यूक्रेन के बॉर्डर पर दो महीने से चल रहे विवाद के बाद, रूस ने 24 फ़रवरी को एक विशेष सैन्य हमले की घोषणा की. हमले की वज़ह से हुई मौत और स्थानांतरण के बीच, कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही हैं. इन तस्वीरों में लंगर की व्यवस्था दिख रही है.
God bless you, my Sikh friends, for opening a Langar in Ukraine! 🙏🏼 pic.twitter.com/njAtHOsbmt
— Jawhar Sircar (@jawharsircar) February 27, 2022
Langar in Ukraine
❤️❤️Love sikhism❤️❤️#sikhism #HelpUkraine #UkraineRussiaWar #PutinHitler pic.twitter.com/ZcSSvgz3uD
— Devender Pal (@devpal18) February 27, 2022
कुछ यूज़र्स ये तस्वीरें शेयर करते हुए दावा कर रहे हैं कि इस्कॉन मंदिर ने मुसीबत में फंसे लोगों के लिए अपने दरवाज़े खोल दिए हैं. दावे के साथ पोस्ट की गई तस्वीर में लोगों को खाना खिलाया जा रहा है.
जय श्री कृष्णा! 🌺🙏❤️
Great to see that ISKON has opened Mandir’s doors for the distressed/stranded people in Ukraine and helping them in these difficult times.https://t.co/gwi2y2rOWn pic.twitter.com/5YIDgaGwFm
— Sumita Shrivastava🇮🇳ॐ🚩 (@Sumita327) February 27, 2022
ये तस्वीर फ़ेसबुक पर भी वायरल है.
फ़ैक्ट-चेक
ऑल्ट न्यूज़ ने देखा कि दोनों तस्वीरें पुरानी हैं और इनका यूक्रेन-रूस विवाद से कोई सबंध नहीं हैं. आर्टिकल में हम एक-एक करके इन तस्वीरों की असलियत आपको बतायेंगे.
पहली तस्वीर
लंगर की पहली तस्वीर में फ़ूड ट्रक पर ‘गुरु नानक का लंगर’ लिखा है. इस आधार पर हमने ट्विटर पर सर्च किया और हमें 2016 के एक ट्वीट में ये तस्वीर मिली.
Guru Nanak’s langar– good bye hunger!
via https://t.co/BLJ0jXwrD6 pic.twitter.com/ZpPkYVSStq— Anant Bhan (@AnantBhan) November 21, 2016
हमें 2016 का एक और ट्वीट भी मिला जिसमें बताया गया था कि तस्वीर कनाडा की हो सकती है.
Superb initiative by the Sikhs of Canada! A food van “Guru Nanak’s Langar Good Bye Hunger” which provides free food. pic.twitter.com/yzR3GA5eJC
— In the Service of Guru Gobind Singh Ji (@dashmeshpita) September 7, 2016
ऊपर दी गई तस्वीर में ‘सेवा सोसाइटी’ के फ़ेसबुक पेज के लिंक के साथ लंगर सेवा का एक पोस्टर है. हमने फ़ेसबुक पर सिख सेवा सोसाइटी सर्च किया और देखा कि उन्होंने एक बयान जारी कर ये स्पष्ट किया था कि ये तस्वीर 2016 की है और वे फ़िलहाल कनाडा के बाहर कोई सेवा नहीं प्रदान करते हैं.
It has recently been brought to the boards attention that a picture of Sikh Sewa Society’s mobile kitchen has been…
Posted by Sewa Meals for Humanity – Sikh Sewa Society on Sunday, 27 February 2022
हालांकि, ये तस्वीर पुरानी है लेकिन सिख समुदाय ने यूक्रेन से पोलिश बॉर्डर जाने वाले छात्रों के लिए कथित तौर पर “ट्रेन में लंगर” का आयोजन किया है.
दूसरी तस्वीर
जहां तक इस्कॉन भक्तों की तस्वीर का सवाल है, हमने ये तस्वीर गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च की. और हमें 2019 के एक ब्लॉग पोस्ट में ये तस्वीर मिली. तस्वीर को एक नए टैब में खोलने पर हमने URL में देखा कि तस्वीर असल में साल 2015 में पोस्ट की गई थी.
फिर हमने तस्वीर के EXIF डेटा की जांच की और EXIF डेटा के मुताबिक, इसे 29 मार्च 2015 को जीवन विल्होइट ने क्लिक किया था.
इस्कॉन के उपाध्यक्ष और प्रवक्ता राधारमण दास का एक ट्वीटर थ्रेड भी मिला जिसमें उन्होंने बताया कि यूक्रेन में इस्कॉन मंदिरों के दरवाज़े मुसीबत में फंसे लोगों के लिए खुले हैं. इस थ्रेड में खाना परोसने वाले इस्कॉन वालंटियर की एक वायरल तस्वीर भी शामिल है.
ISKCON has over 54 temples in Ukraine & our devotees & temples r committed to serve those in distress. Our doors r open for service. Hare Krishna!
To find nearest temples near you, please visit.https://t.co/iFnZQaPoqG pic.twitter.com/zlUGF84X9f
— Radharamn Das राधारमण दास (@RadharamnDas) February 26, 2022
राधारमण दास ने एक और ट्वीट करते हुए कहा कि इस्कॉन के वालंटियर ने चेचन्या युद्ध के दौरान भी ज़रूरतमंद लोगों को भोजन परोसा था.
During Chechnya war too (1995), ISKCON devotees served people without fearing for their own life. One of our devotees died due to bullet injuries while serving. Devotees had helped 850,000 of Russians, Chechens, Georgians, Armenians & victims of war giving them free food. pic.twitter.com/6vOZSzuVlE
— Radharamn Das राधारमण दास (@RadharamnDas) February 26, 2022
उनके ट्वीट की दूसरी तस्वीर इस्कॉन की वेबसाइट पर मौजूद है और इसे 2015 में अपलोड किया गया था.
संभव है कि राधारमण दास ने यूक्रेन में इस्कॉन मंदिर मुसीबत में फंसे लोगों के लिए खुले होने की घोषणा के दौरान जिस तस्वीर का इस्तेमाल किया, इसे ग़लत समझा गया और तस्वीर को हाल ही का माना गया.
लेकिन सिख समुदाय और इस्कॉन दोनों ने कथित तौर पर यूक्रेन में लोगों की सेवा के लिए कदम बढ़ाया है.
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