जम्मू-कश्मीर में करीब 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. ये चुनाव 18 सितंबर से 1 अक्टूबर तक तीन चरणों में हो रहे हैं. चुनाव नज़दीक आते ही पार्टियां न सिर्फ ज़मीनी स्तर पर प्रचार कर रही हैं, बल्कि मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए डिजिटल विज्ञापन पर भी भारी निवेश कर रही हैं. इनमें सोशल मीडिया विज्ञापन भी अहम भूमिका निभा रहा है. इस अभियान में प्रॉक्सी पेज भी शामिल हैं जो अपनी असली पहचान छिपाते हैं और किसी खास पार्टी के पक्ष में प्रचार करते हैं. ये पेज ऐसे समस्याग्रस्त विज्ञापन चलाकर अन्य प्रतिद्वंद्वी पार्टियों को निशाना बनाते हैं जिन्हें आधिकारिक पेज से चलाने में पार्टियों को कठिनाई होती है. किसी राजनीतिक पार्टी के प्रचार के अलावा, अक्सर इसमें गलत सूचना, दुष्प्रचार, हत्या का महिमामंडन, किसी समुदाय को निशाना बनाना आदि जैसे समस्याग्रस्त विज्ञापन शामिल होते हैं. इन प्रॉक्सी पेजों ने पहले कई मौकों पर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन भी किया है. ऑल्ट न्यूज़ ने कई रिपोर्टों में राजनीतिक पार्टियों द्वारा चलाए जा रहे प्रॉक्सी पेजों द्वारा किए गए उल्लंघनों को उजागर किया है.

एक बार फिर ऑल्ट न्यूज़ ने मेटा को उनकी ही पॉलिसी की उन्हें याद दिलाई और सचेत किया. हमारे द्वारा सचेत किये जाने के बाद मेटा ने ये माना कि उनकी पॉलिसी का उल्लंघन हो रहा है और उन्होंने डिसक्लेमर के माध्यम से चलाए जा रहे सक्रिय विज्ञापनों को हटा दिया.

भारतीय जनता पार्टी का प्रॉक्सी पेज ‘Unfiltered Jammu Kashmir‘ जम्मू-कश्मीर में फेसबुक और इंस्टाग्राम पर लगातार भाजपा के प्रचार में टारगेटेड विज्ञापन चला रहा है और प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों और नेताओं को निशाना बना रहा है. पिछले 30 दिनों में ‘Unfiltered Jammu Kashmir’ पेज ने फेसबुक और इंस्टाग्राम पर विज्ञापन चलाने में कुल 75 लाख रुपये से अधिक खर्च किए हैं, जिससे यह पिछले 30 दिनों में भारत में राजनीतिक विज्ञापन पर सबसे अधिक खर्च करने वाले शीर्ष 5 पेजों में से एक बन गया है.

मेटा की राजनीतिक विज्ञापन पॉलिसी के अनुसार, सामाजिक मुद्दों, चुनावों या राजनीति के बारे में फेसबुक, इंस्टाग्राम पर विज्ञापन चलाने वाले किसी भी पेज को मेटा से एक डिसक्लेमर अप्रूव करवाना होगा जिसमें विज्ञापनों के लिए भुगतान करने वाले संगठन या व्यक्ति की सटीक जानकारी मौजूद हो. यह डिसक्लेमर पारदर्शिता के लिहाज से सामाजिक मुद्दों, चुनावों या राजनीति से जुड़े विज्ञापनों पर दिखाई देता है और इसमें विज्ञापन के लिए ज़िम्मेदार संगठन या व्यक्ति के बारे में जानकारी शामिल होती है.

मेटा की विज्ञापन लाइब्रेरी को मॉनिटर करते हुए, हमने पाया कि फ़ेसबुक पेज ‘अनफ़िल्टर्ड जम्मू कश्मीर’ द्वारा एक वेबसाइट (jaagtajammu.com) के जरिए राजनीतिक विज्ञापन चलाया जा रहा था. इस डिसक्लेमर पर रिसर्च करने से पता चला कि यह मेटा के विज्ञापन मानकों का अनुपालन नहीं करता है.

मेटा की पॉलिसी स्पष्ट रूप से बताती है कि डिसक्लेमर में:

  • विज्ञापन के लिए ज़िम्मेदार इकाई या व्यक्ति की सटीक पहचान होनी चाहिए
  • यह जानकारी हर समय सटीक और मान्य होनी चाहिए

इस पेज के डिसक्लेमर में दी गई जानकारी की जांच करने पर, हमने पाया कि इस पेज द्वारा चलाए जा रहे विज्ञापनों के डिसक्लेमर में मुख्य रूप से तीन विवरण शामिल थे: वेबसाइट, ईमेल और फ़ोन नंबर. हमने तीनों विवरणों की जांच की और पाया कि वे निष्क्रिय हैं.

  • निष्क्रिय वेबसाइट: जिस वेबसाइट (jaagtajammu.com) पर इस पेज का डिसक्लेमर आधारित है, वह निष्क्रिय थी.
  • गलत ईमेल: डिसक्लेमर में मौजूद ईमेल पर हमने संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन हमें मेल डिलीवर न होने के बाउंस-बैक संदेश मिले जो दर्शाता है कि कॉनटैक्ट डिटेल्स सही नहीं थे.
  • निष्क्रिय फ़ोन नंबर: हमने डिसक्लेमर में दिए गए मोबाइल नंबर से संपर्क करने की कोशिश की और जवाब मिला कि यह नंबर अमान्य है.

वेबसाइट और कान्टैक्ट डिटेल्स के निष्क्रिय होने के कारण विज्ञापनों के पीछे की इकाई की पहचान सत्यापित नहीं की जा सकी. यह डिसक्लेमर के उद्देश्य, पारदर्शिता और जवाबदेही को पूरी तरह विफल करता है, और यह मेटा की नीति का स्पष्ट उल्लंघन है.

इन उल्लंघनों के महत्व को पहचानते हुए, विशेष रूप से चुनाव के समय, हमने फेसबुक और इंस्टाग्राम की पैरेंट कंपनी मेटा को 25 सितंबर एक विस्तृत रिपोर्ट भेजी. मेटा ने मामले की जांच की और हमें 26 सितंबर को जवाब दिया कि उन्होंने पाया कि उल्लिखित डिसक्लेमर मेटा की राजनीतिक विज्ञापन नीति का उल्लंघन करता है. मेटा ने ‘Unfiltered Jammu Kashmir’ पेज द्वारा (jaagtajammu.com) डिसक्लेमर के माध्यम से चलाए जा रहे सक्रिय विज्ञापनों को हटा दिया है और सभी विज्ञापनों पर एक नोटिस जोड़ दी है जिसमें लिखा है, “यह सामग्री हटा दी गई है क्योंकि डिसक्लेमर सामाजिक मुद्दों, चुनावों या राजनीति के बारे में विज्ञापनों के लिए हमारी नीति का पालन नहीं करता है.”

ऑल्ट न्यूज़ ने मेटा पर राजनीतिक विज्ञापनों पर स्टोरी की एक सीरीज कवर की है जिसमें मेटा की नीति का पालन नहीं करने वाले विज्ञापनदाताओं को उजागर किया गया है. नीचे कुछ ऐसी स्टोरीज़ के लिंक दिए हैं:

लेकिन कई स्टोरी और डिसक्लेमर पर कार्रवाई के बावजूद, उन पेजों पर किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की जाती है. ये पेज बाद में डिसक्लेमर को बदलकर, अस्पष्ट डिटेल्स प्रदान कर फिर से राजनीतिक विज्ञापन चलाने में सक्षम हो जाते हैं. इस मामले में भी, पेज के डिसक्लेमर और विज्ञापनों को हटाए जाने के कुछ घंटे के भीतर ही, 26 सितंबर को मेटा ने ‘अनफ़िल्टर्ड जम्मू कश्मीर’ पेज के नए डिसक्लेमर को अप्रूव कर दिया और पेज फिर से फ़ेसबुक और इंस्टाग्राम पर राजनीतिक विज्ञापन चलाना शुरू कर दिया.

प्रॉक्सी पेज अक्सर समस्याग्रस्त राजनीतिक विज्ञापन चलाते हैं, जिनमें हत्या का महिमामंडन, समुदायों को निशाना बनाना आदि शामिल हैं. डिसक्लेमर में राजनीतिक विज्ञापन चलाने वाले व्यक्ति या इकाई के बारे में अस्पष्ट जानकारी, पारदर्शिता के महत्व और सटीक प्रतिनिधित्व और जवाबदेही की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर सवाल उठता है.

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Abhishek is a senior fact-checking journalist and researcher at Alt News. He has a keen interest in information verification and technology. He is always eager to learn new skills, explore new OSINT tools and techniques. Prior to joining Alt News, he worked in the field of content development and analysis with a major focus on Search Engine Optimization (SEO).