फ़ेसबुक और ट्विटर पर कई यूज़र्स ने सब्ज़ी बेचने वाले की पिटाई का एक वीडियो शेयर किया है. 45 सेकेंड के इस वीडियो में एक व्यक्ति डंडे से एक सब्ज़ी बेचनेवाले को पीटता हुआ दिख रहा है. उसके साथ में कम-से-कम तीन लोग और हैं. पीटने वाल वेंडर से उसका नाम पूछता है और पहचान पत्र दिखाने के लिए कहता है. वेंडर अपना नाम ‘मोहम्मद सलीम’ बताता है और आईडी कार्ड न होने की बात करता है. इसके बाद, सलीम को गाली दी जाती है और उसे डंडे से मारा जाता है. सलीम को पीटने वाला कहता है, “तुमलोग जिहाद कर रहे हो.” वीडियो में दिख रहे सभी लोगों (सलीम ने भी) ने मास्क पहना हुआ है.

फ़ेसबुक पेज फ़ेकूएक्सप्रेस 2.0, पर इस वीडियो को 1,200 से अधिक लोगों ने शेयर किया और 30,000 से अधिक लोग देख चुके हैं.

Muslims are attacked for spreading

This happening with Muslims across the India.

This man asked ID Card and name of this vendor, when he said “Mohammad Saleem” he was abused and beaten up brutally.

Anti-Muslim propaganda run by Media has consequences on ground.

Muslims are attacked for spreading #Covid_19 .

Posted by FekuExpress2.0 on Saturday, 11 April 2020

सोशल मीडिया पर कई लोगों ने दावा किया, “इस आदमी ने वेंडर से उसका नाम पूछा, जब वेंडर ने अपना नाम ‘मोहम्मद सलीम’ बताया, तब उसे भद्दी गालियां देकर बुरी तरह से पीटा गया.”

ऑल्ट न्यूज़ के व्हॉट्सऐप (+91 76000 11160) और ऑफ़िशियल एंड्रॉयड ऐप पर इस दावे का फ़ैक्ट-चेक करने की कई रिक्वेस्ट्स मिलीं है.

सत्य घटना

ऑल्ट न्यूज़ ने वीडियो के फ़्रेम्स की पड़ताल की. हमें दो सेकेंड के मार्क पर एक बाइक की नंबर प्लेट दिखी. नेशनल मोटर रजिस्ट्री के पोर्टल पर DL 9S BX 9250 की तलाश की. पता चला कि इस गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नई दिल्ली का है.

47 सेकेंड के मार्क पर, हमें स्पोकेन इंग्लिश सेंटर का एक विज्ञापन मिला. इसमें दीवार पर दाईं तरफ़ फ़ोन नंबर 98715 42848 लिखा था. इस क्लू के आधार पर, ऑल्ट न्यूज़ ने गूगल पर कीवर्ड सर्च किया. हमें साउथ ईस्ट दिल्ली के बदरपुर में ‘इंग्लिश मेनिया’ के बारे में पता चला.

11 अप्रैल को, आम आदमी पार्टी के विधायक सोमनाथ भारती ने वीडियो को क़ोट-ट्वीट किया और दिल्ली के पुलिस कमिश्नर, श्री एस. एन. श्रीवास्तव को टैग कर सवाल किया, “अगर आपकी पुलिस 1-2 दिन में पीएम की भतीजी का पर्स वापस ला सकती है, मुझे भरोसा है कि इस बेशर्म इंसान को आप ढूंढ ही लेंगे. कृप्या, इसके साथ न्याय करिए. और दिल्ली को ये भरोसा दिलाइए कि दिल्ली को धर्म के नाम पर बांटने की किसी भी कोशिश से कठोरता से निपटा जाएगा.”

साउथ ईस्ट दिल्ली के डीसीपी ने भारती के क़ोट-ट्वीट के जवाब में लिखा, “इस घटना का संज्ञान पहले ही लिया जा चुका है. संबंधित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई है और घटना के आरोपी को गिरफ़्तार किया जा चुका है. इस तरह की घटनाओं को किसी भी कीमत पर बख़्शा नहीं जाएगा. ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ कानून अपना काम करेगा. @DelhiPolice”

ऑल्ट न्यूज़ ने साउथ ईस्ट दिल्ली के डीसीपी, आरपी मीना, से बात की. उन्होंने वायरल वीडियो से संबंधित प्रेस नोट हमसे शेयर किया. दिल्ली पुलिस के 13 अप्रैल के प्रेस नोट के मुताबिक़, ये घटना 11 अप्रैल को बदरपुर में ताजपुर रोड पर हुई थी. साइबर सेल ने जब वायरल वीडियो को ट्विटर को शेयर किया, तब पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई शुरू कर दी.

स्टेटमेंट में आगे लिखा है कि कि DL 9S BX9250 बाइक के मालिक की पहचान दिल्ली के मोलरबंद निवासी सुधांशु के तौर पर हुई. बाइक की पहचान होने के बाद आगे जांच की गई. सुधांशु ने पुलिस को बताया कि घटना ताजपुर रोड पर हुई और वेंडर को पीटने वाले का नाम प्रवीण बब्बर है. प्रवीण बदरपुर में ही रहता है. बब्बर को गिरफ़्तार किया जा चुका है और उसपर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153 (ग़लत भाषा का इस्तेमाल कर दंगे भड़काने की कोशिश – अगर दंगा हुआ – अगर नहीं हुआ तो), धारा 355 (गंभीर उकसावे के अलावा, किसी व्यक्ति की गरिमा भंग करने के लिए हमला या बलप्रयोग), धारा 298 (किसी व्यक्ति की धार्मिक भावनाओं को जानबूझकर भड़काने के लिए ग़लत शब्दों का बारंबार प्रयोग आदि) और धारा 323 (स्वेच्छापूर्वक चोट पहुंचाने की सज़ा) के तहत बदरपुर पुलिस थाने में केस दर्ज किया गया है.

इस वीडियो को जब आप देखेंगे तो समझ में आ जाएगा कि डंडे से पीटने वाले शख्स प्रवीण बब्बर ने सब्ज़ी बेचने वाले को नाम पूछने के बाद मारना शुरू किया. उसे इसलिये मारा गया क्यूंकि वो मुस्लिम था. ये बात प्रवीण बब्बर के कहे शब्दों ‘तुम लोग जिहाद कर रहे हो’ से और भी पुख्ता तरीक़े से साबित हो जाती है. दिल्ली के निज़ामुद्दीन इलाके में एक धाम्रिक आयोजन में शामिल हुए कई लोग COVID-19 पॉजिटिव पाए गए थे. ये धार्मिक आयोजन इस्लाम धर्म से जुड़ा हुआ था. इस ख़बर के आने के बाद मुसलमान लोगों को टार्गेट करते हुए उनके ख़िलाफ़ कई ग़लत ख़बरें और भ्रामक जानकारियां फैलाई गईं. इन्हें देखते हुए साफ़ मालूम चलता है कि ये एक प्रोपोगेन्डा का हिस्सा है. और इन सभी चक्करों में कई वाकये ऐसे भी देखने को मिले हैं जिसमें लोगों को हिंसा का शिकार होना पड़ा है. ये वीडियो भी ऐसा ही एक उदाहरण है.

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

About the Author

🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.