26 जून को पत्रकार मीर फैजल ने कोटा के एलेन इंस्टीट्यूट का एक वीडियो शेयर किया. इसमें कुछ छात्र अपने मुस्लिम साथियों द्वारा नमाज़ अदा करने के जवाब रूप में ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते हुए दिखते हैं. मीर फैजल के ट्वीट के मुताबिक, ये वीडियो सबसे पहले इंस्टाग्राम पेज @allen_sae_hu पर पोस्ट किया गया था.

वकील आशुतोष दुबे के ट्विटर अकाउंट के मुताबिक, वो पालघर भाजपा विधानसभा के कानूनी सह-संयोजक हैं. इन्होंने इसी घटना का एक और वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, “कोचिंग सेंटर में नमाज अदा किए जाने के बाद, हिंदू बच्चे एक सुर में “जय श्री राम” के नारे लगाने लगे. ये वीडियो कोटा के एलन कोचिंग इंस्टीट्यूट का बताया जा रहा है.” (आर्काइव)

हालांकि, मीर फैजल के ट्वीट शेयर किए जाने के कुछ घंटों बाद, कोटा सिटी पुलिस के ऑफ़िशियल हैंडल ने रिप्लाई करते हुए मीर फैसल के दावे का खंडन किया. उन्होंने लिखा, “ये वीडियो 2020 का है अभी ऐसी कोई गतिविधि नहीं हुई है, तत् समय इस पर संबंधित संस्था द्वारा प्रभावी कार्यवाही अम्ल में लाई गई थी,पुलिस ऐसे घटनाक्रमों पर लगातार नजर रखती है. कानून व्यवस्था की स्थिति सामान्य है.” (आर्काइव)

कोटा पुलिस के स्पष्टीकरण के बाद, राईट विंग प्रोपगेंडा वेबसाइट ऑपइंडिया ने एक ‘फ़ैक्ट-चेक’ रिपोर्ट पब्लिश की. इसके टाइटल का हिंदी अनुवाद है, “प्रोपगेंडा और फ़र्ज़ी न्यूज़ फैलाने वाले मीर फैजल ने हिंदुओं के खिलाफ सांप्रदायिक नफ़रत फैलाने के लिए एलेन कोचिंग संस्थान का तीन साल पुराना वीडियो शेयर किया.” अपनी रिपोर्ट में उन्होंने मीर फैजल के दावे को खारिज करने के लिए कोटा पुलिस के ट्वीट का हवाला दिया. (आर्काइव)

कई यूज़र्स ने वायरल वीडियो को खारिज करने के लिए ट्विटर का इस्तेमाल किया और कोटा पुलिस के ट्वीट का हवाला देते हुए इसे पुरानी घटना बताया. ऐसा करते हुए उन्होंने मीर फैसल जैसे व्यक्तियों को टारगेट भी किया, जिन्होंने पहले ये वीडियो शेयर किया था. (आर्काइव्स 1, 2, 3, 4) लल्लनटॉप ने भी पुलिस के ट्वीट के आधार पर एक रिपोर्ट पब्लिश की और इसे पुराना वीडियो बताया.

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क्या वीडियो 2020 का है?

की-वर्डस सर्च करने पर हमें इस घटना की रिपोर्ट करने वाले कई आर्टिकल्स मिले जिन्हें हाल ही में पब्लिश किया गया था. इनमें एलेन इंस्टीट्यूट के वाईस प्रेसिडेंट सी आर चौधरी का एक बयान शामिल है जिसमें उन्होंने बताया है कि घटना सच में हुई थी. उदाहरण के तौर पर जब मीडिया आउटलेट अमर उजाला 26 जून की रिपोर्ट के लिए सी आर चौधरी का बयान लिया, तो उन्होंने बताया कि ये घटना फ्लोर अटेंडेंट के जाने के बाद सेंटर में हुई थी. हालांकि, उन्होंने ये कहा कि इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए क्योंकि इंस्टीट्यूट पढ़ाने और सीखने की जगह है. (आर्काइव)

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सी आर चौधरी ने 27 जून को पब्लिश एक रिपोर्ट के लिए ज़ी न्यूज़ को भी इसी तरह का बयान दिया था जिसमें उन्होंने स्वीकार किया कि कुछ छात्रों ने ऐसा किया था.

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सी आर चौधरी ने इस मुद्दे पर एक वीडियो बयान भी दिया.

हमने नोहरा के एलेन सुपथ बिल्डिंग में कई छात्रों से संपर्क किया जिनमें से सभी हमें बताया कि ये घटना 23 जून, 2023 को हुई थी. इंस्टीट्यूट के एक छात्र ने घटना के बारे में डिटेल में बताया: “वीडियो 2020 का नहीं है. ये घटना 23 तारीख को हुई थी. 10-12 जून के आसपास, हममें से लगभग 25 लोगों ने प्रिंसिपल सर, फ्लोर प्रभारी और ग्राउंड स्टाफ़ से नमाज़ की परमिशन ली थी. शुरुआत में हमें पांचवीं मंजिल पर नमाज़ पढ़नी थी. लेकिन छात्र ज़्यादा थे, इसलिए प्रिंसिपल सर ने कहा कि हम अपनी-अपनी मंजिल पर नमाज़ पढ़ लें. जब हमने फ़र्श पर नमाज़ पढ़ना शुरू किया तो कुछ लोगों ने जय श्री राम के नारे लगाने शुरू कर दिए, लेकिन हमने उन्हें नज़रअंदाज़ कर दिया. 23 जून को जुम्मा था, इसलिए असर की नमाज़ के दौरान, कई छात्र आए और ब्लॉक A की चौथी मंजिल पर जोर-जोर से ‘जय श्री राम’ के नारे लगाने लगे. हालांकि, इस घटना के बाद कोई गंभीर विवाद नहीं हुआ. हम शांति से चले गए और अपनी क्लासेज अटेंड की.”

वायरल वीडियो में से एक के स्क्रीनग्रैब और गूगल से तस्वीर ले कर उनकी तुलना करने इस जगह को कंफ़र्म किया जा सकता है. हम स्वतंत्र रूप से ये भी पुष्टि कर सकते हैं कि वायरल वीडियो में देखे गए कुछ छात्र अभी इंस्टीट्यूट में पढ़ रहे हैं. हम उनकी पहचान उजागर नहीं करेंगे क्योंकि वो नाबालिग हैं.

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हमें वायरल वीडियो का एक लंबा वर्जन भी मिला.

हमने ये भी नोटिस किया कि इस वीडियो में एक पोस्टर का एक हिस्सा देखा जा सकता है, जिस पर ‘AIR 1 तनिष्का’ लिखा हुआ है.

आगे की जांच करने पर, हमने देखा कि तनिष्का नाम की एक छात्रा ने 2022 में राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (UG) में टॉप किया था और वो एलेन की छात्रा थी.

इंस्टीट्यूट के एक छात्र ने हमें घटना स्थल पर लगे पोस्टर की साफ तस्वीर भेजी. पोस्टर के ऊपरी बाएं कोने में साल 2022 का ज़िक्र है.

नीचे अभी वायरल वीडियो के एक स्क्रीनग्रैब की तुलना ऊपर दी गई तस्वीर से की गई है.

यहां ये स्पष्ट है कि 2020 के वीडियो में NEET (UG) 2022 टॉपर की तस्वीर वाला पोस्टर मिलना असंभव है.

कुल मिलाकर, कोटा में एलेन इंस्टीट्यूट में छात्रों द्वारा ‘जय श्री राम’ के नारे लगाने का वीडियो 2020 का नहीं बल्कि 23 जून, 2023 का है. कोटा पुलिस ने अपने ट्वीट में ग़लत दावा किया है. न्यूज़ रिपोर्ट्स और राजस्थान, कोटा में इंस्टीट्यूट के स्वतंत्र सोर्स ने पुष्टि की कि ये घटना हाल ही में हुई थी.

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