पेड़ से बंधे एक व्यक्ति को ज़बरदस्ती बोतल से कुछ पिलाने और मारने का वीडियो सोशल मीडिया में काफ़ी शेयर हो रहा है. सामाजिक कार्यकर्ता कुश अम्बेडकरवादी ने ये वीडियो राजस्थान में दलित युवक के साथ हुए अत्याचार का बताकर 30 जुलाई को ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, “राजस्थान में दलित उत्पीड़न चरम पर है। बाढ़मेर में एक दलित समाज के व्यक्ति को खम्बे से बांधकर पेशाब पिलाने की घटना स्तब्ध कर देने वाली है लेकिन न्याय की उम्मीद किससे करें ?” आर्टिकल लिखे जाने तक इस वीडियो को करीब 2 लाख 67 हज़ार बार देखा और 3,800 से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया है. (ट्वीट का आर्काइव लिंक)
राजस्थान में दलित उत्पीड़न चरम पर है। बाढ़मेर में एक दलित समाज के व्यक्ति को खम्बे से बांधकर पेशाब पिलाने की घटना स्तब्ध कर देने वाली है लेकिन न्याय की उम्मीद किससे करें ? @Mayawati @BhimArmyChief @ReallySwara @anubhavsinha @anuragkashyap72 pic.twitter.com/e5pIhfTXlL
— कुश अम्बेडकरवादी (کش) (@Kush_voice) July 30, 2020
ट्विटर यूज़र ‘द दलित वॉइस’ ने ‘#DalitLivesMatter’ के साथ ये वीडियो ट्वीट किया है.
Dalit oppression is at a peak in Rajasthan.
Some dominate caste mob torturing a dalit, man tied with rope and forcing to drink urine publically.#DalitLivesMatter pic.twitter.com/g0UjCuklZA— The Dalit Voice (@ambedkariteIND) July 30, 2020
दलित अधिकार ऐक्टिविस्ट और गुजरात के वडगाम स्वतंत्र विधायक जिग्नेश मेवानी ने ‘द दलित वॉइस’ के ट्वीट को कोट ट्वीट करते हुए सवाल किया “ये क्या है? ये अमानवीय और भयावह घटना है. अशोक गहलोत की सरकार को अब तो कोई कदम उठाना ही होगा. इस घटना में सभी आरोपियों की गिरफ़्तारी ही पर्याप्त नहीं होगी. संबंधित DM और SP से भी पूछा जाए कि इस हिंसा को रोकने के लिए उन्होंने क्या कदम उठाए हैं.” आर्टिकल लिखे जाने तक मेवानी के ट्वीट को 1,800 बार रीट्वीट किया जा चुका है. (ट्वीट का आर्काइव लिंक)
[मेवानी के ट्वीट के मूल शब्द – “What the hell? This is absolutely obnoxious, inhuman and horrendous. @ashokgehlot51 government must act now, like right now. Not only all the accused be arrested but an explanation be sought from concerned DM and SP as to what preventive measures did u take to stop such violence?”]What the hell? This is absolutely obnoxious, inhuman and horrendous. @ashokgehlot51 government must act now, like right now. Not only all the accused be arrested but an explanation be sought from concerned DM and SP as to what preventive measures did u take to stop such violence? https://t.co/1EKsgMtyo2
— Jignesh Mevani (@jigneshmevani80) July 30, 2020
एक फ़ेसबुक यूज़र ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को टैग करते हुए ये वीडियो इसी दावे के साथ पोस्ट किया है. इस वीडियो को आर्टिकल लिखे जाने तक 2 हज़ार से ज़्यादा बार देखा जा चुका है. ट्विटर और फ़ेसबुक, दोनों पर ये वीडियो इसी मेसेज से वायरल है.
फ़ैक्ट-चेक
वीडियो में लोग राजस्थान की बोली बोल रहे हैं. इस आधार पर की-वर्ड्स सर्च से 31 जुलाई 2020 की दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट मिली. आर्टिकल में वीडियो की हकीकत बताते हुए लिखा गया कि ‘राजस्थान के बाड़मेर ज़िले के चौहटन थाना क्षेत्र के कोनरा गांव में एक व्यक्ति को कुछ लोगों ने महिला के साथ अवैध संबंध के शक में पेड़ से बांधकर पीटा था. इस आर्टिकल में पीड़ित युवक की पहचान मोगावां बाखासर निवासी भील जाति के युवक के रूप में हुई है. ये लड़का रतनपुरा में एक महिला के घर में घुसा था और रात भर वहीं रहा. आस-पास के लोगों को ये मालूम पड़ा तो सुबह होने पर इन लोगों ने लड़के को पेड़ से बांधकर पीटा और बाद में इस युवक के बाल काटकर उसे ज़बरदस्ती पेशाब पिलाया. फिर पंचायत में आरोपियों और पीड़ित व्यक्ति के बीच समझौता हो गया और ये मामला पुलिस तक नहीं पहुंचा. लेकिन घटना का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद चौहटन पुलिस ने इस मामले पर संज्ञान लिया.’ रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ़ मामला दर्ज किया है. इस रिपोर्ट में पुलिस उप अधीक्षक अजीत सिंह के हवाले से बताया गया है कि दोनों पक्ष भील जाति के हैं.
31 जुलाई को जागरण’ ने भी इस घटना के बारे में एक आर्टिकल पब्लिश किया है.
हमने बाड़मेर के एसपी आनंद शर्मा से इस मामले को लेकर बात की. उन्होंने बताया कि ये घटना दलित उत्पीड़न की नहीं बल्कि एक पारिवारिक मसले की है. वीडियो में जिस लड़के को मारा जा रहा है वो भील समुदाय (अनुसूचित जनजाति) से है जबकि उसे मारने वाले लोग भी उसी की जाती के लोग हैं. शर्मा ने बताया कि ये घटना बाड़मेर के चौहटन थाना क्षेत्र की है. इस लड़के को लोगों ने एक महिला के साथ ‘पकड़ा’ था जिसके बाद इस युवक की पिटाई कर उसके बाल छील दिए गए. ये एक पारिवारिक मसला था और इसी वजह से पुलिस में कोई शिकायत दर्ज नहीं की गयी. लेकिन घटना का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने लगा तब पुलिस ने इस मामले में खुद से शिकायत दर्ज कर कारवाई शुरू की. मामले में गिरफ़्तार हुए सभी आरोपियों के नाम नीचे पुलिस द्वारा दिए गए घटना के विवरण में देखे जा सकते हैं.
बाड़मेर पुलिस ने इस घटना के वीडियो को ग़लत संदर्भ से शेयर होता देख ट्वीट कर बताया कि ये एक पारिवारिक विवाद है. ट्वीट में ये भी बताया गया है कि इस मामले में अब तक 6 लोगों की गिरफ़्तारी हुई है.
https://t.co/BqqRSWsnrV
इस वीडियो में गलत बताया है कि एक दलित व्यक्ति को वर्चस्वी जाति द्वारा प्रताड़ित किया गया। जबकि वास्तविकता यह है कि यह घटना 5 दिन पहले पारिवारिक विवाद को लेकर घटित हुई थी। पुलिस ने प्रसंज्ञान लेते हुए अपनी तरफ से FIR दर्ज कर 6 लोगों को गिर. किया है— Barmer Police (@Barmer_Police) July 31, 2020
इस तरह, राजस्थान के बाड़मेर में एक युवक को बर्बरता से मारने और पेशाब पिलाने का वीडियो सोशल मीडिया में दलित उत्पीड़न के झूठे दावे से शेयर किया गया. पुलिस के अनुसार ये घटना एक पारिवारिक मसले की है और दावे से विरुद्ध वीडियो में दिखने वाला पीड़ित युवक न ही दलित है और न ही उसे मारने वाले लोग कथित ऊंची जाति से. पीड़ित युवक और अपराधी, दोनों भील जनजाति के हैं.
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