सोशल मीडिया पर मारपीट का एक हिंसक वीडियो वायरल है. इस वीडियो में कुछ लोग एक आदमी को प्रताड़ित करते हुए देखे जा सकते हैं. वे उसके हाथ बांध कर, आधा नंगा करके एक पेचकस से उसके निजी अंगों पर चोट कर रहे हैं. वीडियो में दिख रही हिंसा के चलते ऑल्ट न्यूज़ ने इस रिपोर्ट में वीडियो या उसके लिंक को जगह नहीं दी है.

ज़्यादातर दावों में बताया गया है कि ये घटना राजस्थान के गोविंदगढ़ में गिरिराज मोटर्स में हुई और उस व्यक्ति के साथ सर्विस स्टेशन के कर्मचारियों ने मारपीट की. दावों में कहा गया कि उसकी सिर्फ इतनी गलती थी कि उसने गिरिराज मोटर्स की खराब सेवा की शिकायत की.

कई लोगों ने वीडियो की सच्चाई जानने के लिए ऑल्ट न्यूज़ के व्हाट्सऐप हेल्पलाइन नंबर (76000 11160) पर संपर्क किया.

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राजस्थान के नागौर में पिछले साल दलित युवकों के साथ मारपीट

ऑल्ट न्यूज़ को रिवर्स इमेज सर्च करने पर इस घटना के बारे में पिछले साल की कई खबरें मिलीं. ये घटना राजस्थान के नागौर जिले में एक टू व्हीलर एजेंसी की है. इस सर्विस स्टेशन पर दो दलित युवकों के साथ मारपीट हुई थी.

इस एजेंसी के मालिक हनुमान सिंह और दूसरों ने काउंटर से पैसे की कथित चोरी के आरोप में युवकों के साथ मारपीट की थी. इंडियन एक्सप्रेस ने बताया कि पीड़ितों में से एक पर पेट्रोल में डूबे हुए पेचकस से निजी अंगों पर चोट की गयी थी. स्क्रॉल के अनुसार, राजस्थान पुलिस ने फरवरी 2020 में सात लोगों को गिरफ्तार करके सात अन्य को हिरासत में लिया.

पंचोड़ी थाने के SHO राजपाल सिंह ने मीडिया को बताया था कि शुरू में दोनों पक्षों के बीच ‘समझौता’ हुआ था. बाद में दो FIR दर्ज की गयीं. पहली FIR IPC की धारा 342, 323, 341 और 143 के तहत हमलावरों के खिलाफ दर्ज की गयी थी. इसके साथ ही अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत तीन और धाराएं लगायी गयी थीं.

दूसरी काउंटर FIR राजपाल सिंह (गिरफ़्तार किए गए सात में से एक) ने IPC की धारा 380 (चोरी) के तहत दो दलित युवकों के खिलाफ दर्ज की थी. FIR में राजपाल सिंह ने आरोप लगाया कि दोनों ने शोरूम के काउंटर से 50 हज़ार रुपये की चोरी की.

नाम न बताने की शर्त पर एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने द प्रिंट को बताया कि नागौर ने पहले भी जाति हिंसा के कई मामले देखे हैं. उन्होंने कहा, “जाति आधारित हिंसा यहां लगातार होती रही है. जाटों और राजपूतों को अपनी जाति और सामाजिक रूप से शक्तिशाली होने पर गर्व है. जिन जगहों में जागरूकता है, वहां शांति है. लेकिन नागौर में ज्यादातर जगहों पर ऐसा नहीं है.”

गौरतलब है कि ये घटना नागौर ज़िले में हुई थी जबकि सोशल मीडिया के दावों के अनुसार ये घटना जयपुर ज़िले के गोविंदगढ़ की है.
इस तरह, 2020 में दलित समुदाय के दो लोगों पर हिंसक और जानलेवा हमले का ये वीडियो हाल ही में भ्रामक दावों के साथ शेयर किया गया. घटना में शामिल दोषियों को राजस्थान पुलिस ने फरवरी 2020 में गिरफ्तार कर लिया था.


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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.