एक वायरल हो रहे मेसेज में दावा किया जा रहा है कि कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सगे और चचेरे भाईयों ने प्रधानमंत्री के पद का फ़ायदा उठाते हुए खासी कमाई की है. ये मेसेज ट्विटर और फे़सबुक के साथ ही व्हाट्सऐप पर भी वायरल है.

ट्विटर यूज़र राधा चरण दास ने ट्वीट-थ्रेड के ज़रिये ये दावा शेयर किया और 3,500 रीट्वीट्स के बाद हटा लिया. (आर्काइव लिंक)

 

कांग्रेस के नेशनल मीडिया कोऑर्डिनेटर, विनय कुमार दोकनिया ये मेसेज शेयर करने वालों में शामिल थे. मेसेज में लिखा था, “…मोदी परिवार के बारे में दिलचस्प, लेकिन अनसुनी बातें.” बाद में ये ट्वीट भी डिलीट कर लिया गया पर आप इस ट्वीट को इस आर्काइव लिंक पर देख सकते हैं.

वायरल मेसेज में मोदी के परिवार के बारे में दावे किये जा रहे हैं. उदाहारण के लिए, इसमें कहा गया है कि सोमभाई मोदी (75) अब गुजरात में ‘रिक्रूटमेंट बोर्ड के अध्यक्ष’ हैं वहीं उनके छोटे भाई पंकज मोदी (58) ‘रिक्रूटमेंट बोर्ड के उपाध्यक्ष’ हैं. इसमें आगे कहा गया है कि प्रह्लाद मोदी (64) अहमदाबाद और वडोदरा में कार शोरूम्स के मालिक हैं. प्रधानमंत्री के चचेरे भाई और चाचा के पास धन के बारे में भी दावा किया गया है. पूरा मेसेज रिपोर्ट के अंत में पढ़ा जा सकता है.

वायरल मेसेज 2016 में इंडिया टुडे मैगज़ीन में छपे आर्टिकल को तोड़-मरोड़ कर बनाया गया है

शुरुआती रिसर्च में हमें पता चला कि इंडिया टुडे मैगज़ीन ने 2016 में पीएम मोदी के अपने परिवार के बारे में एक फ़ीचर स्टोरी पब्लिश की थी. इसे इंडिया टुडे के तत्कालीन उप-संपादक उदय माहुरकर ने लिखा था, वे कुछ समय पहले ही भारत सरकार के सूचना आयुक्त के तौर पर नियुक्त किये गये थे. उदय माहुरकर ने प्रधानमंत्री के परिवार की विनम्र पृष्ठभूमि के बारे में लिखा था जो मोदी के सत्ता में आने के बाद भी बरकरार रही. आर्टिकल में विस्तार से बताया गया है कि कैसे नरेंद्र मोदी ने अपने निजी जीवन और राजनीतिक जीवन को अलग रखा. आर्टिकल में छपी तस्वीरें अहमदाबाद में रहने वाले इंडिया टुडे के पूर्व मुख्य फ़ोटोग्राफ़र शैलेश रावल ने खींची थी.

ऑल्ट न्यूज़ ने दोनों लोगों से बात की. उदय माहुरकर अपने आर्टिकल पर टिके रहे वहीं शैलेश रावल ने कहा, “मैं उन्हें (नरेंद्र मोदी के परिवार से जुड़े लोगों को) एक फ़ोटोजर्नलिस्ट की हैसियत से ही जनता था. मैं नहीं जानता कि वो अब क्या कर रहे हैं. हालांकि, उनके परिवार से जो मेरी बातचीत हुई थी, उस आधार पर ये दावे ग़लत लग रहे हैं.” उदय माहुरकर ने 18 दिसम्बर को चरण दास के ट्वीट के जवाब में कोट-ट्वीट करते हुए कहा कि ये दावा ग़लत है.

प्रो-मोदी प्रोपगेंडा वाले एक फे़सबुक पेज मोदीनामा ने 2017 में इंडिया टुडे के इस आर्टिकल में लिखी गयी बातों की लिस्ट बनाते हुए एक पोस्ट किया. इस पोस्ट में मोदी के परिवार के 8 सदस्यों के बारे में लिखा गया है.

1. Somabhai Modi (75), retired from the post of an inspector in public health department. Today, he lives in a small…

Posted by ModiNama on Sunday, October 22, 2017

मोदीनामा के इसी पोस्ट को तोड़-मरोड़ कर काल्पनिक दावों के साथ शेयर किया जा रहा है. ओरिजिनल पोस्ट 3 साल पुराना है लेकिन परिवार के सदस्यों की उम्र में कोई बदलाव नहीं किया गया. इसके अलावा, उनके पुराने व्यवसाय या काम भी एक जैसे ही बताये गए हैं.

दावा 1: सोमभाई मोदी गुजरात में ‘रिक्रूटमेंट बोर्ड के अध्यक्ष’ हैं

फै़क्ट चेक: सोमभाई मोदी नरेंद्र मोदी के सबसे बड़े भाई हैं. उन्हें गुजरात में रिक्रूटमेंट बोर्ड का अध्यक्ष बताने वाला दावा ही पढ़ने से पता चल जाता है कि ये सच नहीं है. मेसेज में केवल ‘रिक्रूटमेंट बोर्ड’ लिखा है, कौन-से विभाग का, ये नहीं बताया. हर राज्य में विभिन्न विभागों के अपने-अपने रिक्रूटमेंट बोर्ड होते हैं. सभी रिक्रूटमेंट का सिर्फ़ एक इंचार्ज होना नामुमकिन है. गुजरात की सरकारी वेबसाइट्स को गुजराती और इंग्लिश में एडवांस सर्च करने पर मालूम होता है कि वहां भर्ती के तीन मुख्य बोर्ड रेलवे, पुलिस (लोकरक्षक) और शिक्षा विभाग में हैं.

इन रिक्रूटमेंट बोर्ड्स की वेबसाइट्स पर शीर्ष अधिकारियों के नाम भी देखे जा सकते हैं. क्योंकि दावे में बोर्ड का नाम नहीं बताया गया है इसलिए हमने गूगल पर कई एडवांस सर्च (केवल सरकारी वेबसाइट्स के रिजल्ट्स सीमित करके) किये जिनमें सोमभाई मोदी के नाम को इंग्लिश में कई कॉम्बिनेशन के साथ सर्च किया गया. हमें इनका कोई भी रिजल्ट नहीं मिला.

1. “Somabhai Damodardas Modi” site:gov.in

2. “Soma Damodardas Modi” site:gov.in

3.“Somabhai Modi” site:gov.in

4. “Soma Modi” site:gov.in

उनका नाम गुजरात सरकार की किसी भी वेबसाइट पर नहीं आता है जहां उन्हें किसी रिक्रूटमेंट का अध्यक्ष बताया गया हो. ये नामुमकिन है कि अध्यक्ष का नाम विभाग की वेबसाइट पर न दिया गया हो या रिपोर्ट मीडिया में न छपी हो .

दावा 2: अमृतभाई मोदी अहमदाबाद और गांधीनगर के सबसे बड़े रियल स्टेट बिज़नेसमैन हैं

फै़क्ट चेक: अमृतभाई मोदी नरेंद्र मोदी के बड़े भाई हैं. रियल स्टेट वेबसाइट प्रॉपर्टी टाइगर के मुताबिक अहमदाबाद और गांधीनगर के सबसे बड़े हाउसिंग प्रोजेक्ट्स क्रमशः गोदरेज प्रॉपर्टीज़ (128 प्रोजेक्ट्स) और शोभा लिमिटेड (154 प्रोजेक्ट्स) के पास हैं.

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गोदरेज प्रॉपर्टीज़ के फ़ाउंडर आदि गोदरेज और शोभा लिमिटेड के फाउंडर पीएनसी मेनन हैं. अगर अमृतभाई मोदी अहमदाबाद और गांधीनगर के सबसे बड़े रियल स्टेट बिज़नेसमैन होते तो उनके बारे में पर्याप्त जानकारी ज़रुर उपलब्ध होती. लेकिन उनके बारे में न ही रियल स्टेट वेबसाइट्स पर कोई जानकारी है और न ही कोई मीडिया रिपोर्ट मिली.

दावा 3: प्रह्लादभाई मोदी के पास अहमदाबाद और वडोदरा में हुंडई, मारुती और हॉन्डा शोरूम्स हैं

विश्लेषण: प्रह्लाद मोदी प्रधानमंत्री के छोटे भाई हैं. ऑल्ट न्यूज़ ने अहमदाबाद और वडोदरा में हुंडई, मारुती और हॉन्डा के शोरूम्स की संख्या का पता लगाया. हमें दोनों शहरों में कार निर्माताओं के अधिकृत डीलरों की संख्या मिली जो इस प्रकार हैं- अहमदाबाद में मारुती के 12, हुंडई के 13 और हॉन्डा के 6 शोरूम है, वहीं वडोदरा में मारुती के 5, हुंडई के 5 और हॉन्डा का 1 शोरूम है.

ऑल्ट न्यूज़ ने अहमदाबाद और वडोदरा में ऑथराइज्ड डीलरशिप्स के अधिकारियों से संपर्क किया. उन्होंने बताया कि प्रह्लाद मोदी किसी भी शोरूम के मालिक नहीं हैं.

ऑटोमोबाइल क्षेत्र में 3 दशकों का अनुभव रखने वाले अहमदाबाद स्थित मारुती शोरूम के पूर्व सीईओ शरद नगर ने कहा, “मेरी जानकारी के हिसाब से कोई भी शोरूम पीएम मोदी के सगे सम्बन्धियों या रिश्तेदारों का नहीं है. मैं यकीन से कह सकता हूं कि ये दावा ग़लत और बेबुनियाद है.”

दावा 4: पंकजभाई मोदी, सोमभाई के साथ रिक्रूटमेंट बोर्ड के उपाध्यक्ष हैं

फै़क्ट चेक: पंकजभाई मोदी नरेंद्र मोदी के छोटे भाई हैं और इस दावे की रिपोर्ट में पहले ही पड़ताल हो चुकी है. क्योंकि सोमभाई किसी भी ‘रिक्रूटमेंट बोर्ड’ के अध्यक्ष नहीं हैं, पंकजभाई का उनके साथ उपाध्यक्ष होने का सवाल ही पैदा नहीं होता.

दावा 5: भोगीलाल भाई मोदी अहमदाबाद, सूरत और वडोदरा में रिलायंस मॉल के मालिक हैं

फ़ैक्ट चेक: भोगीलाल भाई पीएम मोदी के चचेरे भाई हैं. रिलायंस मॉल, रिलायंस रिटेल का हिस्सा है. ऑल्ट न्यूज़ ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के सीनियर मैनेजमेंट ऑफ़िसर से बात की और उन्होंने इसे साफ़ किया कि रिलायंस मॉल किसी एक व्यक्ति के नहीं हो सकते क्यूंकि कंपनी फ्रैंचाइज़ी सिस्टम नहीं फॉलो करती है.

बिज़नेस टुडे की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, “रिलायंस इंडस्ट्रीज के रिटेल बॉडी रिलायंस रिटेल ने इसके ऑनलाइन पोर्टल जियोमार्ट नाम पर फ़र्ज़ी फ्रैंचाइज़ी मांगने वालों के लिए चेतावनी जारी की थी.”

क्योंकि कंपनी फ्रैंचाइज़ी सिस्टम नहीं अपनाती है इसलिए भोगीलाल भाई मोदी और किसी भी अन्य व्यक्ति का अपना रिलायंस रिटेल मॉल होने का सवाल ही खड़ा नहीं होता है.

दावा 6: अरविन्दभाई मोदी रियल स्टेट और बड़ी कंस्ट्रक्शन कंपनियों के साथ स्टील कांट्रेक्टर का काम करते हैं

विश्लेषण: अरविन्दभाई भी प्रधानमंत्री मोदी के चचेरे भाई हैं. ऑल्ट न्यूज़ को अरविन्दभाई के स्टील कांट्रेक्टर होने के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली. लेकिन देखा जाये तो ये दावा अपने आप में ही बेतुका है. न ही दावे में किसी कंपनी का नाम और न ही उनकी किसी क्लाइंट कंपनी का नाम है.

दावा 7: भरतभाई मोदी अहमदाबाद में अगियारस पेट्रोल पंप ( Agiaras Petrol Pump) के मालिक हैं

विश्लेषण: हमने गूगल मैप में ‘अगियारस पेट्रोल पंप सर्च किया‘ और पता चला ऐसा कोई पेट्रोल पंप है ही नहीं. हालांकि, अहमदाबाद के चाणक्यपुरी इलाके में अगियारस माता मंदिर है लेकिन उसके आस-पास 5 किलोमीटर की दूरी तक इस नाम का कोई भी पेट्रोल पंप नहीं है. इससे पता चलता है कि ये दावा भी ग़लत है. भरतभाई मोदी पीएम मोदी के चचेरे भाई हैं.

दावा 8: अशोकभाई मोदी रिलायंस मॉल में भोगीलाल भाई मोदी के पार्टनर हैं

फै़क्ट चेक: हमने पांचवे फैक्ट चेक में पहले ही बताया है कि रिलायंस फ्रैंचाइज़ी मॉडल को नहीं अपनाता है, इसलिए पीएम मोदी के चचेरे भाई अशोकभाई मोदी भोगीलाल भाई मोदी के साथ रिलायंस मॉल के मैनेजिंग पार्टनर नहीं हो सकते हैं.

मेसेज में बाकी दावों को स्पष्ट रूप से परिभाषित नहीं किया गया है, इसलिए तथ्यों के साथ इसका विश्लेषण मुमकिन नहीं है. उदाहरण के लिये, दावे में लिखा है कि रमेश मोदी के ‘पांच स्कूल’ हैं, ये बहुत ही सामान्य बात है – न ही स्कूलों के नाम न ही उनका पता बताया गया है. पूरे देश में हज़ारों स्कूल हैं और इसलिए ये दावा फ़ैक्ट चेक कर पाना नामुमकिन है, जब तक कि रमेश मोदी खुद इसके बारे में न बताएं. ये मान के चलें कि किया जा रहा दावा ग़लत है तो कैसे कोई ऐसी चीजों के सबूत कैसे ला सकता है जो कभी थी ही नहीं? ये उस तरह के झूठ का बड़ा उदाहारण है जब झूठ इतना बड़ा और विस्तृत हो कि लोग समझें कि इसमें कुछ सच्चाई तो ज़रुर होगी. पहले भी कुछ तथ्यों (परिवार के सदस्यों के नाम और उनकी उम्र) को इस तरह ग़लत दावों के साथ पेश किया गया है कि वो सच लगें. ये राजनीति में दोनों पक्षों से की जाने वाली आम तकनीक है ताकि अफ़वाहों को लोग सच मानें और व्यक्तिगत पूर्वाग्रहों पर विश्वास करने लगें.


वायरल मेसेज का पूरा टेक्स्ट:

1. सोमभाई (75 वर्ष)- रिटायर्ड हेल्थ ऑफ़िसर, वर्तमान में गुजरात में रिक्रूटमेंट बोर्ड के अध्यक्ष

2. अमृतभाई मोदी (72 वर्ष) पहले प्राइवेट फ़ैक्ट्री में कम करते थे, अब अहमदाबाद और गांधीनगर के सबसे बड़े रियल स्टेट बिज़नेसमैन हैं.

3. प्रह्लादभाई मोदी (64 वर्ष) की राशन की दुकान थी, अब अहमदाबाद और वडोदरा में हुंडई, मारुती और होंडा के चारपहिया शोरूम्स हैं.

4. पंकज मोदी (58 वर्ष) पहले सूचना विभाग में थे, आज सोमभाई के साथ रिक्रूटमेंट बोर्ड के उपाध्यक्ष हैं.

5. भोगी लाल मोदी (67 वर्ष) एक किरयाने की दुकान चलते थे, आज अहमदाबाद, सूरत और वडोदरा में रिलायंस मॉल के मालिक हैं.

6. अरविन्द मोदी (64 वर्ष) का रद्दी का काम था, आज रियल स्टेट और बड़ी कंस्ट्रक्शन कंपनियों के स्टील कांट्रेक्टर हैं.

7. भारत मोदी (55 वर्ष) एक पेट्रोल पंप पर काम करते थे. आज वो अहमदाबाद में अगियाराज़ पेट्रोल पंप ( Agiaras Petrol Pump) के मालिक हैं.

8. अशोक मोदी (51 वर्ष) की पतंग और किरयाने की दुकान थी. आज रिलायंस मॉल में भोगीलाल भाई मोदी के पार्टनर हैं.

9. चंद्रकांत मोदी (48 वर्ष) पहले गौशाला में काम करते थे. आज अहमदाबाद, गांधीनगर में उनके 9 बड़े डेरी उत्पादन केंद्र हैं.

10. रमेश मोदी (57 वर्ष) जो एक शिक्षक थे, आज 5 स्कूल, 3 इंजीनियरिंग कॉलेज, आयुर्वेद, होमियोपैथी, फिज़ियोथेरेपी और मेडिकल कॉलेज के मालिक हैं.

11. भार्गव मोदी (44 वर्ष) जो ट्यूशन सेंटर में काम करते थे, आज रमेश मोदी की संस्थाओं में पार्टनर हैं.

12. बिपिन मोदी (42 वर्ष) अहमदाबाद लाइब्रेरी में काम करते थे. आज वो KG से12वीं तक की स्कूल किताबें सप्लाई करने वाले एक पब्लिशिंग कंपनी में पार्टनर हैं.

1 से 4 तक पीएम मोदी के भाई हैं
5 से 9 तक मोदी के चचेरे भाई हैं.
10 जगजीवन दास मोदी, चाचा के बेटे
11 भार्गव कांतिलाल और 12 बिपिन, दोनों जयंतीलाल मोदी (पीएम के सबसे छोटे चाचा) के बेटे हैं.

कहते हैं कि मोदी अपने रिश्तेदारों के सामने घास भी नहीं डालते हैं. लेकिन ये साफ़ हो चुका है कि सभी लखपति और कुछ तो करोड़पति हैं.


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