बेंगलुरु में 11 अगस्त को एक फ़ेसबुक पोस्ट को लेकर भयानक हिंसा भड़क उठी थी. भीड़ ने कांग्रेस विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति के आवास और डीजे हल्ली एवं केजी हल्ली पुलिस स्टेशनों पर हमला कर दिया था. अखंड श्रीनिवास मूर्ति के भांजे नवीन ने कथित तौर पर इस्लाम के पैगम्बर, मोहम्मद पर अपमानजनक पोस्ट किया था. मंगलवार से अब तक इस घटना से जुड़े 110 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है.
लेकिन अब सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर नई कहानी चल रही है जिसके मुताबिक नवीन का पोस्ट एक मुस्लिम व्यक्ति अदयार बशीर द्वारा हिंदू देवताओं और प्रधानमंत्री मोदी पर किए गए आपत्तिजनक पोस्ट का जवाब था. इस लेख के लिखे जाने तक ट्विटर पर @SanjayGandhi75 के इस पोस्ट को 1600 से ज्यादा रीट्वीट मिल चुके थे.
(नोट: इस रिपोर्ट में सोशल मीडिया के उन आपत्तिजनक पोस्ट को लिंक नहीं किया गया है)
एक फ़ेसबुक यूज़र ओमप्रकाश सिंह ने बशीर के पोस्ट का बड़ा स्क्रीनशॉट शेयर किया जिसमें नवीन का तथाकथित कमेंट दिख रहा है और साथ में यूज़र ने उस दावे को दोहराया कि नवीन हिंदू देवताओं के प्रति अपमानजनक पोस्ट का जवाब दे रहा था.
सोशल मीडिया में वायरल हो रहे दावे के अनुसार – बशीर ने हिंदू देवताओं के खिलाफ़ आपत्तिजनक पोस्ट किया, जिसके बाद नवीन ने इस्लाम के पैगंबर मोहम्मद पर बने एक मीम को शेयर किया. फिर मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने बशीर के पोस्ट वाला हिस्सा हटा दिया और नवीन के कमेंट को लेकर हिंसा भड़काई.
झूठा दावा
बशीर का पोस्ट 2 साल पुराना है और उस समय भी इसको लेकर हंगामा हुआ था. नीचे फे़सबुक पेज ‘I Support Anant Kumar Hegde’ पर 16 जून 2018 का पोस्ट है.
ठीक उसी दिन एक ट्विटर यूज़र ने भी बशीर के पोस्ट का ओरिजिनल स्क्रीनशॉट शेयर किया हुआ है.
नवीन का कमेंट किसी ऐसे पोस्ट पर हो ही नहीं सकता जो फ़ेसबुक पर है ही नहीं. यानी कि उसका पोस्ट बशीर के पुराने पोस्ट के स्क्रीनशॉट के साथ जोड़ दिया गया था ताकि यह साबित हो सके कि नवीन हिंदू देवताओं पर किए गए अपमानजनक पोस्ट का जवाब दे रहा था.
जब अदयार बशीर का नाम कन्नडा में कीवर्ड ‘ಬಶೀರ್ ಅಡ್ಯಾರ್’ से सर्च किया गया तो कन्नडा आउटलेट प्रजावाणी की 17 जून 2018 की एक रिपोर्ट मिली. इस लेख में दावा किया गया है कि बशीर के नाम पर अकाउंट बनाकर हिंदू देवताओं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मराठा वीर छत्रपति शिवाजी पर भद्दे पोस्ट किए गए.
प्रजावाणी ने यह भी रिपोर्ट किया कि लोगों ने भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर आरोप लगाया कि उन्होंने मुस्लिम नाम से फ़ेक अकाउंट बनाकर पोस्ट किया था कि सामाजिक अस्थिरता बन सके. ऑल्ट न्यूज़ को इसे सत्यापित करने वाली कोई भी रिपोर्ट नहीं मिली.
वन इंडिया कन्नडा ने भी उसी दिन बशीर की गिरफ़्तारी पर एक रिपोर्ट पब्लिश की थी.
हालांकि, 18 जून 2018 को प्रकाशित हुई द हिंदू की एक रिपोर्ट में बशीर की गिरफ़्तारी के बारे में नहीं बताया गया है लेकिन बर्के पुलिस द्वारा उसके शिवाजी के ख़िलाफ़ लिखे गए अपमानजनक पोस्ट पर मामला दर्ज करने की बात बताई गई है. द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार बशीर सऊदी अरब के दहरान का रहने वाला है. रिपोर्ट में लिखा है, “पुलिस ने उस पोस्ट का संज्ञान लिया और भारतीय पीनल कोड के धारा 153(a) और 505(2) के तहत उसके खिलाफ मामला दर्ज किया है.”
वेबसाइट कोस्टल डाइजेस्ट के अनुसार बशीर तटीय कर्नाटक का है और सऊदी अरब में काम कर रहा था.
द टाइम्स ऑफ इंडिया से मंगलोर के पत्रकार जयदीप शेनॉय ने इस मामले पर ट्वीट किया था. उन्होंने लिखा था कि गणेश नाम के व्यक्ति ने बशीर के खिलाफ़ मामला दर्ज करवाया था.
Based on derogatory content being circulated in social media, a case has taken up under Cr 128/18 u/s 153(a), 505(2) IPC at Barke PS on complainant from Ganesh, CHC 2117. Accused as in FB page
Basheer Adyar Basheer. Investigation taken up by Barke PI. @compolmlr @DrParameshwara— Jaideep Shenoy 🇮🇳 (@jaideepSTOI) June 16, 2018
ऑल्ट न्यूज़ को इस मामले में अभी आगे की जानकारी नहीं मिली है. हालांकि यह साफ़ है कि बशीर का पोस्ट न ही हाल का है और न ही यह अब फ़ेसबुक पर है. यानी नवीन का कमेंट बशीर के हिंदू देवताओं पर किए गए पोस्ट पर कमेंट या प्रतिक्रिया हो ही नहीं सकती.
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