11 जुलाई को बेंगलुरु में एक साथ 2 हत्याकांड की ख़बर आई. दो लोगों (फणींद्र सुब्रमण्यम और वीनू कुमार) पर उनके पूर्व सहकर्मी ने कथित तौर पर हमला किया और उनकी हत्या कर दी. सोशल मीडिया यूज़र्स और कुछ भाजपा नेता अब ये दावा कर रहे हैं कि फणींद्र सुब्रमण्यम एक हिंदू संत या पुजारी थे जिनकी हत्या कर दी गई. ये दावा करते हुए यूज़र्स ये कह रहे हैं कि राज्य में कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद से कर्नाटक में हिंदू नेता खतरे में हैं.
ट्विटर ब्लू यूज़र अरुण पुदुर ने 12 जुलाई को फणींद्र सुब्रमण्यम की एक तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘एक और हिंदू नेता’ की हत्या कर दी गई है और कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद से कर्नाटक में धार्मिक गुरुओं को ‘सिस्टमैटिक तरीके’ से खत्म किया जा रहा है. आर्टिकल लिखे जाने तक इस ट्वीट को 3 लाख से ज़्यादा बार देखा गया और इसे 2 हज़ार से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया. (आर्काइव लिंक)
Mohabbat Ki Dukkan in Karnataka.
Another Hindu Leader Paneendra Subramanyam hacked to death in Bengaluru, Karnataka.
Are Dharmic Gurus being eliminated in a systematic manner?
CONgress opened their Dukkan a month and Hindu dead bodies have been piling up since then.
Media… pic.twitter.com/vh4yNNbAE8
— Arun Pudur (@arunpudur) July 12, 2023
रिडर्स ध्यान दें कि ट्विटर यूज़र अरुण पुदुर नियमित तौर पर ग़लत सूचनाएं ट्वीट करते रहते हैं.
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर और सुनील देवधर जैसे भाजपा नेताओं ने फणींद्र सुब्रमण्यम के बारे में इसी तरह के दावे ट्वीट किए. कर्नाटक में हिंदू जनजागृति समिति के राज्य प्रवक्ता मोहन गौड़ा (@Mohan_HJS) ने भी इसी तरह के कैप्शन के साथ सुब्रमण्यम की तस्वीर ट्वीट की. इन्होंने भी पहले कई बार ग़लत सूचनाएं शेयर की हैं.
फ़ैक्ट-चेक
सबंधित की-वर्ड्स के साथ सर्च करने पर हमें इस घटना के बारे में कई न्यूज़ रिपोर्ट्स मिलीं. हमें 12 जुलाई को ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की एक न्यूज़ रिपोर्ट मिली जिसका टाइटल है: “सहकर्मी ने FIR में बताया, इंटरनेट व्यवसाय को लेकर दुश्मनी की वजह से MD और SEO की हत्या हुई.”
रिपोर्ट में बताया गया है कि फणींद्र सुब्रमण्यम एयरोनिक्स मीडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के प्रबंध निदेशक (MD) थे. पुलिस ने हत्याओं के सिलसिले में इन तीन लोगों को गिरफ़्तार किया – संतोष (26 साल) शबरीश उर्फ फ़ेलिक्स (27 साल) और विनय रेड्डी (23 साल). साथ ही पुलिस एयरोनिक्स मीडिया की प्रतिद्वंद्वी कंपनी जी-नेट के मालिक अरुण कुमार से भी पूछताछ कर रही है.
हमने फणींद्र सुब्रमण्यम के सोशल मीडिया प्रोफ़ाइल की जांच की और देखा कि उनके लिंक्डइन प्रोफ़ाइल पर वर्क एक्सपीरियंस सेक्शन के अंदर उन्होंने खुद को एरोनिक्स मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक (MD) बताया था.
फणींद्र सुब्रमण्यम के फ़ेसबुक बायो में लिखा है कि उन्होंने “हिंदू नेशनलिस्ट कॉज” नामक संगठन में काम किया है और वो हिंदुत्व के कार्यकर्ता हैं.
ऑल्ट न्यूज़ ने शिकायतकर्ता और फणींद्र के सहयोगी शकरा नारायण से संपर्क किया जिन्होंने हमें बताया कि सुब्रमण्यम हिंदुत्व संगठनों से जुड़े थे. लेकिन उन्हें अलग धर्म के किसी भी व्यक्ति से कभी कोई समस्या नहीं थी और उनकी हत्या की वजह व्यावसायिक दुश्मनी थी. उन्होंने कहा कि फणींद्र सुब्रमण्यम द्वारा कंपनी शुरू करने के बाद जी-नेट के कई कर्मचारियों ने कंपनी छोड़ दी और ऐरोनिक्स मीडिया में शामिल हो गए.
जी-नेट के मालिक अरुण कुमार को 12 जुलाई की रात बेंगलुरु हवाई अड्डे से गिरफ़्तार किया गया था. एडिशनल कमिश्नर ऑफ़ पुलिस (ईस्ट) रमन गुप्ता ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि अरुण कुमार ने कथित तौर पर फणींद्र सुब्रमण्यम को खत्म करने के लिए शबरीश उर्फ़ फेलिक्स और अन्य को काम पर रखा था. इस संबंध में IPC की धारा 302 (हत्या), 120 B (आपराधिक साजिश) और 34 (सामान्य इरादा) के तहत मामला दर्ज़ किया गया था.
हमने इस जानकारी की पुष्टि के लिए बेंगलुरु के DCP (नार्थ ईस्ट) लक्ष्मी प्रसाद से कॉन्टेक्ट किया. उन्होंने बताया, “हालांकि फणींद्र सुब्रमण्यम हिंदुत्व ग्रुप्स से जुड़े थे. लेकिन हमें अभी तक ऐसा कुछ भी नहीं मिला है जिससे ये पता चले कि वो एक संत थे.” उन्होंने ये भी कहा कि इस मामले का कोई सांप्रदायिक ऐंगल नहीं था, मृतक और पीड़ित दोनों एक ही धर्म के थे और इस हत्या की वजह व्यापारिक दुश्मनी थी.
हमने ‘हिंदू संत’ के दावे के साथ शेयर की जा रही वायरल तस्वीर की तलाश की. ये तस्वीर हमें फणींद्र सुब्रमण्यम के इंस्टाग्राम प्रोफ़ाइल पर मिली. 30 अप्रैल को यूज़र ने एक रील शेयर किया थी जिसमें कुछ धार्मिक अनुष्ठान दिखाया गया था जो शायद उनकी कंपनी, ऐरोनिक्स मीडिया के उद्घाटन का है. फणींद्र सुब्रमण्यम की वायरल तस्वीर इस रील के आखिर में है.
कुल मिलाकर, राईट विंग और भाजपा नेताओं द्वारा किए गए ये दावे झूठे हैं कि फणींद्र सुब्रमण्यम एक हिंदू संत/नेता थे. फणींद्र सुब्रमण्यम की हत्या व्यापारिक दुश्मनी की वजह से हुई थी और कथित अपराध में कोई सांप्रदायिक ऐंगल नहीं है.
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