कोरोना वायरस वैश्विक महामारी बन चुका है. दुनिया भर में लाखों लोग इसकी चपेट में आये हैं और लगभग पूरा विश्व आंशिक या पूरी तरह लॉकडाउन मोड में जा चुका है. सब कुछ अपनी जगह जड़ हो चुका है. इस दौरान जनमानस में आतंक फैला हुआ है. कोरोना वायरस का आतंक. लोग पूरी सतर्कता बरतते हुए दिन काट रहे हैं. यहां तक कि अपने घरों में वो पूरी सावधानी बरत रहे हैं. ऐसे माहौल में भ्रामक जानकारियों के लोगों के बीच फैलने का भी खतरा बढ़ा है. इसके पीछे डर एक मुख्य वजह है. इसी डर के चलते ग़लत जानकारियां और भ्रामक ख़बरें लोग एक दूसरे से शेयर कर रहे हैं और कई जगहों पर इसके बेहद बुरे नतीजे देखने को मिले हैं.

सोशल मीडिया पर चल रहे ऐसे ही एक वीडियो की बात हम यहां करेंगे. इस वीडियो में एक पुलिस का सिपाही दिखाई देता है जिसकी सांस फूलती हुई मालूम देती है. वो थोड़ी ही देर में ज़मीन पर गिर पड़ता है और छींकने लगता है. साथ ही साफ़ मालूम पड़ता है कि उसे सांस लेने में खासी दिक्कत हो रही है. वहीं मौजूद उसके और भी साथी आनन-फानन में उसके उपचार का इंतज़ाम करते हैं. वायरलेस पर मेसेज भेजा जता है और तुरंत ही डॉक्टर आ जाते हैं. बीमार पुलिसवाले को पहले तो अस्पताल ले जाया जाता है और वहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे एक एम्बुलेंस में डाला जाता है. वीडियो इस दावे के साथ शेयर हो रहा है कि उसमें दिखने वाला पुलिसवाला कोरोनावायरस से संक्रमित था और ये घटना हाजीपुर जेल की है.

वक़ार अहमद बाराबंकी ने इस वीडियो को पोस्ट किया. उनके इस वीडियो को 2,800 से ज़्यादा बार शेयर किया गया. इस वीडियो को 44 हज़ार से ज़्यादा बार देखा गया है.

बिहार जिला हाजीपुर

Posted by Waqar Ahmad Barabanki on Sunday, 12 April 2020

Law Chamber of Md Aammar Zaki नाम के एक पेज ने इसे अपलोड करते हुए बताया कि ये हाजीपुर जेल में एक कोरोना वायरस के सस्पेक्टेड मरीज़ का वीडियो है.

Suspected Corona patient in Hajipur Jail

Posted by Law Chamber of Md Aammar Zaki on Sunday, 12 April 2020

ऑल्ट न्यूज़ के ऑफिशियल व्हाट्सऐप नंबर पर भी इस वीडियो कि सच्चाई जानने के लिए कई रिक्वेस्ट्स आईं.

फ़ैक्ट चेक

हमने इस वीडियो को गौर से देखा तो 5 मिनट 39 सेकंड बीतने के बाद हमें एक गेट पर लिखा दिखाई दिया ‘मंडल कारा, हाजीपुर (वैशाली)’

इसके बाद हमने यूट्यूब पर सर्च किया – ‘Hajipur jail coronavirus’. इसपर हमें हाजीपुर जेल से सम्बंधित कुछ वीडियोज़ के साथ यही वीडियो मिला जो कि
Inquilabi Hindustani Live (इंक़लाबी हिन्दुस्तानी लाइव) नाम के यूट्यूब चैनल ने अपलोड किया हुआ था. इसके टाइटल में बताया गया था कि ये एक मॉक ड्रिल का वीडियो है. हालांकि जब हमने वीडियो को प्ले किया तो हमें बस वही वीडियो दिखा जो कि वायरल हो रहा था. उसके अलावा और कोई जानकारी नहीं बतायी गयी थी.

इसके अलावा हमें यूट्यूब के सर्च रिज़ल्ट में एक वीडियो और दिखा. ये वैशाली न्यूज़ नाम के चैनल ने अपलोड किया था. इस चैनल के पास 10 हज़ार के आस-पास सबस्क्राइबर्स भी हैं. एक ‘न्यूज़ बुलेटिन’ की शक्ल में दिख रहे इस वीडियो में असल में इसी भ्रामक जानकारी की सच्चाई बतायी जा रही थी. एंकर बताते हैं कि सोशल मीडिया पर चल रहे एक वीडियो के मुताबिक़ ये ग़लत ख़बर चलाई जा रही है कि हाजीपुर जेल में कोरोना वायरस का एक सस्पेक्टेड केस मिला है. असल में ये एक मॉक ड्रिल का वीडियो है.

इस पूरे मामले की एक फ़ाइनल तस्दीक करने के लिए हमने गूगल पर ‘Hajipur jail coronavirus mock drill’ सर्च किया. यहां से हमें ‘द क्विंट’ की एक फ़ैक्ट चेक रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में भी यही बताया गया था कि वायरल हो रहा वीडियो एक मॉक ड्रिल का वीडियो है.

हाल ही में ऑल्ट न्यूज़ ने कई मौकों पर ऐसे वीडियोज़ की सच्चाई बतायी है जो कि असल में थे तो मॉक ड्रिल के लेकिन उन्हें कोरोना वायरस के वास्तविक पेशेंट के वीडियो बताकर शेयर किया गया. उत्तर प्रदेश से आये एक वीडियो को कोरोना वायरस के पेशेंट्स पकड़े जाने के नाम पर शेयर किया जा रहा था. असल में ये वीडियो मुस्लिम समाज पर निशाना साधते हुए शेयर किया जा रहा था.

देश में कई जगहों पर सरकार लोगों को जागरूक करने के लिए और किसी भी बुरी स्थिति से निपटने के लिए मॉक ड्रिल करवा रही है. इससे किसी भी संस्थान में या किसी भी जगह मौजूद लोगों को ये मालूम रहेगा कि मुसीबत आने पर उन्हें किस तरह से और क्या क्या सावधानियां बरतते हुए मोर्चा लेना है. इस दौरान हुई खामियों वगैरह को आगे दिखाने के लिए वीडियो रिकॉर्डिंग होती है. इन्हीं वीडियोज़ को कई दफ़ा ग़लत मंशा और ग़लत दावों के साथ लोगों में फैलाया जाता है. अक्सर लोग अनजाने में, सही जानकारी के अभाव में ऐसे दावों पर विश्वास करते हैं और उन्हें आगे बढ़ा देते हैं.

नोट : भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 9,500 के पार जा पहुंची है. इसकी वजह से सरकार ने बुनियादी ज़रुरतों से जुड़ी चीज़ों को छोड़कर बाकी सभी चीज़ों पर पाबंदी लगा दी है. दुनिया भर में 18 लाख से ज़्यादा कन्फ़र्म केस सामने आये हैं और 1 लाख से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. लोगों में डर का माहौल बना हुआ है और इसी वजह से वो बिना जांच-पड़ताल किये किसी भी ख़बर पर विश्वास कर रहे हैं. लोग ग़लत जानकारियों का शिकार बन रहे हैं जो कि उनके लिए घातक भी साबित हो सकता है. ऐसे कई वीडियो या तस्वीरें वायरल हो रही हैं जो कि घरेलू नुस्खों और बेबुनियाद जानकारियों को बढ़ावा दे रही हैं. आपके इरादे ठीक हो सकते हैं लेकिन ऐसी भयावह स्थिति में यूं ग़लत जानकारियां जानलेवा हो सकती हैं. हम पाठकों से ये अपील करते हैं कि वो बिना जांचे-परखे और वेरीफ़ाई किये किसी भी मेसेज पर विश्वास न करें और उन्हें किसी भी जगह फ़ॉरवर्ड भी न करें.

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Ketan is Senior Editor at Alt News Hindi.