रोड पर चल रहे एक काफ़िले पर हमला करने का 24 सेकंड का वीडियो काफ़ी शेयर हो रहा है. ‘गोदी मीडिया’ नामक फ़ेसबुक पेज ने 18 जुलाई को ये वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, “ब्रेकिंग न्यूज़ बिहार बिहार के स्मार्टसिटी पटना में भाजपा बिधायक के लात जुटा के मसीन में जम कर हुई जनता के द्वारा कुटाई रोड नही तो वोट नही को लेकर हुआ था विवाद नेता जी केद्वारा गलत सब्दो के कारण हो गई कुटाई” ये वीडियो आर्टिकल लिखे जाने तक करीब 10 लाख बार देखा और 27 हज़ार से ज़्यादा बार शेयर किया जा चुका है. (पोस्ट का आर्काइव लिंक)

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बिहार के स्मार्टसिटी पटना में भाजपा बिधायक के लात जुटा के मसीन में जम कर हुई जनता के द्वारा कुटाई रोड नही तो वोट नही को लेकर हुआ था विवाद नेता जी केद्वारा गलत सब्दो के कारण हो गई कुटाई

Posted by गोदी मीडिया on Saturday, 18 July 2020

एक और फ़ेसबुक पेज ‘RC Kar’ ने इसी मेसेज के साथ ये वीडियो पोस्ट किया. आर्टिकल लिखे जाने तक इस वीडियो को 3 लाख 84 हज़ार से ज़्यादा व्यूज़ मिले हैं और 15 हज़ार से ज़्यादा बार शेयर किया गया है. (पोस्ट का आर्काइव लिंक)

#BJP MLA kutai

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बिहार के स्मार्टसिटी पटना में भाजपा बिधायक के लात जुटा के मसीन में जम कर हुई जनता के द्वारा कुटाई रोड नही तो वोट नही को लेकर हुआ था विवाद नेता जी केद्वारा गलत सब्दो के कारण हो गई कुटाई

Posted by RC Kar on Saturday, 18 July 2020

फ़ेसबुक पर ये वीडियो वायरल है. इसके साथ-साथ ट्विटर पर भी ये वीडियो पटना में बीजेपी विधायक पर हमला होने के दावे से शेयर किया गया है.

फ़ैक्ट-चेक

वायरल वीडियो से जुड़ी हमने 2 चीज़ें नोट कीं: पहली ये कि वीडियो के शुरुआत में दिख रहे व्यक्ति के गले में एक स्कार्फ़ है जिसमें भाजपा का चिन्ह ‘कमल’ दिखाई दे रहा है और दूसरी ये कि वीडियो में 11वे सेकंड पर एक कट आता है जिसके बाद एक दूसरा वीडियो चलने लगता है. इस दूसरे वीडियो में पूरे सफ़ेद रंग के कपड़े पहने एक व्यक्ति को कुछ लोग मार रहे हैं.

पहला वीडियो

लोकसभा चुनाव से पहले अप्रैल 2019 में ये पहला वीडियो (0 से 11 सेकंड तक) ‘वोट मांगने पहुंचे बीजेपी नेता पर हमला’ होने के दावे से शेयर किया गया था. उस वक़्त ऑल्ट न्यूज़ ने इस वीडियो की हकीकत सबके सामने रखी थी.

दरअसल ये वीडियो दार्जिलिंग में बंगाल भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष दिलीप घोष पर 2017 में हुए हमले का है. 5 अक्टूबर 2017 की ‘न्यूज़ एक्स’ की वीडियो रिपोर्ट के मुताबिक, दार्जिलिंग में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष दिलीप घोष अपने समर्थकों के साथ पहुंचे थे. जहां पर घोष और उनके साथियों पर हमला किया गया.

6 अक्टूबर 2017 का ‘एबीपी न्यूज़’ का एक वीडियो मिला. इस वीडियो रिपोर्ट में बताया गया है कि गोरखा समर्थकों ने दिलीप घोष और उनके समर्थकों से धक्का-मुक्की कर ‘गो बैक गो बैक’ के नारे भी लगाए. रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी ने इस हमले का विरोध करते हुए कोलकाता में प्रदर्शन किया था. ‘नवभारत टाइम्स’ की 5 अक्टूबर 2017 की रिपोर्ट के अनुसार, दिलीप घोष ने इस हमले के बाद अपने 3 दिवसीय दौरे को रद्द कर दिया था. घोष ने आरोप लगाया कि गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के बागी नेता बिनय तमांग के समर्थकों ने उन पर हमला किया था.

दूसरा वीडियो

आगे यूट्यूब के सर्च रिज़ल्ट में ही हमें वायरल वीडियो का दूसरा वीडियो भी मिला. दरअसल वायरल वीडियो में 11वे सेकंड के बाद जो दूसरा वीडियो दिखता है वो अक्टूबर 2016 में आसनसोल में बाबुल सुप्रियो पर हुए हमले का है. 19 अक्टूबर 2016 को अपनी वीडियो रिपोर्ट में ‘एबीपी न्यूज़’ ने बताया कि पश्चिम बंगाल के आसनसोल में बीजेपी नेता बाबुल सुप्रियो पर टीएमसी के समर्थनों के हमला किया था.

20 अक्टूबर 2016 की ‘पत्रिका’ की रिपोर्ट में बताया गया है कि कुछ दिनों पहले भाजपा के समर्थकों ने गौ तस्करी का आरोप लगाते हुए कुछ कसाईयों को पीटा था. इसके बाद भाजपा के लोग तृणमूल नेता मलय घटक के घर के सामने प्रदर्शन करने वाले थे. लेकिन इससे पहले ही बाबुल सुप्रियो पर हमला हो गया. इस हमले में ज़िला भाजपा नेता सुब्रत मिश्रा भी घायल हुए थे. बाबुल सुप्रियो ने अपने ऊपर हुए हमले के बाद ट्वीट करते हुए तृणमूल नेता मलय घटक पर हमला करवाने का आरोप लगाया था.

28 जुलाई 2020 को इस वायरल वीडियो की जांच ‘द क्विन्ट’ ने की है.

2016 और 2017 में भाजपा नेताओं के काफ़िले पर हुए हमले के वीडियोज़ एडिट कर सोशल मीडिया में हालिया बताते हुए शेयर किये हैं. ये एडिटेड वीडियो शेयर कर यूज़र्स झूठा दावा कर रहे हैं कि ये पटना में हाल ही में एक भाजपा विधायक पर हुए हमले वीडियो का है.

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About the Author

Kinjal Parmar holds a Bachelor of Science in Microbiology. However, her keen interest in journalism, drove her to pursue journalism from the Indian Institute of Mass Communication. At Alt News since 2019, she focuses on authentication of information which includes visual verification, media misreports, examining mis/disinformation across social media. She is the lead video producer at Alt News and manages social media accounts for the organization.