11 अगस्त की रात बेंगलुरु में हुई हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गयी. कांग्रेस विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति के भांजे नवीन ने इस्लाम के पैगम्बर, मोहम्मद पर अपमानजनक पोस्ट किया था. ये हिंसा कथित तौर इसी फ़ेसबुक पोस्ट के कारण हुई थी. इस घटना के बाद हिंदुस्तान टाइम्स ने हिंसा में 60 हज़ार दंगाई मौजूद होने की बात बिना वेरिफ़ाई किए छाप दी थी. इसे बाद में अपडेट किया गया. इसके बाद एक और अफ़वाह फैली कि इस दंगे का कारण बना पोस्ट किसी ऐंटी-हिन्दू फ़ेसबुक पोस्ट के जवाब में लिखा गया था.
सोशल मीडिया पर फिर से एक वीडियो भड़काऊ मेसेज के साथ बेंगलुरु का बताकर शेयर हो रहा है. कॉकटेल वीडियोज़ नाम के एक फ़ेसबुक पेज ने 3 मिनट 29 सेकंड का एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा है, “हिन्दुओं बस सोते रहो ओर ये लोग इनका काम कर रहे है बैंगलोर.” इस आर्टिकल के लिखे जाने तक वीडियो को 78 हज़ार बार देखा जा चुका है. वीडियो में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी दिखते हैं, जिन्हें पीछे हटते हुए और आंसू गैस दागते हुए देखा जा सकता है.
हिन्दुओं बस सोते रहो ओर ये लोग इनका काम कर रहे है
बैगलोरPosted by Cocktail Videos on Saturday, 15 August 2020
ये वीडियो फ़ेसबुक पर बेंगलुरु का बताकर इसी दावे से वायरल है.
फ़ैक्ट-चेक
इस वीडियो के एक फ़्रेम का रिर्वस इमेज सर्च करने से हमें कुछ मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं. 19 जुलाई, 2020 की इन रिपोर्ट्स में वीडियो को पश्चिम बंगाल के दीनजपुर का बताया गया है.
न्यूज़ 18 की 19 जुलाई, 2020 की रिपोर्ट के मुताबिक, “पश्चिम बंगाल के उत्तरी दिनजपुर में कथित गैंंग रेप के बाद हत्या की घटना का विरोध कर रही भीड़ की पुलिस से झड़प हो गई थी. गुस्साए लोगों ने हाईवे पर पथराव और आगजनी की. उग्र भीड़ ने और पुलिस के वाहनों और सार्वजनिक बसों को आग के हवाले कर दिया. इस हिंसक विरोध प्रदर्शन को काबू करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े.”
19 जुलाई, 2020 को ANI की रिपोर्ट में वायरल हो रहे वीडियो के कुछ विजुअल हैं.
#WATCH West Bengal: Clash breaks out between security personnel and locals, during the protest against an alleged gang-rape & murder of a girl in Kalagachh in Uttar Dinajpur. Security forces use tear gas shells to disperse the protestors. pic.twitter.com/aGe3CAo6P9
— ANI (@ANI) July 19, 2020
कई और मीडिया आउटलेट्स जैसे NDTV, भास्कर, रिपब्लिक टीवी और अमर उजाला ने भी इस घटना पर रिपोर्ट प्रकाशित की थी.
बीजेपी बंगाल ने एक ट्वीट में दावा किया था कि लड़की उनके एक लोकल बूथ प्रेसिडेंट की बहन थी और फिरोज़ अली ने उसका रेप किया था. इस ट्वीट में ममता सरकार पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल भी उठाए गए.
A 16 years old girl raped by Feroze Ali in Chopra. She died today morning. Did she pay the price of being the sister of the local BJP Booth President? And sadly, a state governed by a woman CM cannot protect it’s girls. pic.twitter.com/Fw7Fp4v6hJ
— BJP Bengal (@BJP4Bengal) July 19, 2020
19 जुलाई को पश्चिम बंगाल पुलिस ने इस मामले के बारे में ट्वीट करते हुए जानकारी दी थी. ट्वीट में बताया गया है, “पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक शरीर पर चोट के कोई निशान नहीं मिले हैं. न ही लड़की का यौन शोषण हुआ है. लड़की की मौत ज्यादा मात्रा में ज़हर खाने से हुई है.”
20 जुलाई को पुलिस को एक तालाब में एक लड़के का शव मिला. उसी जगह से, जहां लड़की की बॉडी मिली थी. पुलिस ने जांच की और पता चला कि दोनों लड़के-लड़की की मौत ज़हर से हुई है साथ ही दोनों के शरीर पर कोई चोट के निशान नहीं मिले. 22 जुलाई को पुलिस ने इस पूरे मामले को स्पष्ट करते हुए 4 ट्वीट्स किए और बताया कि घटना को जान-बूझकर गुमराह करने के प्रयास से गलत नरेटिव दिया गया था.
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की 21 जुलाई के एक रिपोर्ट में स्थानीय लोगों के हवाले से बताया गया है कि लड़का-लड़की कथित तौर पर रिलेशनशिप में थे और दोनों अलग-अलग समुदाय से थे. इस तरह पश्चिम बंगाल का वीडियो शेयर कर इसे बेंगलुरु में हिन्दू-मुस्लिम ऐंगल देकर शेयर किया जा रहा है.
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