“अमृतसर में 100 से ज्यादा लोगों को कुचलकर मारने वाली ट्रेन का ड्राइवर “इम्तियाज़ अली” था।“ सोशल मीडिया यूजर्स का एक वर्ग-विशेष हर दुखद हादसे को सांप्रदायिक रंग दे देता है। दशहरा के दिन अमृतसर में हुआ हादसा भी इससे अछूता नहीं रहा। दशहरा की शाम रेल-पटरियों पर जमा होकर रावण का पुतला दहन देख रहे लोग वहां से गुजरी रेलगाड़ी के चपेट में आ गए, जिसमें 60 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवाई, वहीं, हादसे के कुछ ही घंटे बाद सोशल मीडिया में ट्रेन ड्राइवर का नाम इम्तियाज अली होने का दावा वायरल होने लगा।
*अमृतसर में 100 से ज्यादा लोगों को कुचलकर मारने वाली ट्रेन का ड्राइवर "इम्तियाज़ अली" था*। 😭और कुछ सुनना बाकी है अब भी वक्त है *हिन्दुओ एक हो जाओ* 🕉⚔⚔🚩🚩@office_Payal @sherni__ @ZeeNewsHindi @Sagrika4india @Archana_Sunil_ @Zee_Hindustan @TajinderBagga
— हिंदू मयुर। ( हिंदू एकता मिशन) (@mayurkatta) October 20, 2018
यह दावा करने वालों में वो लोग भी शामिल हैं जिन्हें पीएम मोदी फॉलो करते हैं। हालाँकि सोशल मीडिया यूजर द्वारा ध्यान दिलाए जाने पर यह ट्वीट अब डिलीट कर दिया गया है।
ऑल्ट न्यूज़ को इसके पीछे संगठित अभियान का सबूत मिला है, जिसमें एक ही संदेश को कई हैंडल द्वारा कॉपी-पेस्ट किया गया था। दोपहर लगभग 12.40 बजे शुरू हुए इस अभियान में फेसबुक और ट्विटर पर सैकड़ों एक जैसे संदेशों को प्रसारित किया जाने लगा। आरोप लगाया गया कि अमृतसर त्रासदी एक मुस्लिम ट्रेन ड्राइवर का “ट्रेन जिहाद” था।
इन संदेशों का एजेंडा अलगाववादी था, भाषा ज़हरीली थी और लोगों को उत्तेजित करने के स्पष्ट उद्देश्य से ये ट्वीट्स तैयार किए गए थे।
फैलाए जा रहे संदेश
साम्प्रदायिक संदेश के साथ शुरू हुआ यह अभियान मुस्लिम ड्राइवर को दोषी ठहरा रहा था और हादसे को जानबूझकर किया गया बताया जा रहा था।
अमृतसर ट्रेन हादसे मे किसी ने भी ड्राइवर का धर्म जानने की कोशिश की??
जानना चाहोगे ??
इम्तियाज़ अली
अब समझे ट्रेन क्यों नही रोकी तथा इतनी स्पीड से क्यों दौड़ रही थी।
— 🚩N K khaitan 🚩 (@khaitan48) October 20, 2018
250 से अधिक मौतों वाले अमृतसर_ हादसे में ट्रेन ड्राईवर #इम्तियाज_खान था।बाकी आप समझदार हैं।
ये हादसा नहीं योजनाबद्ध कत्लेआम है!#अमृतसर_रेल_हादसा pic.twitter.com/JSnkaO8Zwy— Dr.R.Tripathi.BJP🙏🚩🌷 (@RakeshT73827202) October 20, 2018
“250 से अधिक मौतों वाले अमृतसर_ हादसे में ट्रेन ड्राईवर #इम्तियाज_खान था।बाकी आप समझदार हैं। ये हादसा नहीं योजनाबद्ध कत्लेआम है!”
संदेशों में कांग्रेस को दोष देने और मुस्लिम ड्राइवर वाले एंगल को कांग्रेस से जोड़ने का भी प्रयास किया गया। इस तरह के सन्देश से मालूम पड़ता है कि इन ट्वीट्स के पीछे किस राजनीतिक पार्टी के समर्थक थे। प्रत्येक ट्वीट को कई बार कॉपी-पेस्ट किया गया था।
कांग्रेस ने सैकड़ों लोगों को पटरी पर खड़ा कराया.
नवजोत कौर के सहयोगी लोगों के पटरी पर खड़े होने को मर्दानगी कह रहे थे.
मेला इस मैदान पर पहली बार लगाया गया था वह भी बिना प्रशासन के परमिशन के.आखरी बात- ट्रेन का ड्राइवर "इम्तियाज अली"
वाह रे हत्यारी कांग्रेस.
— The Chanakya (@SirChanakya_) October 20, 2018
“कांग्रेस ने सैकड़ों लोगों को पटरी पर खड़ा कराया. नवजोत कौर के सहयोगी लोगों के पटरी पर खड़े होने को मर्दानगी कह रहे थे. मेला इस मैदान पर पहली बार लगाया गया था वह भी बिना प्रशासन के परमिशन के. आखरी बात- ट्रेन का ड्राइवर “इम्तियाज अली” वाह रे हत्यारी कांग्रेस.”
इनमें से कुछ ट्वीट्स को स्वघोषित आईटी सेल कार्यकर्ताओं ने भी ट्वीट किए, जिन्हें भाजपा नेता फॉलो करते हैं। सोशल मीडिया यूजर द्वारा ध्यान दिलाये जाने के बाद इसे डिलीट कर दिया गया।
सुनने मैं आ रहा है कि ड्राइवर का नाम इम्तियाज अली था
इससे पहले दो ट्रैन आराम से निकल गयी
ओर कभी हमने नमाज पढ़ते लोगो पर तो ट्रेन दौड़ते देखी नही।
अगर इसमें सच्चाई है तो गहरी जांच होनी चाहिये@PiyushGoyal#AmritsarTrainTragedy pic.twitter.com/mAsFGZw3jC
— Puran Agarwal 26 k #JodhpurITCell (@ppagarwal) October 20, 2018
“सुनने मैं आ रहा है कि ड्राइवर का नाम इम्तियाज अली था इससे पहले दो ट्रैन आराम से निकल गयी ओर कभी हमने नमाज पढ़ते लोगो पर तो ट्रेन दौड़ते देखी नही। अगर इसमें सच्चाई है तो गहरी जांच होनी चाहिये”
इस ट्वीट में आश्चर्य जाहिर किया गया है कि नमाज पढ़ने वाले लोगों पर ट्रेन क्यों नहीं चलती है। इस तरह के ट्वीट्स करने वाले हैंडल के परिचय में एक समानता-सी है जो खुद को “बीजेपी सपोर्टर”, “इंडिया फर्स्ट”, “प्राउड इंडियन” आदि बताता है।
ये ट्रेन तब क्यों नहीं आती जब पटरियो पर नमाज पढ़ी जाती है?
— SHY GUY (@babarbaaz_) October 19, 2018
ये दावे फेसबुक और ट्विटर दोनों पर वायरल हैं।
सच क्या है?
रेलवे प्रशासन को ड्राइवर के लिखित बयान के अनुसार, ड्राईवर का नाम अरविंद कुमार है। कई मीडिया संगठनों ने भी इसकी सूचना दी है।
Saw a crowd of ppl around track. Immediately applied emergency brakes while continuously blowing horn. Still some ppl came under it.Train was about to stop when people started pelting stones & so I started the train for passengers' safety:DMU train's driver.#AmritsarTrainAccident pic.twitter.com/2dihtcO9Ri
— ANI (@ANI) October 21, 2018
ऐसी गंभीर त्रासदी को लेकर निराधार अफवाहें फैलाना और इसे सांप्रदायिक मोड़ देना दुर्भावनापूर्ण है। परेशान करने वाली बात यह है कि यह भड़काऊ दावा कुछ ट्वीट्स या फेसबुक पोस्ट तक सीमित नहीं था। यह कॉपी-पेस्ट करके ट्वीट्स करने वाला एक संगठित सोशल मीडिया अभियान प्रतीत होता है। मीडिया में ट्रेन ड्राइवर का नाम सार्वजनिक होने के बाद भी ऊपर वर्णित ट्वीट्स में से किसी में भी उसे हटाया नहीं गया है। “इम्तियाज अली” की एक त्वरित खोज इस तरह के सैकड़ों ट्वीट्स प्रकट कर देती है। हाल ही ऑल्ट न्यूज़ ने, अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने के लिए गलत सूचनाओं का आधार बनाए जाने का विस्तृत खुलासा किया है। अलग-अलग समुदायों के बीच घृणा फैलाने के एजेंडा के साथ, इससे अनजान सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं की भावनाओं के साथ, जानबूझकर किए जा रहे इस खेल का विनाशकारी परिणाम हो सकता है।
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