सोशल मीडिया पर एक व्यक्ति की तस्वीर वायरल है. तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि ये शख्स लखनऊ का रहनेवाला राजेश तिवारी है. राजेश को UPSC सिवल सर्विस की परीक्षा में 643 मार्क्स मिले हैं लेकिन जनरल केटेगरी का कट ऑफ़ 689 है. इसलिए राजेश परीक्षा में पास नहीं हुआ. साथ में SC/ST का कट ऑफ़ 601 बताया गया है. इसी के चलते सोशल मीडिया यूज़र्स आरक्षण खत्म करने की मांग कर रहे हैं. ट्विटर हैन्डल ‘@SyntaxErrorism’ने वायरल मेसेज के साथ ये तस्वीर ट्वीट की है. (आर्काइव लिंक)
He is Rajesh Tiwari, 29, Lucknow. The Only person who earns in the family of Seven Members.
He Got 643 Marks in UPSC Civil Services exam this year, But Failed coz Cut Off for General Category was 689 this year.
For SC/ST it was 601.
1/3 pic.twitter.com/UH6I9f9iH9
— Syntax Error (@SyntaxErrorism) June 2, 2021
ट्विटर हैन्डल ‘@AdvAshutoshDube’ ने भी इसी दावे के साथ ये तस्वीर ट्वीट की. (आर्काइव लिंक)
He is Rajesh Tiwari, I am not Against any Caste. I want equality.
He Got 643 Marks in the UPSC Civil Services exam this year, But Failed coz Cut Off for Open Category was 689, 3 years ago.
For SC/ST it was 601, the one who has got 601 will become our next Bureaucrat? pic.twitter.com/7xxj83sfV1
— ADV. ASHUTOSH J. DUBEY🇮🇳 (@AdvAshutoshDube) June 3, 2021
ट्विटर और फ़ेसबुक पर ये तस्वीर वायरल है.
इसके अलावा हमने देखा कि ये तस्वीर 2017 से इसी दावे के साथ शेयर की जा रही है.
फ़ैक्ट-चेक
गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें एक बांग्लादेशी वेबसाइट पर ये तस्वीर शेयर मिली. तस्वीर में दिख रहे व्यक्ति को इस वेबसाइट ने सईद रिमोन (সাঈদ রিমন ভাই) बताया है. इसी के चलते हमने की-वर्ड्स सर्च के साथ दोबारा गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया. रिज़ल्ट में हमें बांग्लादेशी न्यूज़ पोर्टल जागो न्यूज़ का एक आर्टिकल मिला. आर्टिकल में बताया गया है कि सईद रिमोन सड़क दुर्घटना को लेकर लोगों के बीच जागरूकता फैलाने का काम करते हैं. सईद ये काम तकरीबन 7-8 सालों से कर रहे हैं. वो स्कूल, कॉलेज के बच्चों के बीच सड़क दुर्घटना से जुड़ी पर्ची बांटते हैं और उनमें दुर्घटना से जुड़ी जानकारी शेयर करते हैं.
इस वेबसाइट पर सईद रिमोन के बारे में और भी कई आर्टिकल्स हैं. इनमें से एक आर्टिकल में सईद के फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल का लिंक शेयर किया गया है. सईद के फ़ेसबुक अकाउंट पर हमें उनके द्वारा इस तस्वीर को लेकर किये गए कुछ पोस्ट्स मिलें. 5 जून की पोस्ट में सईद ने लिखा है, “ये तस्वीर भारतीय सोशल मीडिया पर बेरोजगारी के दावे से शेयर की गई है. साथ में मेरी पहचान गलत तरीके से राजेश तिवारी के रूप में की गई है.” इससे पहले 2 जून को भी सईद ने ऐसे एक वायरल दावे को ग़लत बताया था.
सईद ने ये तस्वीर 30 नवम्बर 2016 को शेयर की थी. उन्होंने ये तस्वीर पोस्ट करते हुए बांग्लादेश में बेरोजगारी का मुद्दा उठाया था.
और भी कुछ बांग्देलाशी वेबसाइट पर ये तस्वीर शेयर की गई है. BBC बांग्ला और ढाका ट्रिब्यून ने भी सईद रिमोन के जागरूकता अभियानों के बारे में रिपोर्ट लिखा है.
कुल मिलाकर, बांग्लादेश के रहनेवाले सईद रिमोन की पुरानी तस्वीर हाल में भारतीय सोशल मीडिया पर राजेश तिवारी की बताकर आरक्षण खत्म करने की मांग के साथ शेयर की जा रही है.
दैनिक जागरण की स्टोरी का फ़ैक्ट-चेक, प्रयागराज में गंगा के किनारे दफ़न लाशे ‘आम बात’ हैं?
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.