यूक्रेन पर रूस के हमले के बीच सोशल मीडिया पर ऐसे कई वीडियोज़ सामने आए हैं जिनमें यूक्रेन से भारतीय छात्र किसी तरह निकलने की कोशिश करते दिख रहे हैं. 28 फ़रवरी को, द इंडियन एक्सप्रेस ने रिपोर्ट किया कि यूक्रेन से भारतीय नागरिकों के बचाव की कोशिश में चार केंद्रीय मंत्री पड़ोसी देशों में भारत सरकार के विशेष दूत के रूप में जाएंगे.

इस मामले में 24 फ़रवरी से यूनाइटेड किंगडम स्थित रीयल-टाइम फ़्लाइट ट्रैकिंग सेवा, प्लेनफ़ाइंडर का एक स्क्रीनशॉट वायरल है. ये तस्वीर एयर इंडिया ट्रेजेक्टरी की उड़ान संख्या 121 (AI121) की है. दावा है कि ये यूक्रेन में फंसे हुए भारतीयों को बचाने के लिए वॉरज़ोन में उड़ान भरने वाली विमान है.

रिपब्लिक TV ने ये तस्वीर एक आर्टिकल में पब्लिश की जिसकी हैडलाइन है, “रूस-यूक्रेन वॉरज़ोन के हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने वाला एयर इंडिया अकेला बहादुर एयरलाइनर: रिपोर्ट”. बाद में ये रिपोर्ट बिना किसी सफ़ाई के हटा ली गई.

न्यूज़18 के एंकर और मैनेजिंग एडिटर अमीश देवगन और बीजेपी सरकार की ऑनलाइन सिटिजन एंगेजमेंट इनिशिएटिव ‘माईगॉव इंडिया’ के पूर्व डायरेक्टर अखिलेश मिश्रा ने 27 फ़रवरी को ये तस्वीर ट्वीट की थी. इन्होंने अपने ट्वीट अब डिलीट कर दिए हैं.

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सोशल मीडिया मॉनिटरिंग टूल क्राउडटेंगल का इस्तेमाल करके हमने देखा कि ऑनलाइन 100 से ज़्यादा अकाउंट्स ने ये तस्वीर शेयर की है. [PDF देखें] इस लिस्ट में मोदी वंस मोर और सैफ्रोन टाइगर्स जैसे सरकार समर्थक पेज शामिल हैं. सैफ्रोन टाइगर्स ने इस तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा, ” रूस यूक्रेन युद्ध क्षेत्र में आसमान में उड़ रहा ये अकेला विमान नए भारत की ताकत दिखा रहा है. जब किसी देश ने वहां उड़ान भरने की हिम्मत नहीं की ये #AirIndia है जो वहां फंसे भारतीय नागरिकों को लाने जा रहा है. पीएम नरेंद्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में ये नया भारत है. ये एक तस्वीर पूरी कहानी बयां कर रही है.” इस पोस्ट को आर्टिकल लिखे जाने तक 11 हज़ार से ज़्यादा बार शेयर किया जा चुका है साथ ही इसे 40 हज़ार से ज़्यादा लाइक मिले हैं.

फ़ेसबुक पेज ‘मोदी वन्स मोर’ ने ये तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा, “ये एयर इंडिया की रेस्क्यू फ्लाइट है…मोदी जी- आई गॉट स्वैग मित्रों!.”

इन सारे पोस्ट से पहले, 24 फ़रवरी को ट्विटर यूज़र @QuebecTango ने वायरल तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा कि कथित AI121 नो-फ्लाई ज़ोन में उड़ रहा था और इसे ‘‘Leeroy Jenkins’ (कुछ असाधारण करने पर इस्तेमाल किया जाने वाला एक वेस्टर्न स्लैंग) मोमेंट बताया. इस ट्वीट को आर्टिकल लिखे जाने तक 12 हज़ार से ज़्यादा बार रिट्वीट किया जा चुका है.

AI121 यूक्रेन-बाउंड नहीं है

यहां ध्यान दिया जाना चाहिए कि @QuebecTango के तस्वीर शेयर करने के एक दिन बाद दावा किया, “अंतिम रिजल्ट: ये ऐप में एक गड़बड़ी की वज़ह से हुआ था. ये खुद ठीक हो गया लेकिन स्क्रीनग्रैब लेने से पहले ठीक नहीं हुआ था. मैंने स्क्रीनग्रैब देखकर गड़बड़ी महसूस किए बिना ही तुरंत ‘‘Leeroy Jenkins’ वाला ट्वीट कर दिया था. अंतिम रिज़ल्ट: इसके “नकली” होने का दुख है लेकिन फिर भी इस मज़ाक से खुश हूं.” ट्विटर यूज़र @YourAnonNews ने भी इस तस्वीर को शेयर करते हुए इसे ‘मीम’ बताया.

वायरल तस्वीर में हम देख सकते हैं कि उड़ान AI121 यूक्रेन नहीं फ्रैंकफ़र्ट (जर्मनी) जा रहा है.

प्लेनफ़ाइंडर के मुताबिक, बुधवार को छोड़कर सप्ताह के सारे दिनों में AI121 चालू है. 24 फ़रवरी को गुरुवार था. यानी उड़ान चालू थी. नीचे दी गई तस्वीर प्लेनफ़ाइंडर का एक स्क्रीनशॉट है जो 24 फ़रवरी को उड़ान AI121 के ट्रेजेक्टरी का है.

ध्यान दें, प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया ने रिपोर्ट किया कि यूक्रेन के अधिकारियों ने एयरमेन (NOTAM) को नोटिस जारी करते हुए कहा गया था कि देश के भीतर नागरिक उड़ानें “संभावित खतरे के कारण बैन हैं,” जिसके बाद 24 फ़रवरी को यूक्रेन से भारतीयों को वापस लाने के लिए उड़ान भरने वाले एयर इंडिया के विमान को दिल्ली वापस बुला लिया गया था.

एयर इंडिया के एक अधिकारी ने ऑल्ट न्यूज़ को बताया, “सभी फ्लाइट्स में हवाई यातायात नियंत्रण द्वारा निर्देशित नेविगेशन मार्ग पहले से निर्धारित होते हैं. कोई भी ज़रूरत पड़ने पर और हवाई अड्डे या हवाई क्षेत्र की उपलब्धता नहीं होने पर एक NOTAM जारी किया जाता है. और बाद में, फिर से रूट बताया जाता है. मैं ये ज़रूर बताना चाहूंगा कि कोई भी कॉमर्शियल एयरक्राफ्ट नो-फ्लाई जोन घोषित किए गए किसी भी क्षेत्र (क्षेत्रों) में प्रवेश नहीं करेगा.” यानी, ये कह सकते हैं कि AI121 उड़ान के संबंध में कोई ‘‘Leeroy Jenkins’ मोमेंट नहीं हुआ था.

25 फ़रवरी को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया, “यूक्रेन से निकाले गए लोगों का पहला जत्था सुशिवा बॉर्डर से रोमानिया पहुंचा.”

कुल मिलाकर, रिपब्लिक TV और न्यूज़18 के एंकर अमीश देवगन ने बिना वेरीफ़ाई किए एक स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए ये ग़लत दावा किया कि ये 24 फ़रवरी को भारत के बचाव अभियान का है. जबकि भारत सरकार ने 25 फ़रवरी को बचाव अभियान शुरू किया था.

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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.