भाजपा सदस्य प्रीति गांधी ने 21 अक्टूबर को एक तस्वीर ट्वीट किया जिसमें एक महिला ऑफ़िसर की तस्वीर के बगल में एक महिला मजदूर की तस्वीर थी जो सिर पर सिलबट्टा लिए खड़ी है. ट्वीट में उन्होंने लिखा, “महाराष्ट्र के भंडारा की 2 बच्चों की मां, पद्मशीला तिरपुडे से मिलिए. वो अपना गुज़ारा पहले ये भारी सिलबट्टा बेच कर करतीं थीं. उन्होंने 2017 में MPSC परीक्षा पास की और पुलिस सब-इंस्पेक्टर बनीं. उनके आत्मविश्वास और जज़्बे को सलामी. कुछ भी नामुमकिन नहीं है.!!” इसे 2,000 से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया. (ट्वीट का आर्काइव लिंक)
Meet Padmashila Tirpude, mother of two kids from Bhandara, Maharashtra. She used to sell heavy stone blocks (सिल-बट्टा) for a living. In 2017, she cleared her MPSC examination & became a police Sub-Inspector. Salute to her confidence & determination. Impossible is nothing!! pic.twitter.com/nlamiQXp5F
— Priti Gandhi – प्रीति गांधी (@MrsGandhi) October 21, 2020
इसके अगले दिन छत्तीसगढ़ से आईपीएस अधिकारी दीपांशु काबरा ने ये तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा, “परिस्थितियाँ आपकी उड़ान नहीं रोक सकती. किस्मत भले आपके माथे पर भारी पत्थर रखे लेकिन उनसे कामयाबी का पुल कैसे बनाना है ये भंडारा, महाराष्ट्र की #पद्मशीला_तिरपुडे से सीखें. पत्थर के सिलबट्टे बनाकर बेचने वाली पद्मशीला ने मेहनत की और MPAC में उत्तीर्ण होकर पुलिस उपनिरीक्षक बनीं.” इसे 1,500 से ज़्यादा बार लाइक किया गया (ट्वीट का आर्काइव लिंक). ये तस्वीर फे़सबुक और ट्विटर पर हैशटैग #पद्मशीला_तिरपुडे के साथ काफ़ी वायरल है.
न्यूज़ वेबसाइट ICB24, पत्रिका और अंबिकापुर सिटी ने भी इसपर रिपोर्ट किया. पिछले कुछ दिनों में कुछ यूट्यूब चैनल्स ने भी उनपर वीडियो अपलोड किये हैं.
दोनों तस्वीरों में अलग-अलग लोग हैं
ऑल्ट न्यूज़ ने गूगल पर कीवर्ड सर्च किया और दोनों तस्वीरों के बारे में महाराष्ट्र टाइम्स (MT) की एक रिपोर्ट मिली. पद्मशिला तिरपुडे ने बताया कि वायरल तस्वीर में दिख रही मजदूर महिला वो नहीं हैं. MT को दिए इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि उन्होंने यशवंतराव चव्हाण ओपन यूनिवर्सिटी से स्नातक किया और फिर महाराष्ट्र पुलिस सर्विस कमीशन (MPSC) की परीक्षा पास की.
पद्मशिला तिरपुडे की सक्सेस स्टोरी यशवंतराव चव्हाण ओपन यूनिवर्सिटी ने डॉक्युमेंट भी की है (PDF पेज 3 देखें). इसमें परिवार के साथ ब्लैक ऐंड व्हाइट में उनकी तस्वीर भी है जो वायरल हो रही है. ये तस्वीर 2013 में ही महाराष्ट्र के सकल न्यूज़ ने ट्वीट कर लिखा था, “मजदूर की पत्नी बनीं इंस्पेक्टर! (मजुराची बायको झाली फौजदार!)”
ऑल्ट न्यूज़ ने महाराष्ट्र के एक पत्रकार से संपर्क किया जिन्होंने बताया कि पद्मशिला तिरपुडे की फ़िलहाल नागपुर में पोस्टिंग है. पद्मशिला तिरपुडे ने ऑल्ट न्यूज़ से बात की और कऩ्फर्म किया, “ये तस्वीर (महिला मजदूर) कुछ सालों से वायरल है. साड़ी नहीं वर्दी वाली महिला मैं हूं.”
पद्मशिला तिरपुडे के बारे में ये ग़लत दावे 2017 से ही चले आ रहे हैं. फे़सबुक यूज़र प्रवीन जे गुप्ता ने ये वायरल इमेज पोस्ट की थी और इसे करीब 10,000 बार शेयर किया गया था. हमें इस दावे वाले 2017 के ट्विटर पोस्ट्स भी मिले (पोस्ट 1, पोस्ट 2 ).
महाराष्ट्र की पुलिस सब-इंस्पेक्टर पद्मशिला तिरपुडे की एक तस्वीर 2017 से ही वायरल है. इस तस्वीर की तुलना एक अन्य तस्वीर से की जा रही है जिसमें एक मज़दूर महिला सिर पर सिलबट्टा लिए खड़ी है. साथ ही ये दावा किया जा रहा है कि ये पद्मशिला तिरपुडे हैं और अफ़सर बनने से पहले सिलबट्टा बेचकर गुज़ारा करती थीं. पद्मशिला तिरपुडे ने ऑल्ट न्यूज़ को बताया कि ये दावा बिलकुल ग़लत है.
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