“मोदी राज में सबसे ज्यादा दलितों पर जुलम किए जा रहे हैं। दलितों को जिंदा जला दिया कानून व्यवस्था चौपट”, इस संदेश को सोशल मीडिया में एक व्यक्ति के जलने के वीडियो के साथ साझा किया गया है। संदेश में इस घटना की जगह और समय के बारे में कुछ भी नहीं दिया हुआ हुआ है। समान दावे से यह वीडियो फेसबुक पेज Yogendra Yadav M ने भी साझा किया है। हालांकि उन्होंने बाद में पोस्ट को डिलीट कर दिया था, लेकिन आप उसके आर्काइव को यहां पर देख सकते है।

 

वीडियो की पड़ताल करने के लिए ऑल्ट न्यूज़ के अधिकृत व्हाट्सप्प नंबर कई लोगों ने इसे भेजा है।

तथ्य जांच

गूगल पर कीवर्ड्स से सर्च करने पर ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि यह घटना जुलाई 2019 में राजस्थान के झुंझुनू जिले में हुई थी। पत्रिका के अनुसार, 50 वर्षीय बाबूलाल सैनी ने आत्मदाह का प्रयास किया था, जब वन अधिकारियों ने कथित तौर पर अतिक्रमित ज़मीन से उसके परिवार को हटाने के काम कर रहे थे जो ज़मीन कथित तौर पर वन विभाग के अधिकार में थी।

7 जुलाई, 2019 की आउटलुक की रिपोर्ट के मुताबिक,“सैनी के परिवार ने आरोप लगाया कि वन विभाग के अधिकारियों द्वारा उन्हें प्रताड़ित करने के बाद उन्होंने आत्महत्या का प्रयास किया। दूसरी ओर अधिकारियों ने परिवार के सदस्यों पर उनकी टीम पर पथराव करने का आरोप लगाया”। अधिकारी अतिक्रमण हटाने के अभियान के तहत सैनी के घर को गिराने के लिए आए थे जो कथित तौर पर वन भूमि पर बनाया गया है। जयपुर के SMS अस्पताल में इलाज के दौरान सैनी की 11 जुलाई, 2019 को मृत्यु हो गई।

ऑल्ट न्यूज़ ने इस घटना की पुष्टि करने के लिए गुढ़ा पुलिस स्टेशन से संपर्क किया। मृतक व्यक्ति के दलित होने के दावे के बारे में, SHO हरदयाल सिंह ने कहा,“नहीं, वह दलित नहीं है। वह सैनी समुदाय से हैं”। उन्होंने आगे बताया कि,“वन अधिकारी के एक दल ने उनके घर का दौरा किया और उनके द्वारा अतिक्रमण की गई वन भूमि का सर्वेक्षण किया। अधिकारियों को डराने के लिए उसने खुद को केरोसिन डाल कर जला दिया था”। ऑल्ट न्यूज़ को यह बताया गया कि इस मामले में दो केस दर्ज किए गए है, एक तो वन अधिकारियों को अपना काम नहीं करने दिए और दूसरा कि उन पर पथराव किया गया और सैनी के भाई द्वारा अधिकारियों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने की शिकायत दर्ज की गई है। इस मामले की जांच चल रही है।

एक व्यक्ति द्वारा आत्मदाह करने का वीडियो झूठे दावे से साझा किया गया कि यह व्यक्ति दलित समुदाय से है और इस घटना के लिए केंद्र सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया गया है।

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

About the Author

Jignesh is a writer and researcher at Alt News. He has a knack for visual investigation with a major interest in fact-checking videos and images. He has completed his Masters in Journalism from Gujarat University.