहरण मिला। उसी वीडियो के लंबे संस्करण में मोदी कहते हैं कि उन्होंने बीए और एमए बाहरी छात्र के रूप में किया था। स्पंदना ने अपनी गलती भी स्वीकारी।

3. सोनिया गांधी के चौथी सबसे अमीर महिला होने का झूठा दावा

अख़बार क्लिप की एक तस्वीर सोशल मीडिया में खूब शेयर की गई थी, जिसमें बताया गया था कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ‘दुनिया में चौथी सबसे अमीर’ हैं। क्लिप के साथ के कैप्शन में सवाल उठाया गया है – “अम्बानी अदानी ने लाखों लोगो को रोजगार दिए कारखाने खोले तब अमीर बने. पर सोनिआ गाँधी कैसे अमीर बानी?

Posted by I Support Modi Ji and BJP on Thursday, 27 September 2018

सोशल मीडिया में वायरल अफवाहें, छह साल पुरानी एक गलत रिपोर्ट पर आधारित थीं, जिसे हालिया घटना के रूप में प्रसारित कर दिया गया था। इन पोस्टों के मुताबिक सोनिया गांधी की कुल संपत्ति 2 से 19 अरब अमेरिकी डॉलर के बीच है, मगर इसे साबित करने वाला कोई निर्णायक सबूत या डेटा नहीं है।

4. नकली उपशीर्षक वाले वीडियो में मोदी की तुलना हिटलर से

नाज़ी नेता एडॉल्फ हिटलर का एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर प्रसारित किया गया, जिसमें उन्हें 1936 में कथित रूप से जर्मनी के एस्सेन में क्रप कारखाने में दिए गए एक भाषण में दर्शकों को संबोधित करते दिखलाया गया था। वीडियो में दिए गए उपशीर्षक के अनुसार, हिटलर कह रहे हैं, “मैंने अपने देश की सेवा के लिए सबकुछ छोड़ दिया। मैं किसी पद के लिए नहीं, बल्कि जिम्मेदारी के लिए हूं। देश के भविष्य के लिए किए गए हर कदम की जिम्मेदारी मेरी है। अगर मैं गलत हूं, तो मुझे जिंदा जलाएं, मैं किसी से नहीं डरता।” इस क्लिप को, नोटबंदी के बाद पीएम मोदी के नवंबर 2016 के भाषण के समानांतर रखकर दोनों में समानता दिखलाने की कोशिश की गई थी।

ऑल्ट न्यूज़ ने सोशल मीडिया में फैले इस दावे की जांच की तो यूट्यूब पर हिटलर के उसी भाषण का एक लंबा संस्करण पाया। वह भाषण वास्तव में 1936 का और एसेन का ही है, लेकिन वीडियो के साथ वायरल उपशीर्षक, जिसके अनुसार हिटलर कह रहे थे, “अगर मैं गलत हूं तो मुझे ज़िन्दा जला दें” झूठा है।

5. राहुल गांधी और चीन को लेकर भाजपा के वीडियो में गलतबयानी

राहुल गांधी और चीन: व्यसन, जुनून या कुछ और? (अनुवाद) -यह 31 अगस्त, 2018 को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के आधिकारिक ट्विटर खाते से पोस्ट किए गए एक वीडियो का शीर्षक था। वीडियो में इस्तेमाल की जाने वाली पहली तस्वीर कांग्रेस अध्यक्ष को रॉबर्ट वाड्रा और प्रियंका वाड्रा के साथ भारत में चीन के राजदूत के साथ एक तस्वीर खिंचवाते दिखलाती है। तस्वीर का इस्तेमाल यह इशारा करने के लिए किया गया था कि 2017 में जब भारतीय और चीनी सैनिकों में डोकलाम विवाद को लेकर एक तनावपूर्ण स्थिति थी, तब राहुल गांधी ने गुप्त रूप से चीनी दूतावास से मुलाकात की थी।

ऑल्ट न्यूज ने पाया था कि चीनी राजदूत के साथ राहुल गांधी की यह तस्वीर अप्रैल 2017 से चीनी दूतावास की वेबसाइट पर उपलब्ध थी, जब राहुल गांधी ने बीजेपी, जेडीयू और सीपीआई के नेताओं के साथ चीन के खाद्य त्यौहार में भाग लिया था। उसी तस्वीर का इस्तेमाल पहले रिपब्लिक टीवी और टाइम्स नाउ ने भी गांधी को लक्षित करने के लिए किया था।

6. बोहरा समुदाय की सभा में पीएम मोदी की फोटोशॉप तस्वीर

“जिन्हे था इंकार कभी टोपी से किसी दौर में। मस्जिद के अंदर नजर आये वो साहेब इंदौर में।” गुजरात के स्वतंत्र विधायक जिग्नेश मेवाणी ने 16 सितंबर, 2018 को उपरोक्त संदेश के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुस्लिम टोपी पहने हुए एक तस्वीर को ट्वीट किया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सितम्बर में इंदौर में पैगंबर मोहम्मद के पोते इमाम हुसैन की मौत की बरसी पर उन्हें याद करने के एक कार्यक्रम ‘अशरा मुबारका’ में भाग लेने के लिए गए थे। बाद में मेवाणी ने इस ट्वीट को जब उन्हें पता चला कि तस्वीर फोटोशॉप की हुई थी।

सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक घृणा

1. 11 करोड़ रोहिंग्या/8 करोड़ बांग्लादेशियों का झूठा दावा

“पेट्रोल-डीजल थोड़ा बढ़ा तो सभी पार्टी विरोध कर रही है लेकिन रोहिंग्या बढ़ कर 11 करोड़ हो गए उस पर सब चुप है” यह संदेश फेसबुक पेज आई सपोर्ट नरेंद्र मोदी द्वारा शेयर एक पोस्ट का है। इसे 21,000 से अधिक बार शेयर किया गया था। एक और थोड़ा बदला हुआ पोस्ट कहता है, “डीजल पेट्रोल की कीमत 5 रुपये बढ़ी और आपने भारत बंद कर दिया। लेकिन क्या वे 8 करोड़ बांग्लादेशी और रोहिंग्या आपके परिवार के सदस्य हैं कि आप उनका समर्थन करते हैं? हाइपोक्रिटिकल कांग्रेस।”

रोहिंग्या पर सब चुप है, आखिर क्यों ?

Posted by Social Tamasha on Saturday, 8 September 2018

ये दावे साफ तौर पर झूठे हैं। भारत में न तो 11 करोड़ रोहिंग्या शरणार्थी और न ही 8 करोड़ बांग्लादेशी प्रवासी हैं, और इन पोस्टों को मुख्य रूप से स्थानीय को लेकर डर का माहौल और घृणा फैलाने के लिए शेयर किया गया था।

2. मुहर्रम के दौरान हुई दुर्घटना को हिंदू पर मुस्लिम हमले के रूप में चित्रित किया

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के गौरी बाजार इलाके में मुहर्रम जुलूस के दौरान एक हिंदू लड़के का गला तलवार से कटने का दावा सोशल मीडिया में प्रसारित किया गया था। “देवरिया के गौरीबाजार थानाक्षेत्र में इस्लामिक आतंकियों ने मुहर्रम के जुलूस की आड़ में अल्पवयस्क हिन्दू लड़के विशाल ओझा का तलवार से गला काटा , यक्ष प्रश्न ये है की आरोपी इस्लामिक आतंकी अब तक गिरफ्तार क्यों नहीं हुए ?” 21 सितंबर, 2018 को एक सोशल मीडिया यूजर ने यह ट्वीट किया। इस संदेश के साथ, एक लड़के के गले से खूब खून बह रहा वीडियो पोस्ट किया गया था। वीडियो मूल रूप से एक ट्विटर हैंडल ब्रेकिंग ट्यूब द्वारा पोस्ट किया गया था।

वह लड़का किसी तलवार से हमले में घायल नहीं हुआ था, बल्कि मुहर्रम जुलूस के दौरान एक ट्यूबललाइट उसके निकट फट गया था। यू.पी. पुलिस द्वारा ऑल्ट न्यूज को इसकी पुष्टि भी की गई। कुछ समाचार संगठनों द्वारा भी इस घटना की गलत तरीके से रिपोर्ट की गई थी।

3. उत्तराखंड में मुसलमानों द्वारा नागा साधु की पिटाई का झूठा दावा

एक ट्विटर हैंडल @Imamofpeace ने 2 सितंबर की सुबह ट्वीट किया, “भारत में इस्लामी चरमपंथी एक गरीब और बुजुर्ग भारतीय भिखारी को पीट रहे हैं। मैं सचमुच चाहता हूं कि इस इस्लामवादी अपराधी को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाए। @narendramodi” इस ट्वीट से जुड़े वीडियो में एक युवा द्वारा एक बुजुर्ग को मारते दिखलाया गया था।

ऑल्ट न्यूज़ ने पटेल नगर, देहरादून के एसएचओ से संपर्क किया जिन्होंने हमें बताया कि यह घटना सोशल मीडिया पर झूठे दावे के साथ प्रसारित की जा रही है। “जिस आदमी को पीटा गया, वह नागा साधु नहीं, बल्कि एक भिखारी है। वह विवाहित है और उसके छह बच्चे हैं। वह भोजन मांगने के लिए एक घर गया और उस महिला से छेड़छाड़ की जिसने उसे चाय और बिस्कुट दी।” एसएचओ ने आगे कहा कि उसे महिला के भाई ने पीटा था, जो मुसलमान नहीं, बल्कि हिंदू परिवार से था।

नकली बयान, वेबसाइट और पैरोडी अकाउंट

1. कश्मीर पर अरविंद केजरीवाल का नकली बयान

सोशल मीडिया पर, कई पेजों और अकाउंट्स ने एक तस्वीर पोस्ट की थी जो किसी हिंदी ई-पेपर क्लिप से काटे हुए लेख जैसा दिखता था। लेख का शीर्षक कथित रूप से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कथन था – “भारत को कश्मीर पर अपना अधिकार स्वीकार करना चाहिए क्योंकि कश्मीरियों को स्वतंत्रता चाहिए।” यह पोस्ट लगभग 5,000 बार शेयर किया गया था।

ऑल्ट न्यूज़ ने इस कथित वक्तव्य की तथ्य जांच की तो पाया कि यह एक नकली ई-पेपर क्लिप है जो 2014 से इंटरनेट पर प्रसारित हो रही है।

2. सेना प्रमुख बिपीन रावत का नकली बयान

भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपीन रावत का एक कथित बयान फेसबुक पेज आई सपोर्ट डोवाल, जिसके 17 लाख से अधिक फ़ॉलोअर्स हैं, द्वारा शेयर किया गया। रावत की तस्वीर के साथ दिए गए संदेश में कहा गया है, “सेना प्रमुख बिपीन रावत ने कहा अगर नेता बनना है तो, 5 साल पहले देश की सेवा के लिए आर्मी में होना अनिवार्य कर दिया जाए! यकीन मानिए देश का 80% कचरा अपने आप ही साफ़ हो जाएगा। इनके बातों से कितने लोग सहमत है। जो सहमत हैं शेयर करें।”

Posted by I Support Doval on Sunday, 16 September 2018

उपरोक्त तस्वीर को पहले भी शेयर किया गया था और इसके जवाब में, भारतीय सेना ने 11 सितंबर, 2018 को अपने सोशल मीडिया चैनलों के माध्यम से स्पष्ट किया था कि प्रसारित बयान झूठा था। यह स्पष्टीकरण भारतीय सेना के आधिकारिक फेसबुक पेज और ट्विटर हैंडल पर प्रकाशित हुआ था।

3. HAL के पैरोडी अकाउंट से सोशल मीडिया हुआ गुमराह

@HAL_India नामक एक अकाउंट से सोशल मीडिया में एक ट्वीट खूब शेयर किया गया। इसमें रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के हालिया बयान का जवाब दिया गया था कि यूपीए सरकार के दौरान ख़रीदे जा रहे 126 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद का सौदा इसलिए नहीं हुआ क्योंकि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के पास उनके उत्पादन की आवश्यक क्षमता नहीं थी।

छानबीन में यह हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) का पैरोडी अकाउंट निकला, हालांकि अकाउंट के परिचय खंड में यह स्पष्ट किया गया था। इस बारे में HAL ने अपने आधिकारिक हैंडल से ट्वीट करके स्पष्ट किया कि @HAL_India उनका आधिकारिक अकाउंट नहीं है। HAL द्वारा इस बारे में ट्विटर को औपचारिक शिकायत दर्ज कराई गई।

4. मोहनदास पाई बीबीसी की नकली वेबसाइट के झांसे में आए

“चौंकाने वाली सूची। एक भारतीय राजनीतिक दल भी शामिल” इन्फोसिस के पूर्व निदेशक मोहनदास पाई ने 2018 में दुनिया के दस सबसे भ्रष्ट राजनीतिक दलों की सूची वाले एक लेख को शेयर करते हुए यह ट्वीट किया था। यह सूची जुलाई 2018 में प्रकाशित हुई थी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को दुनिया के अन्य हिस्सों की राजनीतिक पार्टियों में शामिल किया गया था। सूची के मुताबिक, कांग्रेस पार्टी का दुनिया के सबसे भ्रष्ट राजनीतिक दलों में दूसरा स्थान है।

मोहनदास पाई ने बीबीसी न्यूज़ के बहुरूपिया वेबसाइट से यह लेख ट्वीट किया था। ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि वह वेबसाइट, जिसके लिंक को पाई ने ट्वीट किया था, वह संदिग्ध था और इस वेबसाइट द्वारा राजनेताओं और राजनीतिक दलों के बारे में ऐसी नकली ‘सूचियां’ नियमित रूप से प्रकाशित किया जाता है।

5. मधु किश्वर ने पैरोडी अकाउंट द्वारा पोस्ट किया गया बयान ट्वीट किया

“मेरे और नन के बीच जो हुआ, वह बलात्कार नहीं है। यह, कृत्य के अंत में, पवित्र जीसस के जादुई अस्तित्व को महसूस करने के लिए, ज्ञान का पवित्र अनुष्ठान है।” (अनुवाद) मधु किश्वर ने एक तस्वीर ट्वीट की जिसमें उपरोक्त संदेश के साथ बलात्कार के आरोपी बिशप फ्रैंको मुलक्कल की तस्वीर शामिल थी। इस तस्वीर में ANI का लोगो भी है।

ऑल्ट न्यूज़ ने “होली रिचुअल ऑफ इनलाइटमेन्ट” (Holi Ritual of enlightenment/ ज्ञान के पवित्र अनुष्ठान) कीवर्ड का उपयोग करके ट्विटर खोज की तो इस जानकारी का मूल स्रोत पाया। अनपेड टाइम्स (Unpaid Times) इस दावे के स्क्रीनशॉट को ट्वीट करने और बिशप को जिम्मेदार ठहराने वाला पहला अकाउंट था। अनपेड टाइम्स का ट्विटर परिचय स्पष्ट बताता है कि यह एक “भारतीय व्यंग्यात्मक समाचार वेबसाइट” है। हालांकि, जैसा कि अक्सर होता है, बहुत से लोग इस तरह के व्यंग्य को सच मानकर उसे प्रसारित कर देते हैं।

इस लेख में ऊपर दिए उदाहरणों के अलावा सितंबर में गलत जानकारी के कुछ अन्य प्रमुख उदाहरण हैं।

1. 1962 के युद्ध के बाद भीड़ द्वारा नेहरू पर हमले का झूठा दावा

हाल ही में, जवाहरलाल नेहरू की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर कुछ उपयोगकर्ताओं द्वारा शेयर की गई थी, जिसमें संदेश था कि 1962 में “चीन युद्ध में विफलता” के बाद भारत के पहले प्रधानमंत्री को लोगों ने मारा था। Alt News ने पाया कि यह तस्वीर पिछले कुछ वर्षों से सोशल मीडिया पर चल रही थी।

ऑल्ट न्यूज़ ने इस दावे की जांच की तो पाया कि वह तस्वीर 1962 की तो है, मगर इसे युद्ध से पहले लिया गया था और इस प्रकार, यह 1962 के युद्ध से संबंधित नहीं थी।

2. पाकिस्तान के पत्रकारों ने भारत में कश्मीरी को टॉर्चर देने का फर्जी वीडियो शेयर किया

प्रमुख पाकिस्तानी पत्रकार और समाचार एंकर हामिद मीर ने एक कश्मीरी को भारत में कथित रूप से टॉर्चर करने का एक भयावह वीडियो शेयर किया। उन्होंने ट्वीट किया, “कश्मीर में इस टॉर्चर को देखें और देखें कि यह टॉर्चर कौन दे रहा है? कोई यह समझ सकता है कि क्यों भारत पाकिस्तान के साथ वार्ता के लिए तैयार नहीं है? हाँ पाकिस्तान निश्चित रूप से इस टॉर्चर के बारे में पूछेगा।” हामिद मीर का ट्वीट खूब शेयर किया गया था।

ऑल्ट न्यूज ने तथ्य-जांच में पाया कि यह दावा झूठा है, और वह वीडियो कश्मीरी को टॉर्चर देने वाली भारतीय सेना का नहीं है। वास्तव में, वह वीडियो पाकिस्तानी सेना के कमांडो प्रशिक्षण से संबंधित था।

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About the Author

Arjun Sidharth is a writer with Alt News. He has previously worked in the television news industry, where he managed news bulletins and breaking news scenarios, apart from scripting numerous prime time television stories. He has also been actively involved with various freelance projects. Sidharth has studied economics, political science, international relations and journalism. He has a keen interest in books, movies, music, sports, politics, foreign policy, history and economics. His hobbies include reading, watching movies and indoor gaming.