सोशल मीडिया पर एक 2 मिनट लम्बा वीडियो शेयर किया जा रहा है. इसमें कुछ लोग आक्रामक होकर एक लाल शर्ट पहने शख्स से पूछताछ कर रहे हैं. हरयाणवी बोली में लोग उससे पूछ रहे हैं कि उसका क्या प्लान था और उसने ये सब कहां से सीखा? वो उसे धमकी भी देते हैं कि उसपर तेल डालकर उसे आग लगा देंगे. ये भी साफ़ मालूम चल रहा है कि जिस शख्स से पूछताछ हो रही है वो चोटिल है और उसके सर, छाती और पैरों पर खून लगा हुआ है.

कई ट्विटर और फ़ेसबुक यूज़र्स ने इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया है कि इस शख्स ने कोरोना वायरस फैलाने के मकसद से अपनी थूक से भरे हुए इंजेक्शन से फलों पर छिड़काव किया. इस वीडियो के साथ जो मेसेज वायरल हो रहा है वो ये रहा – “बवाना से मिला है ये। थूक को इंजेक्शन से फ्रूट्स में भरकर कोरोना फैलाने की तैयारी थी. आखिर ये लोग चाहते क्या हैं”

Resurging Hinduism नाम के फ़ेसबुक पेज ने इस वीडियो को इसी मेसेज के साथ 6 अप्रैल को पोस्ट किया. तब से ये वीडियो 1,200 से ज़्यादा बार शेयर किया गया है और इसे 37,000 से ज़्यादा लोग देख चुके हैं. (पोस्ट का आर्काइव लिंक)

बवाना से मिला है ये। थूक को इंजेक्शन से फ्रूट्स में भरकर कोरोना फैलाने की तैयारी थी

बवाना से मिला है ये। थूक को इंजेक्शन से फ्रूट्स में भरकर कोरोना फैलाने की तैयारी थी

Posted by Resurging Hinduism on Monday, April 6, 2020

9 अप्रैल को कई मीडिया आउटलेट्स ने PTI की एक रिपोर्ट पब्लिश की जिसमें पुलिस का बयान शामिल था – “22 साल के एक शख्स को दिल्ली के बवाना इलाके में पीट-पीट कर मार डाला गया. लोगों को उसपर कोरोना वायरस फैलाने का शक था.” इन मीडिया आउटलेट्स में इंडिया टीवी (आर्काइव किया हुआ लिंक), हफिंग्टन पोस्ट (आर्काइव किया हुआ लिंक) और द क्विंट (आर्काइव किया हुआ लिंक) शामिल हैं. मख्तूब मीडिया ने भी इसी दावे के साथ रिपोर्ट छापी थी. (आर्काइव किया हुआ लिंक)

ऑल्ट न्यूज़ को अपनी ऑफिशियल एंड्रॉइड ऐप और व्हाट्सऐप नंबर (+91 76000 11160) पर इस पूरे प्रकरण की सच्चाई जानने की रिक्वेस्ट्स मिलीं.

फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ गूगल पर एक कीवर्ड सर्च के ज़रिये ‘द हिन्दू’ की एक रिपोर्ट तक पहुंचा (आर्काइव किया हुआ लिंक). इसके मुताबिक़, 30 साल के शमसाद अली को बवाना के हरेवली गांव में कुछ लोगों ने पीटा था. उन्हें शक था कि वो कोरोना वायरस फैलाने की ‘साज़िश’ में शामिल था.

कई मीडिया आउटलेट्स जैसे इंडियन एक्सप्रेस, टाइम्स नाउ और कैच न्यूज़ ने इस घटना को रिपोर्ट किया. हालांकि द हिन्दू के उलट बाकी सभी जगहों पर उसकी उम्र 22 साल और उसका नाम दिलशाद उर्फ़ महबूब अली बताया गया है. ऑल्ट न्यूज़ ने बवाना के असिस्टेंट कमिश्नर से बात की जिन्होंने इस बात की तस्दीक की कि वीडियो में दिखने वाला शख्स 22 साल का अली ही है.

इस घटना का एक लम्बा वीडियो भी ऑल्ट न्यूज़ के हाथ लगा. हिंसा होने के कारण हम इस लम्बे वीडियो को यहां शामिल नहीं कर रहे हैं. अपने विवेक का इस्तेमाल करते हुए आप इस वीडियो को यहां क्लिक कर के देख सकते हैं.

अली ने फलों पर थूक का इंजेक्शन नहीं डाला था

बवाना के एसीपी ने हमें बताया कि अली के फलों पर इंजेक्शन से थूक छिड़कने की बात सरासर ग़लत है. एसीपी का कहना है कि अली जमात में शामिल होने भोपाल, मध्य प्रदेश गया था. ट्रक से दिल्ली लौटते वक़्त पुलिस ने उसे रोका और गुरु तेग बहादुर अस्पताल ले गए जहां उसकी कोरोना वायरस के लिए जांच हुई. कोई भी लक्षण नहीं मिलने पर अली को घर जाने दिया गया जहां उसपर ये हमला हुआ. हमला 3 लोगों ने किया था जिन्हें पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है.

दिल्ली पुलिस के एडीशनल पीआरओ अनिल मित्तल ने कहा, “30 वर्षीय नवीन, 26 वर्षीय प्रशांत, 30 वर्षीय प्रमोद को एफ़आईआर संख्या 189/2020, धारा 323, धारा 341, धारा 506, धारा 34 के तहत बवाना पुलिस ने गिरफ़्तार किया.” अनिल मित्तल ने ये भी बताया कि धारा 188 के तहत अली को भी लॉकडाउन का उल्लंघन करने के लिए बुक किया.”

ये भी ध्यान देने लायक बात है कि सिंगर कनिका कपूर को भी आईपीसी की धारा 188, धारा 269 और 270 के तहत बुक किया गया था. अगर अली किसी भी तरह से संक्रमण को फैलाने के काम में शामिल होता तो उसपर भी ऐसी ही धाराएं लगतीं. जबकि उसपर सिर्फ़ धारा 188 लगाई गयी क्यूंकि वो महज़ लॉकडाउन का उल्लंघन कर रहा था.

PTI ने बताया, लेकिन अली की पीट-पीट कर हत्या नहीं हुई थी

अनिल मित्तल ने बताया, “22 साल का दिलशाद अली उर्फ़ महबूब हरवेली का रहने वाला है और अभी भी लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल में बतौर कोरोना वायरस का संभावित मरीज़ भर्ती है. इन्वेस्टिगेटिंग ऑफिसर ने उससे फ़ोन पर बात की और उसने कहा कि वो बेहतर महसूस कर रहा है.”

ऑल्ट न्यूज़ ने अली के फ़ैमिली फ्रेंड अकरम चौधरी से बात की जिसने बताया, “अली अभी क्वारंटीन में है क्यूंकि डॉक्टर्स को लगता है कि उसे कोरोना वायरस का इन्फ़ेक्शन हुआ है.” अकरम ने अली के नाम और उम्र की भी कन्फर्मेशन दी.

इसलिये ये कहा जा सकता है कि न्यूज़ एजेंसी ‘पीटीआई’ की रिपोर्ट, जो कि ‘इंडिया टीवी’, ‘हफिंग्टन पोस्ट’ और ‘द क्विंट’ ने चलाईं, अली की मौत की ग़लत जानकारी दे रही थी. मख्तूब मीडिया ने भी यही रिपोर्ट किया. वहीं ‘द हिन्दू’ ने पीटे जाने वाले शख्स के नाम और उम्र में गड़बड़ करते हुए उसे 30 वर्षीय शमसाद अली बताया.

जिसे पीटा गया है, उसकी उम्र 22 साल है और उसका नाम दिलशाद अली उर्फ़ महबूब है. जबकि मेनस्ट्रीम मीडिया ने दिखाया कि उसकी जान चली गयी है. और सोशल मीडिया ने इसमें सांप्रदायिक एंगल दाल दिया.

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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.