#लखनऊ यह घटना #इंटोजा थाना क्षेत्र की कल की है, #शांतिप्रीय_कोम के #इस्लाम,और चार पांच लोग और, इसकी बहन का रेप करने आए इसने रेप नही करने दिया तो इसकी बहन और दोनों को बुरी तरह पीटा, #जागो_हिंदू_जागो आप लोगों का अंत निश्चित है, और इस घटना में क्या पुलिस वाले इन्हें अस्पताल पहुंचा सकते थे, पर दुर्भाग्य देखिए हमारे देश के शासन का”
उपरोक्त दावे से एक विचलित करने वाला वीडियो जिसमें एक आदमी और महिला को खून से लथपथ हालत में देखा जा सकता है, सोशल मीडिया में साझा किया गया है। कहा जा रहा है कि “शांतिप्रिय समुदाय” के लोगों द्वारा लड़की पर यौन उत्पीड़न के हमले के बाद उसके भाई के विरोध करने पर उसे बड़ी बेरहमी से मारा गया है। “शांतिप्रिय समुदाय” शब्द का प्रयोग व्यंगनातमक रूप में मुस्लिम समुदाय के लिए किया जाता है। “जागो हिंदू जागो”, वीडियो में इस नारे से यह बताने की कोशिश की गई है कि वीडियो में दिख रहे लोग हिंदू समाज के है।
#लखनऊ
यह घटना #इंटोजा थाना क्षेत्र की कल की है, #शांतिप्रीय_कोम के #इस्लाम,और चार पांच लोग और, इसकी बहन का रेप करने आए इसने रेप नही करने दिया तो इसकी बहन और दोनों को बुरी तरह पीटा, #जागो_हिंदू_जागो आप लोगों का अंत निश्चित है, और इस घटना में क्या पुलिस वाले इन्हें अस्पताल पहुंचा सकते थे, पर दुर्भाग्य देखिए हमारे देश के शासन का।Posted by R Madhu Sahu on Monday, 24 June 2019
उपरोक्त वीडियो को एक व्यक्तिगत उपयोगकर्ता द्वारा 24 जून को पोस्ट किया गया था, जिसे अब तक करीब 12 लाख लोगों ने देखा है। इस पोस्ट को व्यापक रूप से करीब 34,000 बार साझा किया गया है। अन्य एक पोस्ट, जिसमें इसी वीडियो और संदेश को पोस्ट किया गया है, करीब 7500 बार शेयर किया गया है। इसे शंखनाद द्वारा भी पोस्ट किया गया था, लेकिन बाद में डिलीट कर दिया गया। वायरल हुए इस वीडियो को कई व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं ने अपनी टाइमलाइन पर साझा किया है।
45 सेकंड के इस वीडियो की बातचीत हिंदी में है। वीडियो में दिख रहे आदमी को, जब पूछा गया कि किसने मारा है तुम्हें, तब उसने जवाब देते हुए कहा कि,“इस्लाम और यूनुस”।
ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि इस दावे को एक वेबसाइट www.breakingtube.com पर भी प्रकाशित किया गया था। यह ध्यान देने योग्य बात है कि इस वेबसाइट ने पहले भी सांप्रदायिक रूप से फ़र्ज़ी समाचार प्रकाशित किया था।
एक अन्य व्यक्तिगत उपयोगकर्ता द्वारा किये गए ट्वीट में इसी वीडियो को एक अन्य संदेश के साथ साझा किया गया है। इसे अब तक 4400 से अधिक बार रीट्वीट किया जा चुका है, मगर इसके मूल ट्वीट को डिलीट कर दिया गया है।
धन्य है रे तू मेरे भाई अकेले होकर भी अपनी बहन कि अस्मत जिहादियों से बचा ली
बहनों की राखियों का असली हक़दार तुम जैसे भाईयों कि कलाई ही है ! नमन है 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 https://t.co/7i3aoTR3uc— Riniti Chatterjee (@Chatterj1Asking) June 25, 2019
इस ट्वीट को लोकप्रिय दक्षिणपंथी ट्विटर यूज़र सोनम महाजन ने भी रीट्वीट किया था।
यूपी पुलिस ने किया दावे को ख़ारिज
यह घटना लखनऊ के इटौंजा में हुई थी, ना कि इन्टूजा में, जैसा कि वायरल संदेश में दावा किया गया था। ऑल्ट न्यूज़ ने लखनऊ पुलिस के मीडिया प्रभारी आशीष कुमार से बात की, जिन्होंने इस दावे को खारिज कर दिया। “इसमें कोई हिंदू मुस्लिम की बात नहीं है। दोनों पक्ष मुस्लिम समुदाय के ही थे। यह दावा कि बलात्कार का प्रयास किया गया, वह भी गलत है। बच्चों के बिच पहले झगड़ा हुआ और बाद में बड़े भी उलझ पड़े। यही हुआ था”।
इसके अलावा, यूपी पुलिस ने इस घटना से संबधित दावे के बारे में स्पष्ट करने ले लिए ट्विट्टर का इस्तेमाल किया। ट्वीट करके उन्होंने बताया कि दोनों पक्ष एक ही समुदाय के थे। इस ट्वीट को आप नीचे पढ़ सकते है।
— LUCKNOW POLICE (@lkopolice) June 25, 2019
बाद में 25 जून को, एक यूज़र द्वारा इस दावे को साझा करते पर, यूपी पुलिस ने जवाबी तौर पर कहा कि चारों आरोपी- उस्मान, शकील, यूनुस और इस्लाम को गिरफ्तार कर लिया गया है।
— UP POLICE (@Uppolice) June 25, 2019
अंत में यह दोहराया जा सकता है कि वीडियो में दिखाई गई हिंसा, एक ही समुदाय के लोगों के बीच में हुई थी। इस वीडियो को गलत तरीके से पेश करके इसे एक सांप्रदायिक मुद्दा बनाने की कोशिश की गई है।
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