व्हाट्सएप्प पर कुछ समय से एक मैसेज वायरल हो रहा है जिसमें महिला सुरक्षा को लेकर एक नंबर दिया गया है। मैसेज में लिखा है, “अकेले सफर करने वाली महिलाओं के हित में जारी। आप जब भी अकेले रात में ऑटो या टैक्सी में बैठें तो उस ऑटो या टैक्सी का नम्बर 9969777888 पर sms कर दें आपके फोन पर मैसेज आएगा एक्नॉलेजमेंट का, आपके वाहन पर GPRS से नजर रखी जायेगी।”
पिछले साल भी कुछ इसी तरह का संदेश फेसबुक पेज Yogi Adityanath – True Indian ने एक पोस्ट में साझा की थी, जिसमें दावा किया गया है कि जो महिलाऐं रात में अकेले सफर करती है, वे अपनी रिक्शा या टैक्सी का नंबर पुलिस को 9969777888 नंबर पर भेज सकती है, जिससे पुलिस उस वाहन को GPRS के माध्यम से ट्रैक कर सके। पोस्ट में लोगों सेआग्रह किया गया है कि, “इस मेसेज को ज्यादा से ज्यादा शेयर, क्या पता अगला शिकार हमारा कोई अपना हो।” इस कथित अधिसूचना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर के साथ साझा किया गया है। इससे यह दिखाने की कोशिश की गई है कि इस पहल को सरकार द्वारा शुरू किया गया था। इसे 3,500 से ज़्यादा लोगों ने साझा किया है।
महिलाओ के हित में जारी एक आवश्यक सूचना।
Posted by Yogi Adityanath – True Indian on Monday, 23 July 2018
इस अधिसूचना को व्यापक रूप से ट्विटर पर भी विभिन्न भाषाओ में साझा किया गया है।
ऑल्ट न्यूज़ ने आगे देखा और पाया कि यह संदेश 2014 से सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहा है, जिसे विभिन्न दावों के साथ अलग-अलग सरकार की पहल बताकर साझा किया गया है जिसमें – महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना और दिल्ली और अन्य सरकार शामिल है।
सच क्या है?
इस पहल को मार्च 2014 में मुंबई पुलिस ने विश्व महिला दिवस के मौके पर, हैदराबाद की तकनीकी विशेषज्ञ ईस्टर अनुह्या के बलात्कार और हत्या के बाद शुरू किया था। यह हेल्पलाइन नंबर मुंबई पुलिस और MTNL से जुड़ा हुआ था। मुसीबत में पड़ी कोई भी महिला 100 नंबर डायल कर सकती है और उसकी मोबाइल लोकेशन की मदद से एक पीसीआर वैन उसकी मदद के लिए भेजी जाएगी। हालांकि, इसे सोशल मीडिया में शुरुआत से ही विभिन्न दावों से प्रसारित किया गया है।
दोनों, दिल्ली और बेंगलुरु पुलिस ने 2016 में इस झूठे दावे को खारिज किया था।
(1/3) Messages on Social Media regarding launch of Delhi Police Women Helpline SMS # 9969777888 for GPS tracking of Auto/Taxi are not true.
— Delhi Police (@DelhiPolice) March 31, 2016
जैसा कि यह दावा अभी भी वायरल है, बेंगलुरु पुलिस ने मई 2018 में फिर से इसे स्पष्ट किया था कि ऐसा कोई भी प्रोटोकॉल मौजूद नहीं है।
Fake message is floating on Whatsapp regarding this number as BCP’s Women Helpline. The number does not belong to BCP
People are requested not to believe or share this fake message. Stringent action will be taken against those who create and spread fake messages on social media pic.twitter.com/cG7Ky81dqd
— BengaluruCityPolice (@BlrCityPolice) June 1, 2018
इसके अलावा, पीएम मोदी की तस्वीर का उपयोग करना भी वाजिब नहीं है, क्योंकि इस पहल को मार्च 2014 में शुरू किया गया था, जब मोदी प्रधानमंत्री नहीं थे।
ऑल्ट न्यूज़ ने इस नंबर पर एक संदेश भेजा और हमें एक जवाब मिला –“आपकी जानकारी के लिए धन्यवाद। किसी इमर्जन्सी के लिए 100 नंबर डायल करे -मुंबई पुलिस। आपकी सेवा में – MTNL”। हालांकि, यह संदेश ऑटो जनरेटेड है और यह नंबर फ़िलहाल निष्क्रिय है। Mid-Day की मार्च 2017 की रिपोर्ट बताती है कि इस पहल को बंद कर दिया गया क्योंकि इसके प्रति महिलाओं की प्रतिक्रिया काफी कम थी।
SM Hoax Slayer ने भी पिछले साल सोशल मीडिया में प्रसारित हो रही इस अफवाह को ख़ारिज किया था, जिसमें इस हेल्पलाइन के बंद होने की भी जानकारी दी गई थी।
फ़र्ज़ी खबर फ़ैलानेवालों में एक समानता यह है कि वे विभिन्न संदेशों के माध्यम से प्रोपोगेंडा को प्रसारित करते है। पहले भी, सॉइल मीडिया में एक फ़र्ज़ी संदेश कि ‘1098’ सेवा को प्रधानमंत्री ने शुरू किया है। इसमें दावा किया गया था कि इस “चाइल्ड हेल्पलाइन” नंबर पर फ़ोन करने से आप अपने बचे हुए खाने को ज़रूरतमंद बच्चों तक पंहुचा सकते हो। व्हाट्सएप या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित होने वाले किसी भी वायरल संदेश को संदेह से देखा जाना चाहिए और उसके तथ्यों की जांच करनी चाहिए।
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.