सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है जिसके साथ कथित तौर पर हिंदू भीड़ द्वारा एक ईसाई व्यक्ति को पीटे जाने का दावा किया जा रहा है. वीडियो शेयर करने वाले लोगों ने भारत की सांप्रदायिक एकता के बारे में अपनी चिंता जताई. ट्विटर पर साउथ एशियन ह्यूमन राइट्स वॉच नामक एक हैंडल ने ये वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, “भारत में मॉब लिंचिंग की बढ़ती प्रवृत्ति कैमरे में कैद हुई, हिंदूओं की भीड़ ने एक ईसाई व्यक्ति पर निर्दयी तरीके से हमला किया. सांप्रदायिक हिंसा और धार्मिक असहिष्णुता के मामले बढ़ रहे हैं, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को इस स्थिति पर ध्यान देना चाहिए.” (आर्काइव)
Rising trend of mob lynching in India captured on camera as a Hindu mob brutally attacks a Christian. Concerns over communal violence and religious intolerance escalate, the international community must take notice of this situation.#MobLynching #India #ReligiousIntolerance pic.twitter.com/LxyK3Q6di0
— South Asian Human Rights Watch (@SAHR_Watch) March 16, 2023
शिरीन खान ने एक ट्वीट में ऐसा ही दावा किया था. उन्होंने लिखा: “भारत में हिंदूओं की भीड़ द्वारा एक ईसाई पर क्रूर हमला. एक ऐसा देश जहां मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ रही हैं.’
Brutal attack on a Christian by a Hindu mob in India,
A country where mob lynchings are on the rise.
pic.twitter.com/YytPlHGhXE— Shirin Khan (@Shirinkhan0) March 17, 2023
ये वीडियो फ़ेसबुक पर भी ऐसे ही दावों के साथ वायरल है.
फ़ैक्ट-चेक
ऑल्ट न्यूज़ ने वीडियो के एक की-फ़्रेम का रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें इंडियन एक्सप्रेस का 23 दिसंबर, 2022 का एक आर्टिकल मिला. इस आर्टिकल में वायरल वीडियो का एक स्क्रीनग्रैब शामिल था. आर्टिकल का टाइटल था, ‘वडोदरा में दलित युवकों पर ‘हमला’ के आरोप में पांच हिरासत में.’
रिपोर्ट में बताया गया है कि अल्पेश परमार (वणकर) नामक एक दलित युवक पर वडोदरा के सात लोगों ने हमला किया था. पुलिस ने उनमें से पांच की पहचान कर उन्हें हिरासत में ले लिया. घटना वडोदरा के सेवासी कैनाल सड़क पर हुई.
हमने ये भी नोटिस किया कि कांग्रेस विधायक और दलितों के अधिकारों के अधिवक्ता जिग्नेश मेवाणी ने ये वीडियो को ट्विटर पर पोस्ट करते हुए कानून प्रवर्तन अधिकारियों से इस प्रकार के अपराधों को रोकने का आग्रह किया था.
गुजरात में गुंडाराज !
ऊना कांड के वक्त मोदी जी ने कहा था- “मारना है तो मुझे मारो, मेरे दलित भाईयो को नहीं” लेकिन प्रशासन द्वारा यह सुनिश्चित ही नहीं किया गया की दुबारा इस प्रकार की घटनाएं न घटे। नतीजा-कल वडोदरा जिले में दलित युवक की सरेआम लिंचिंग करने की कोशिश हुई। @dgpgujarat pic.twitter.com/k4LxL87zJN
— Jignesh Mevani (@jigneshmevani80) December 22, 2022
द टाइम्स ऑफ़ इंडिया और डेक्कन हेराल्ड जैसे कई अन्य मीडिया संगठनों ने इस घटना को कवर किया था. टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने वडोदरा (ग्रामीण) SP रोहन आनंद के हवाले से बताया था, “जिस लड़की के साथ वो (परमार) खड़ा था (हमले के समय), उसने कहा है कि वो उसे ऑनलाइन स्टॉक कर रहा था. 11 दिसंबर को वो एक जगह से इंस्टाग्राम लाइव कर रही थी और परमार को लड़की के लोकेशन के बारे में पता चला जिसके बाद वो वहां पहुंचा और उससे बात करने लगा. आरोपी कुछ ही मिनटों में वहां पहुंचे और परमार को पीटना शुरू कर दिया.”
दिव्य भास्कर और BBC गुजराती ने भी इस घटना की रिपोर्ट में यही सब बातें लिखी हैं.
कुल मिलाकर, वडोदरा के एक दलित व्यक्ति को कथित तौर पर एक महिला को ऑनलाइन स्टॉक करने की वजह से कुछ लोगों ने पीटा था. इस घटना का वीडियो हिंदुओं द्वारा एक ईसाई व्यक्ति पर हमला किए जाने के झूठे दावे के साथ शेयर किया गया और सोशल मीडिया यूज़र्स ने इसको लेकर भारत में सांप्रदायिक सद्भाव के बारे में चिंता जताई.
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