“#अनपढ़_जाहिल_कांग्रेसी लोग मोदी सरकार के करोड़ों के प्रोजेक्ट को नुक्सान पंहुचाते हुए…. फिर कहेंगे कि कहां है विकास….? हमें तो बिजली मिलती ही नहीं….! #आतंकवादी_कांग्रेस के बहकावे में लोग अपना भला – बुरा भी भूल चुके हैं”

इस सन्देश के साथ सोशल मीडिया पर एक वीडियो फिर से वायरल हुआ है। इस सन्देश के अनुसार ये लोग जो वीडियो में दिख रहे हैं कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए है और मोदी सरकार द्वारा लगाए गए सोलर पावर प्रोजेक्ट तोड़ रहे है। एक फेसबुक पेज ‘ऑय सपोर्ट नरेंद्र भाई मोदी बीजेपी‘ ने यह वीडियो शेयर किया है, जिसको तकरीबन 1 लाख से भी ज्यादा बार देखा गया है और 3700 से ज्यादा बार साझा किया गया है।

#अनपढ़_जाहिल_कांग्रेसी लोग मोदी सरकार के करोड़ों के प्रोजेक्ट को नुक्सान पंहुचाते हुए…. फिर कहेंगे कि कहां है विकास….? हमें तो बिजली मिलती ही नहीं….! #आतंकवादी_कांग्रेस के बहकावे में लोग अपना भला – बुरा भी भूल चुके हैं

Posted by I Support Narendra Bhai Modi Bjp on Sunday, 7 October 2018

फेसबुक पर काफी यूजर्स ने भी इसे शेयर किया है। एक फेसबुक यूजर भावसिंह मोरी ने तीन महीने पहले ये वीडियो इसी कहानी के साथ पोस्ट किया था, जिसे 6,67,000 बार देखा गया और 22,000 से भी ज़्यादा बार शेयर किया गया। अपनी फेसबुक प्रोफाइल में मोरी खुद को ‘भाजपा में युवा कार्यकर्ता’ बताते हैं।

अलग अलग दावे के साथ प्रसारित

फरवरी महीने में इसी वीडियो को इस दावे के साथ प्रसारित किया गया था कि ये भाजपा के खिलाफ विपक्ष की चाल है, और युवा नेता हार्दिक पटेल और जिग्नेश मेवानी को सोलर पैनल की तोड़फोड़ के लिए ज़िम्मेदार ठहराया।

देखिए,#हार्दिक_पटेल, #जिग्नेश के कारनामों को फिर कहेंगे कि सरकार ने विकास ही नहीं किया..😡
और बोलेंगे हमारे गाँव में…

Posted by महाराजा फतेह अग्रसेन on Monday, 19 February 2018

इस वीडियो के साथ गढ़ी हुई कहानियां सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं है। इस वीडियो को सेनेगल में कार्यकर्ताओं ने चीनी सोलर पैनल को तोड़ते हुए बताकर भी शेयर किया गया है

कई महिने पहले ही इसका पर्दाफाश

ऑल्ट न्यूज़ ने बहुत पहले ही इस वीडियो की तथ्य जांच की थी। मार्च 2018 में एक पाकिस्तानी टीवी चैनल ने ये दावा किया था कि एक भाजपा कार्यकर्ता, अशोक सक्सेना ने कहा कि सौर ऊर्जा का इस्तेमाल सूर्य भगवान को आक्रोशित कर देता है। ये बात सुनकर लोग ने सोलर पैनल नष्ट करने लगे। आम आदमी पार्टी के आधिकारिक फेसबुक ग्रुप में भी इस दावे के साथ वीडियो शेयर किया था। ये बात गौर करने लायक है कि 2014 के 16वें लोक सभा चुनाव में अशोक सक्सेना नाम के कोई सांसद है ही नहीं।

जैसा कि अक्सर होता है, हमने पाया कि ये वीडियो फरवरी 2018 में चालीसगाँव, महाराष्ट्र में एक सोलर प्रोजेक्ट में हुए एक घटना का है। पर्यावरण के मुद्दों पर लिखने वाली क्लाइमेट समुराई की एक रिपोर्ट के अनुसार, ये लोग वहाँ काम करने वाले मज़दूर है, जो अपनी तनख्वा नहीं मिलने पर सोलर पैनल को नष्ट कर रहे है। ऑल्ट न्यूज़ ने क्लाइमेट समुराई से भी इस बारे में बात कर इसकी पुष्टि की है।

जैसा कि पोस्ट में देखा जा सकता है, ऐसा कई बार पाया गया है की ऐसे वीडियो सोशल मीडिया पर बार बार प्रसारित हो जाते है और हर बार राजनैतिक पक्षपातों को मजबूत करने वाली कहानियों के साथ। उपभोक्ताओं को हम प्रोत्साहित करते है की सोशल मीडिया पर आने वाली छवि और वीडियो की इंटरनेट पर कई साइट्स से दुतरफी पड़ताल करें। इस केस में एक साधारण गूगल सर्च आपको सच बता देता।

अनुवाद: ममता मंत्री के सौजन्य से

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About the Author

Jignesh is a writer and researcher at Alt News. He has a knack for visual investigation with a major interest in fact-checking videos and images. He has completed his Masters in Journalism from Gujarat University.