सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है जिसमें कुछ लोग कुछ व्यक्तियों को लाठियों से पीटते हुए दिख रहे हैं. इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि राजस्थान के अलवर में मुस्लिम हिंदुओं पर हमला कर रहे हैं. (आर्काइव लिंक)

कई X यूज़र्स ने ये वीडियो ट्वीट करते हुए वायरल दावे को आगे बढ़ाया. (आर्काइव्स- लिंक 1, लिंक 2, लिंक 3, लिंक 4, लिंक 5, लिंक 6, लिंक 7, लिंक 8, लिंक 9)

This slideshow requires JavaScript.

ये वीडियो फ़ेसबुक पर भी कई बार शेयर किया गया है.

ऑल्ट न्यूज़ के व्हाट्सऐप नंबर पर भी इस वीडियो के बारे में कई रिक्वेस्ट मिली हैं.

फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने देखा कि कुछ वायरल वीडियो में ऊपरी बाएं कोने पर ‘थानागाजी’ लिखा है.

थानागाज़ी राजस्थान के अलवर ज़िले का एक गांव है. सबंधित की-वर्डस सर्च करने पर हमें कुछ रिपोर्ट्स मिलीं. इनमें वायरल वीडियो की कुछ तस्वीरें थीं. मीडिया आउटलेट पत्रिका की रिपोर्ट के मुताबिक, एक ही परिवार के दो गुटों के बीच पुश्तैनी ज़मीन और मकान को लेकर झगड़ा हुआ था. रिपोर्ट में थानागाजी पुलिस के के हवाले से बताया गया है कि सीताराम और रामस्वरूप दो भाई थे. पांच साल पहले सीताराम की मौत हो गई थी. 18 जनवरी, 2024 की शाम रामस्वरूप के बेटे रोहिताश और स्वर्गीय सीताराम के परिवार के बीच खेती की ज़मीन और मकान के बंटवारे को लेकर विवाद हिंसक झड़प में तब्दील हो गया. लाठी-डंडे और अन्य हथियारों से हुई झड़प में दोनों पक्षों के करीब एक दर्जन लोग घायल हो गए जिनमें पुरुष, महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे.

इस जानकारी की पुष्टि थानागाजी पुलिस के रमेश मीना ने भी की. ऑल्ट न्यूज़ से बात करते हुए, उन्होंने घटना में किसी सांप्रदायिक ऐंगल को ग़लत बताया और कहा कि दोनों पक्षों के बीच ज़मीन और घर के बंटवारे को लेकर विवाद था.

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, ये घटना थानागाजी थाना क्षेत्र में बिहारीसर रोड पर चीमा की ढाणी, डुहार चोगान के पास हुई. थानागाजी पुलिस ने कथित तौर पर इस मामले में सात लोगों को गिरफ़्तार किया था. पुराने मकान पर अधिकार को लेकर सत्तर साल के रामस्वरूप और 65 साल की महिला पर उनके परिवार के सदस्यों ने हमला कर दिया. चार लोग बुजुर्ग को लाठियों से पीटते रहे जबकि वो उनसे गुहार लगाते रहे.

हमें इस घटना पर अलवर के SP आनंद शर्मा का मीडियाकर्मियों को दिया गया एक बयान मिला. आनंद शर्मा के मुताबिक, सोशल मीडिया पर किए गए दावे भ्रामक हैं. ये झगड़ा एक ही परिवार के सदस्यों के बीच हुआ था. मामले को लेकर एक FIR और काउंटर FIR भी दर्ज की गई थी. उन्होंने बताया, “हिंदू-मुस्लिम ऐंगल का कोई सवाल ही नहीं है. ये एक ही परिवार है, एक ही जाति है. इस मामले में जरूरी कानूनी कार्रवाई की गई है और अभी भी कार्रवाई जारी है.” उन्होंने यूज़र्स से भ्रामक दावे शेयर न करने की भी अपील की और कहा कि ग़लत सूचना फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

अलवर पुलिस के ऑफ़िशियल हैंडल ने एक ट्वीट के जवाब में एक बयान शेयर किया जिसमें कहा गया था कि मामले में शामिल सभी व्यक्ति हिंदू हैं.

हमने मामले में दर्ज दोनों FIR को देखा. 19 जनवरी, 2024 को दर्ज़ की गई पहली FIR में रोहिताश, रामस्वरूप, जीवन, उमाशंकर, टेकचंद, निरमा, खुशबू, दयाशंकर, देवेन्द्र, मिध्रो, कृष्णा, कृपा, निशा, नीलम और रेखा को आरोपी बनाया गया है. सभी आरोपी हिंदू हैं. शिकायतकर्ता तुलसीराम शर्मा के मुताबिक, 18 जनवरी 2024 को दोपहर साढ़े 3 बजे से 4 बजे के बीच आरोपी लाठी-डंडों और अन्य हथियारों से लैस होकर अचानक शिकायतकर्ता के परिसर में जबरन घुस आए. इसके बाद शिकायतकर्ता के परिवार पर हमला किया गया जिससे उन्हें चोटें भी आईं. हमलावरों ने कथित तौर पर शिकायतकर्ता के परिवार को भागने से भी रोका. FIR में ये भी ज़िक्र किया गया है कि ये पहली बार नहीं था जब इन्होंने शिकायतकर्ता के परिवार पर हमला किया था.

दूसरी FIR में बादामी, योगेश, तुलसी, आंचल, कोमल, सतीश, जितेंद्र, रामबरोशा, सुमन, पूजा, सुशीला, गिरल, गजानंद, टीना, गोपाल, कला देवी, कृष्णा, राजन, सायर देवी और मोहित को आरोपी बनाया गया. यहां भी सभी आरोपी हिंदू समुदाय से हैं. रोहिताश की बेटी ने शिकायत दर्ज कराई जिसमें उसने दावा किया कि आरोपी व्यक्ति कथित तौर पर नुकसान पहुंचाने के लिए उनके घर में घुस आए थे और शिकायतकर्ता के परिवार को उनके पास मौजूद हथियारों से बेरहमी से पीटा गया था. इस दौरान देवेश, उमाशंकर और टेकचंद गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें इलाज के लिए थानागाजी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाना पड़ा.

कुल मिलाकर, एक ही हिंदू परिवार के दो गुटों के बीच मारपीट के एक वीडियो को सोशल मीडिया पर ग़लत सांप्रदायिक ऐंगल देकर शेयर किया गया.

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

About the Author

Student of Economics at Presidency University. Interested in misinformation.