CAA-विरोध प्रदर्शनों के संदर्भ में पुलिसकर्मियों का एक वीडियो सोशल मीडिया में प्रसारित हो रहा है, जिसमें एक सिख व्यक्ति को गिरफ्तार कर उसकी पगड़ी हटाई जा रही है। दावा किया जा रहा है कि वह व्यक्ति मुस्लिम था और खुद को सिख समुदाय से दर्शाने का प्रयास कर रहा था। फेसबुक पर, भाजपा विधायक टी राजा सिंह के फैन पेज ‘Tiger Raja Singh Fan Club’ से क्लिप को 6,000 से अधिक बार देखा गया है। इसके साथ साझा किये गए सन्देश के अनुसार, “मुस्लिम व्यक्ति ने सिख को #CAA के खिलाफ विरोध करते हुए के दर्शाने के लिए खुद सिख सरदार का रूप लिया।” (अनुवाद)

मधु कीश्वर ने 10 फरवरी, 2020 को यह वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा है, CAA के विरोध मुसलमान पगङी पहनकर कर रहें हैं जिससे लगे कि सिक्ख मुसलमानों के साथ जुड़ गए हैं। सावधान रहें। बेईमानी तो इन #papistanis की रग रग में घुस गई है।”

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी एक अन्य उपयोगकर्ता द्वारा साझा किये गए इस वीडियो को रिट्वीट किया है।

1 फरवरी, 2020 को एक ट्विट्टर यूज़र ने यह वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा है, “CAA के विरोध मुसलमान पगङी पहनकर कर रहें हैं जिससे लगे कि सिक्ख इनका विरोध कर रहे हैं, सावधान रहें हमारे देश के कुछ मुस्लिम इतने गिर गए है कि उनसे सावधान रहना पड़ेगा। वो भेष बदल कर कोई भी गलत काम कर सकते है। Be careful !!!!!!”

संदीप मुत्तागी ने यह क्लिप फ़ेसबुक पर (आर्काइव) इस दावे के साथ साझा की है – “यह दिखाने के लिए कि सिख #CAA के खिलाफ हैं मुस्लिम व्यक्ति ने नकली सिख सरदार चेहरे का उपयोग कर झूठा प्रचार।” (अनुवाद) ट्विटर पर मुत्तागी खुद को तेलंगाना के मलकजगिरी में भाजपा का सह-संयोजक बताते हैं।

पुराना वीडियो, झूठा दावा

‘police removes Sikh turban (पुलिस ने सिख पगड़ी हटाई)’ – कीवर्ड्स से गूगल सर्च करने पर 2011 में प्रकाशित की गई एक घटना की रिपोर्ट मिली। वेबसाइट sikhnet.com के अनुसार, “छंटनीग्रस्त ग्रामीण पशुचिकित्सा फार्मासिस्टों और कर्मचारियों के शांतिपूर्ण धरने में भाग ले रहे एक सिख युवक को पुलिस अधिकारियों द्वारा अलग खींच कर बिना कारण उनकी पगड़ी जबरन हटा दी थी।” (अनुवाद) यह घटना पीसीए स्टेडियम, मोहाली, पंजाब के पास 28 मार्च 2011 को हुई थी।

गैर-लाभकारी संगठन यूनाइटेड सिख्स ने एक सिख युवक की पगड़ी हटाने के लिए पंजाब पुलिस के खिलाफ मोहाली न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष एक आपराधिक शिकायत दर्ज़ की थी। उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री, CJI, NHRC, सहित कई अन्य को भी पत्र लिखे थे।

मार्च 2011 के अंतिम सप्ताह में मोहाली में छंटनीग्रस्त ग्रामीण पशुचिकित्सा फार्मासिस्टों द्वारा अपनी नौकरियों को नियमित करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया था। 28 मार्च को यह आंदोलन हिंसक हो गया था, जब प्रदर्शनकारियों ने निषेधात्मक आदेशों का उल्लंघन किया और पीसीए स्टेडियम के पास एकत्र हुए। द इंडियन एक्सप्रेस ने बताया कि कई वाहनों में तोड़ फोड़ की गई थी, जब पथराव कर रही भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया, आंसूगैस के गोले दागे और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया।

सिख युवक को गिरफ्तार करने और उसकी पगड़ी उतारने का यह वीडियो 29 मार्च, 2011 को यूट्यूब पर अपलोड किया गया था।

झूठे दावे से वीडियो वायरल

सोशल मीडिया में यह क्लिप CAA-विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हुई घटना के रूप में वायरल की गई और दावा किया गया कि एक मुस्लिम व्यक्ति ने सिख आदमी का रूप लिया था। इस समान दावे को लेखक रवि राय ने भी साझा किया है।

एक अन्य लेखक रतन शारदा ने ट्वीट को उद्धृत करते हुए इस वीडियो को साझा किया था। उन्होंने लिखा, “#OMG #Tequiah बेहद खराब! सिखों को बदनाम करने वाले इन इस्लामिक साथियों को गले लगाने के लिए #खालिस्तानियों को बुलाओ।” इस ट्वीट को अब हटा दिया गया है।

यह वीडियो एक हिंदी कैप्शन के साथ भी साझा किया गया है, जिसमें लिखा है, “मुसलमान सिख के कपड़ों में प्रदर्शन करते ताकी बेवकूफों को बता सकें कि आ जाओ भाइयों तुम्हारी जाती भी हमारे साथ है, बिल्कुल ऐसे ही वो अम्बेडकर का उपयोग करते हैं,क्योंकि अभी उनकी जनसंख्या कम है, इतिहास गवाह है जो इनके करीब होता है पहले उसे ही निपटा देते हैं।”

वास्तव में यह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल है।

यही क्लिप ट्विटर पर भी शेयर की गई है। नीचे @cGalgalE2 का एक ट्वीट दिया गया है।

एक अन्य उपयोगकर्ता @Afraoo7 ने भी इसे साझा किया।

इस वीडियो ने व्हाट्सएप की भी राह पकड़ी है।

यह दोहराया जा सकता है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शनों के दौरान एक मुस्लिम व्यक्ति द्वारा सिख व्यक्ति का रूप धारण करने के झूठे दावे के साथ वायरल यह वीडियो, वास्तव में 2011 का है, जिसे ग्रामीण पशुचिकित्सा फार्मासिस्टों के विरोध के दौरान रिकॉर्ड किया गया था। जिस आदमी की पगड़ी उतारी गई, वह सिख समुदाय का सदस्य है।

[अपडेट 1 : इस लेख में 3 फरवरी, 2020 को नए वायरल दावे शामिल किए गए है।] [अपडेट 2 : 10 फरवरी, 2020 को मधु कीश्वर का ट्वीट शामिल किया गया।]
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About the Author

Pooja Chaudhuri is a senior editor at Alt News.