फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने 12 नवंबर को जेएनयू के छात्र नेता रहे कन्हैया कुमार की एक वीडियो क्लिप को ट्वीट किया और कहा, “आजादी प्रेमी, अर्बन नक्सल के मसीहा और टुकड़ों के पैगंबर सेक्युलर जनाब अपने धर्म के बारे में सार्वजनिक रूप से बात कर रहे हैं – (अनुवादित)।“ इस वीडियो को अबतक 43,000 से अधिक बार देखा गया है।
BREAKING: Azaadi premi, #UrbanNaxals ke maseeha, tukdon ke paigambar, Secular Janaab Kanhaiya taking about his religion publicly. pic.twitter.com/xAiGrdGj1L
— Vivek Agnihotri (@vivekagnihotri) November 12, 2018
अग्निहोत्री द्वारा पोस्ट की गई 35 सेकेंड की इस क्लिप में कन्हैया को यह कहते सुना जा सकता है- “हमारा इतिहास यहाँ से जुड़ा हुआ है। हम सारे के सारे लोग अरब से चलकर यहाँ नहीं आए हैं, हम यहीं पे पले हैं बढ़े हैं और उस धर्म की जो खासियत थी और जो पुराने धर्म थे, जिसमें छुआछूत था उसकी वजह से लोगों ने छोड़कर के इस धर्म को अपनाया है क्योंकि यह पीस की बात करता है बराबरी की बात करता है। मस्जिद में जो है ऊंच-नीच नहीं होता है इस आधार पर हम इस धर्म को अपनाए हैं इसको छोड़ कर के हम नहीं जाएंगे। हम खुद को भी बचाएंगे और अपने कौम को बचाते हुए इस देश को भी बचाएंगे ये हमारी बुनियादी जिम्मेदारी है। अल्लाह के पास बहुत ताकत है, अल्लाहताला हमारी रक्षा करेंगे।”
उपर्युक्त वीडियो को देखकर, ऐसा प्रतीत होता है जैसे कन्हैया कुमार बता रहे हैं कि उनका धर्म इस्लाम है। अग्निहोत्री जब कहते हैं, “अपने धर्म के बारे में सार्वजनिक रूप से बात कर रहे”, तब शायद वह इसी का जिक्र कर रहे हैं।
कन्हैया कुमार के पूरे भाषण के तीन अलग-अलग हिस्सों के टुकड़ों को मिलाकर बनाया गया यह 35 सेकंड का वीडियो क्लिप
ऑल्ट न्यूज ने पाया कि अग्निहोत्री द्वारा ट्वीट की गई 35 सेकंड की क्लिप वन चैनल (One Channel) द्वारा पोस्ट किए गए 34:31 मिनट के वीडियो का हिस्सा थी। क्लिप में वन चैनल के लोगो के स्थान पर,’BJP Social Media’ के मोहर पर सुपरइम्पोज किया हुआ बंगाली शब्द ‘द्यूतीमान’ था, जिसका अर्थ है प्रकाश डालने वाला।
अग्निहोत्री द्वारा पोस्ट किए गए कन्हैया के बयान को मूल वीडियो में 11:50वें मिनट से, सुना जा सकता है। वह महाराष्ट्र के नांदेड़ में अगस्त में आयोजित एक कार्यक्रम ‘कन्हैया के साथ संवाद’ में बोल रहे थे।
इस अवसर पर भीड़ को संबोधित करते हुए कन्हैया ने मौलाना अबुल कलाम आज़ाद का हवाला देते हुए कहा था, “देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद ने जामा मस्जिद की सीढी से तकरीर किया और कहा कि ये मुल्क हम सब का है। किसी के कहने पे हम कहीं नहीं चले जाएंगे। इस मुल्क की मिट्टी में हमारा भी खून पसीना है। हमारा इतिहास यहाँ से जुड़ा हुआ है। हम सारे के सारे लोग अरब से चलकर के यहाँ नहीं आए हैं, हम यहीं पे पले हैं बढ़े हैं और उस धर्म की जो खासियत थी और जो पुराने धर्म थे, जिसमें छुआछूत था उसकी वजह से लोगों ने छोड़कर के इस धर्म को अपनाया है क्योंकि यह पीस की बात करता है बराबरी की बात करता है। मस्जिद में जो है ऊंच-नीच नहीं होता है इस आधार पर हम इस धर्म को अपनाए हैं इसको छोड़ कर के हम नहीं जाएंगे। और तब इस देश के मुसलमानों ने इस देश में रहने का फैसला लिया था।”
अग्निहोत्री द्वारा पोस्ट की गई क्लिप में मूल वीडियो के अन्य हिस्सों (15:03 और 16:01) को उपर्युक्त कथनों में जोड़ा गया था, जिनमें कन्हैया कुमार कहते हैं – “हम खुद को भी बचाएंगे और अपने कौम को बचाते हुए इस देश को भी बचाएंगे ये हमारी बुनियादी जिम्मेदारी है। अल्लाह के पास बहुत ताकत है अल्लाहताला हमारी रक्षा करेंगे।” कन्हैया कुमार ने यह कथन प्रथम पुरुष मौलाना आजाद को उद्धृत किया था नाकि इसीलिए क्योंकि उन्होंने खुद इस्लाम को अपना लिया था
15:03वें मिनट से वह कहते हैं, “कोई भी कौम का रहबर बनके आए और ये कहे कि हम धर्म बचाएंगे तो उनको भी आप बराबर जवाब दीजिये और कहिये हमारे अल्लाह के पास बहुत ताकत है, वह हमारी रक्षा करेंगे”” यह उस हिस्से से जुड़ा हुआ था जिसमें कन्हैया कुमार ने अबुल कलाम आजाद का हवाला दिया था लेकिन ऐसा लगता था कि वह एक मुसलमान के रूप में बोल रहे हैं।
मौलाना अबुल कलाम आज़ाद का उद्धरण
अपने भाषण में, कुमार ने “पुराने धर्म” के बारे में बात की जिसमें अस्पृश्यता का व्यवहार था। प्रचलित जाति व्यवस्था के कारण इसे हिंदू धर्म के संदर्भ के रूप में ही अनुमानित किया जा सकता है। दर्शकों को संबोधित करते हुए कन्हैया कुमार ने कहा कि मौलाना आजाद ने अपने मुस्लिम समर्थकों से कहा कि इस्लाम में समानता है, जबकि हिंदू धर्म में अस्पृश्यता का व्यापक व्यवहार था; इस कारण से, लोगों ने हिंदू धर्म को त्यागा और इस्लाम को अपना लिया।
कन्हैया कुमार 23 अक्टूबर, 1947 को जामा मस्जिद, दिल्ली में हुए मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के सबसे मशहूर भाषणों में से एक का जिक्र कर रहे थे। चूंकि इस भाषण की अंग्रेजी और हिंदी दोनों में ऑनलाइन उपलब्ध प्रतिलिपि, कुमार द्वारा उद्धृत शब्दों से मेल नहीं खाती है, इसलिए, ऑल्ट न्यूज़ ने आज़ाद की जीवनी लेखक सईदा हमीद से पुष्टि के लिए संपर्क किया।
सईदा हमीद ने कहा, “आजाद ने कहा था कि मुसलमान इस देश का हिस्सा हैं, उन्होंने यह नहीं कहा कि हिंदू धर्म में अस्पृश्यता के कारण लोगों ने इस्लाम को अपना लिया।“
उन्होंने कहा, “उन्होंने वास्तव में यह कहा था कि हमने वर्षों से संस्कृति को प्रभावित किया है और हिंदुओं और मुस्लिमों की एक समग्र संस्कृति का हिस्सा बन गए हैं। वास्तव में, कुरान की अपनी व्याख्या में, उन्होंने हिंदू धर्म, वेदों, पुराणों के महत्व के बारे में बात की थी। वे वह व्यक्ति थे जिन्होंने हिंदू धर्म के बारे में इस्लाम के समान आदर और सम्मान के साथ बात की थी।“
हमने कन्हैया कुमार से भी संपर्क किया जिन्होंने दावा किया कि जब उन्होंने हिंदू धर्म में अस्पृश्यता और इस्लाम में स्वीकृति की बात की थी, तो वे आज़ाद को उद्धृत नहीं कर रहे थे, बल्कि वह अपनी राय व्यक्त कर रहे थे।
इस वीडियो को लेकर फैली गलत जानकारी पर एक विस्तृत रिपोर्ट यहां पढ़ी जा सकती है।
उपरोक्त उदाहरण विवेक अग्निहोत्री द्वारा फैलाए गए नकली समाचारों का एकमात्र उदाहरण नहीं है। इससे पहले सितंबर में, उन्होंने बीबीसी न्यूज़ (BBC News) से मिलते नाम वाली वेबसाइट की एक रिपोर्ट के आधार पर कांग्रेस को दुनिया के सबसे भ्रष्ट दलों में से एक बताया था। उसी महीने, अभिनेत्री स्वरा भास्कर को लेकर अपमानजनक ट्वीट करने के बाद अग्निहोत्री का ट्विटर अकाउंट सस्पेंड कर दिया गया था। उपर्युक्त मामले में, जहां कन्हैया कुमार मौलाना अबुल कलाम आजाद को गलत तरीके से उद्धृत करते दिखे, इस बात को लेकर कोई विवाद नहीं है कि जेएनयू नेता ने इस्लाम को अपनाया था, बल्कि केवल उस धर्म पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।
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