सोशल मीडिया पर कुछ वीडियोज़ शेयर किये जा रहे हैं. इसमें से पहले वीडियो में स्कूल ड्रेस में बच्चे बीच सड़क पर एक ऑटो के पास लड़ाई कर रहे हैं. बाकी कुछ वीडियोज़ में एक घायल बच्चा स्त्रेचर पर लेटा है और इसे रिकॉर्ड करने वाला शख्स उससे घटना के बारे में सवाल पूछ रहा है. ये सभी वीडियोज़ शेयर करते हुए कहा जा रहा है कि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने ‘हिन्दुओं के बच्चे’ पर चाकुओं से हमला किया. बम बम ठाकुर नाम के एक ट्विटर यूज़र ने 22 मार्च, 2023 को 5 सेकंड का एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “रमजान से ठीक दो दिन 20 मार्च को खजुरी से लेकर करावल नगर तक विशेष समुदाय के लोगो ने हिन्दुओ के बच्चे जो 12 th का पेपर देकर लौट रहे थे चाकूओं से हमला किया तकरीबन 20 से ज्यादा बच्चे बुरी तरह घायल करके काफिर हिन्दुओं को रमजान का सौगात दिया है”. (आर्काइव लिंक)

मनोज श्रीवास्तव नाम के एक यूज़र ने 26 मार्च को एक दूसरा वीडियो शेयर करते हुए दावा किया कि 20 मार्च को ‘हिन्दुओं के बच्चों’ पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने चाकुओं से हमला किया जिसमें 20 से ज़्यादा बच्चे घायल हो गए. (आर्काइव लिंक)

सुनील गिरी नाम के यूज़र ने 21 मार्च को इस घटना के कई वीडियोज़ पोस्ट किये. उन्होंने ट्वीट में विशेष समुदाय के लोगो द्वारा हिन्दुओ के बच्चे पर हमला करने की बात की. (आर्काइव लिंक)

फ़ैक्ट-चेक

इस घटना के बारे में की-वर्ड्स सर्च करने पर ऑल्ट न्यूज़ को कुछ रिपोर्ट्स मिलीं. हिंदुस्तान टाइम्स की 27 मार्च, 2023 की रिपोर्ट में बताया गया है कि इस मामले में 5 छात्रों की छाती और पेट पर चाकू से हमला किया गया था. और इसमें 6 नाबालिग आरोपियों को पकड़ लिया गया है. पांचों पीड़ित अब खतरे से बाहर हैं और इनका अस्पताल में इलाज चल रहा है. गवर्नमेंट बॉयज़ सीनियर सेकेंडरी स्कूल, करावल नगर और एक अन्य सरकारी स्कूल के छात्रों के बीच मोटरसाइकिल स्टंट को लेकर झड़प हुई थी. पुलिस के मुताबिक, करावल नगर में स्कूल के सामने हमलावरों में से एक लकड़ा 17 मार्च (शुक्रवार) को मोटरसाइकिल स्टंट कर रहा था. स्कूल के बाहर कुछ छात्रों ने उनसे पूछा कि वो उनके स्कूल के सामने स्टंट क्यों कर रहे हैं. इसी बात को लेकर बहस हुई. इस दौरान छात्रों ने कथित तौर पर स्टंट करने वाले लड़के को थप्पड़ मारे और वो मोटरसाइकिल से गिरकर घायल हो गया. उस लड़के ने खुद से हॉस्पिटल में मामूली इलाज कराया, लेकिन पुलिस को इस घटना की जानकारी नहीं दी.

बाद में स्टंट करने वाला लड़का घर गया और अपने दोस्तों को हमला करने के लिए इकठ्ठा कर लिया. पुलिस ने बताया कि इन लड़कों ने 20 मार्च (सोमवार) को हमला करने का प्लान बनाया. ये हमला उस वक़्त किया गया जब करावल नगर स्कूल के बच्चे परीक्षा देकर वापस लौट रहे थे.

एक घायल लड़के ने पुलिस को बताया कि नीले पैन्ट्स, उजले शर्ट और काले रंग के जूते पहले कुछ लड़के उनका पीछा करने लगे. 2-3 लड़कों के पास तेज़ हथियार थे. बाद में पता चला कि उनके पास चाकू थे. पुलिस को जानकारी मिलने पर वहां के CCTV फुटेज देखकर 6 आरोपियों को पकड़ा गया.

रिपोर्ट के मुताबिक, सभी आरोपी नाबालिग़ होने का दावा कर रहे हैं. लेकिन पुलिस उनकी उम्र की जांच कर रही है. साथ ही पुलिस ने ये भी कहा कि 11 लड़के (5 पीड़ित और 6 आरोपी) एक ही धर्म से ताल्लुक रखते हैं.

एक स्थानीय पत्रकार ने भी ये बताया कि घटना में कोई सांप्रदायिक ऐंगल नहीं है और सभी बच्चे एक ही धर्म के हैं.

ऑल्ट न्यूज़ ने जिस जगह ये झड़प हुई थी वहां के एक दूकानदार से संपर्क किया. उन्होंने इस मामले में कोई सांप्रदायिक ऐंगल होने की बात से इनकार किया और घटना के कुछ वीडियोज़ भी शेयर किये.

इसके बाद हमने मामले में दर्ज FIR कॉपी की जांच की. इसमें सभी पीड़ितों के नाम हैं. उनके नाबालिग़ होने की वजह से हमने उनके नाम ब्लर कर दिए हैं. इस शिकायत में भी घटना के बारे में वही जानकारियां दी गयीं हैं जो हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट में हैं. हमने एक पीड़ित लड़के के भाई से भी बात की उन्होंने कहा कि 2 स्कूल के बच्चों के बीच झगड़ा हुआ था. और अब पांचों पीड़ितो को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया है. इससे ज़्यादा उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.

द टाइम्स ऑफ़ इंडिया और NDTV ने भी घटना के बारे में रिपोर्ट पब्लिश की है. हमने देखा कि ‘झलको दिल्ली’ नाम के एक यूट्यूब चैनल ने इस मामले पर DCP नार्थ ईस्ट दिल्ली का बयान शेयर किया है. इस वीडियो में DCP ने घटना की सारी जानकारी देने के बाद ये कहा, ” सोशल मीडिया पर ये आ गया था कि इसमें 2 समुदाय के बच्चों के बीच में झगड़ा हुआ है. ऐसी कोई बात नहीं है. ये सारे के सारे लड़के एक ही समुदाय के हैं. आगे तफ्तीश जारी है.”

कुल मिलाकर, करावल नगर में 2 सरकारी स्कूल के छात्र आपस में भिड़े और एक गुट ने दूसरे पर चाकुओं से हमला कर दिया. इस घटना का वीडियो झूठे सांप्रदायिक ऐंगल के साथ शेयर किया गया. हालांकि सभी पीड़ित और आरोपी एक ही समुदाय से हैं.

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